6 अक्टूबर 2025 रायगढ़ में मौसम — बादल छाए रहने का अनुमान, हल्की बारिश की संभावना
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
रायगढ़ जिले में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने की संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 6 अक्टूबर से अगले 48 घंटों तक बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से उठी नमी के चलते रायगढ़ सहित छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में मौसम का यह बदलाव देखा जा रहा है।
रायगढ़ में मौसम — बादल छाए रहने का अनुमान
6 अक्टूबर 2025 को रायगढ़ में मौसम अपेक्षाकृत बादली रहने का अनुमान है, अधिकतम तापमान करीब 29 °C और न्यूनतम 24 °C रहेगा। The Times of India
दिन के तापमान में हल्की गिरावट और रात के तापमान में मामूली वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
अधिकतम तापमान 31°C और न्यूनतम तापमान 23°C के आसपास रहने की संभावना जताई गई है।
बारिश का कारण – बंगाल की खाड़ी से नमी का प्रवाह
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम हिस्से में एक कम दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बन रहा है।
इससे उठी नमी दक्षिण-पश्चिम दिशा में फैल रही है, जिससे रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, और जशपुर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के संकेत हैं।
छत्तीसगढ़ मौसम केंद्र ने बताया कि यह बदलाव मॉनसून के अंतिम दौर का असर है, जो कुछ दिनों के लिए फिर से सक्रिय हुआ है।
हालांकि, भारी वर्षा की संभावना नहीं है, लेकिन कभी-कभी तेज हवाओं के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
आसमान रहेगा बादलों से ढका
मौसम रिपोर्ट के अनुसार:सुबह और शाम के समय बादल घने रहेंगे।
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दोपहर तक हल्की धूप निकल सकती है, लेकिन उमस बनी रहेगी।
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रात के समय बूंदाबांदी या हल्की फुहारों की संभावना है।
रायगढ़ शहर में सोमवार से बुधवार तक मौसम आंशिक रूप से बदला रहेगा, जबकि आसपास के ग्रामीण इलाकों — सारंगढ़, घरघोड़ा, खरसिया, और पुसौर — में थोड़ी अधिक नमी और हवा की गति दर्ज की जा सकती है।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
यह मौसम किसानों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आ सकता है।
जहां धान की फसल को नमी से फायदा होगा, वहीं कटाई की प्रक्रिया में लगी फसलों को नुकसान भी हो सकता है।
कृषि विशेषज्ञों की सलाह
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जिन खेतों में धान की कटाई शुरू हो गई है, वे कटे हुए अनाज को खुले में न रखें।
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बारिश की संभावना को देखते हुए धान सुखाने के लिए तिरपाल या ढका हुआ स्थान उपयोग करें।
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सब्जियों और मूंगफली की फसलों में जलभराव से बचने के लिए नालियों की सफाई रखें।
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हल्की बारिश से मिट्टी की नमी बढ़ेगी, जो रबी फसल की तैयारी के लिए लाभदायक होगी।
तापमान और आर्द्रता का प्रभाव
रायगढ़ में अगले तीन दिनों के दौरान तापमान में बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।
मौसम विभाग के अनुसार
| दिनांक | अधिकतम तापमान | न्यूनतम तापमान | आर्द्रता | वर्षा की संभावना |
|---|---|---|---|---|
| 5 अक्टूबर | 31°C | 23°C | 78% | हल्की वर्षा |
| 6 अक्टूबर | 30°C | 22°C | 81% | बूंदाबांदी |
| 7 अक्टूबर | 32°C | 24°C | 75% | बादल छाए रहेंगे |
रात के समय नमी बढ़ने से हल्की ठंडक महसूस हो सकती है, लेकिन दिन के समय उमस बनी रहने की संभावना है।
बदलते मौसम का स्वास्थ्य पर असर
बदलता मौसम अपने साथ कुछ स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ भी लेकर आता है।
डॉक्टरों के अनुसार, इस समय सर्दी-जुकाम, बुखार और वायरल संक्रमण तेजी से फैल सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
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घर से बाहर निकलते समय छाता या रेनकोट साथ रखें।
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बारिश के बाद भीगे जूते या कपड़े तुरंत बदलें।
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गुनगुना पानी पिएं और खानपान में हल्का, ताज़ा भोजन लें।
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बच्चों और बुजुर्गों को मौसमी संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
यातायात और दैनिक जीवन पर असर
हल्की बारिश और बादलों के कारण सड़कों पर फिसलन बढ़ सकती है।
यातायात विभाग ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे धीमी गति से चलें और हेडलाइट्स का उपयोग करें, खासकर सुबह और रात के समय।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह के समय कोहरे जैसी धुंध बनी रहती है, जिससे दृश्यता कम होती है।
वहीं शाम को तापमान गिरने के कारण ठंडी हवाएँ चलने की संभावना है।
अगले 5 दिनों का मौसम रुझान
मौसम विभाग के दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार,
8 अक्टूबर के बाद बारिश की संभावना कम हो जाएगी और मौसम धीरे-धीरे साफ होने लगेगा।
अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से उत्तर की हवाएँ सक्रिय होंगी, जिससे तापमान में गिरावट शुरू हो सकती है।
इससे संकेत मिलता है कि रायगढ़ में शरद ऋतु की शुरुआत धीरे-धीरे हो रही है — यानी मॉनसून अब विदाई की ओर है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने मौसम के इस बदलाव पर राहत जताई है।
कई लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों की तेज धूप और गर्मी से राहत मिली है।
एक दुकानदार ने बताया —
“सुबह का मौसम अब सुहावना लगने लगा है, ठंडी हवा चलती है, और बारिश की बूंदों से माहौल ताजा हो जाता है।”
वहीं कुछ लोग चिंता भी जता रहे हैं कि अगर बारिश बढ़ी, तो फसल कटाई पर असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों की राय – जलवायु परिवर्तन का असर
मौसम विशेषज्ञ मानते हैं कि इस समय जो मौसम में उतार-चढ़ाव हो रहा है, वह ग्लोबल क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) का संकेत है।
पहले अक्टूबर तक सूखे हालात रहते थे, लेकिन अब मॉनसून की अवधि लंबी हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के तापमान और वर्षा पैटर्न में स्पष्ट बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
इसलिए किसानों को अब मौसम-आधारित फसल प्रबंधन अपनाना होगा।
राहत भी, जिम्मेदारी भी
रायगढ़ में बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना ने मौसम को सुहावना बना दिया है।
यह मौसम कृषि और पर्यावरण दोनों के लिए लाभदायक हो सकता है, लेकिन सावधानी जरूरी है।
“प्रकृति जब राहत देती है, तो चेतावनी भी साथ लाती है।”
इसलिए जरूरत है कि लोग सतर्क रहें —
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किसान अपनी फसलों को सुरक्षित रखें,
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लोग स्वास्थ्य का ध्यान रखें,
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और प्रशासन समय-समय पर चेतावनी जारी करता रहे।
रायगढ़ की यह बदलती जलवायु एक संकेत है —
कि हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर जीवन जीना सीखना होगा।
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