25 अक्टूबर 2025 को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तारामल स्थित एनआरवीएस स्टील प्लांट में एक भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें चार श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना न केवल उद्योग सुरक्षा के मुद्दों को उजागर करती है, बल्कि श्रमिकों की सुरक्षा और कारखानों में कार्यस्थल सुरक्षा की गंभीरता को भी रेखांकित करती है।
स्टील प्लांट में विस्फोट, चार श्रमिक घायल
रायगढ़ जिले के तारामल स्थित एनआरवीएस स्टील प्लांट में शुक्रवार को फर्नेस सेक्शन में विस्फोट हो गया। इस हादसे में चार श्रमिक झुलस गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसे रायपुर रेफर किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। Australia India News
घटना का विवरण
सुबह लगभग 7 बजे, एनआरवीएस स्टील प्लांट के फर्नेस सेक्शन में अचानक विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में चार श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गए। इनमें से एक श्रमिक, रामनारायण यादव (35 वर्ष), जो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले का निवासी है, की हालत गंभीर बताई गई है। उन्हें रायपुर के अस्पताल में रेफर किया गया है। अन्य तीन श्रमिकों में से दो स्थानीय निवासी हैं, जबकि एक बिहार का निवासी है। उनकी हालत स्थिर है और उनका इलाज जारी है।
विस्फोट का कारण
प्रारंभिक जांच के अनुसार, विस्फोट फर्नेस में अचानक दबाव बढ़ने के कारण हुआ। इससे आसपास के क्षेत्र में काले धुएं का गुबार और ऊंची लपटें उठने लगीं, जिससे कर्मचारियों और आसपास के गांवों में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और घटना की जांच शुरू की।
रायगढ़ के एनआरवीएस स्टील प्लांट में हुए इस भीषण विस्फोट की शुरुआती जांच में कई संभावित कारण सामने आए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट फर्नेस सेक्शन में दबाव असंतुलन और सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी के कारण हुआ।
1. फर्नेस में दबाव वृद्धि
फर्नेस सेक्शन में धातु को पिघलाने की प्रक्रिया के दौरान तापमान और दबाव को लगातार मॉनिटर किया जाता है। घटना के दिन, सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण दबाव असामान्य रूप से बढ़ गया। यह अचानक दबाव वृद्धि आग की लपटों और विस्फोट का मुख्य कारण बनी।
2. सुरक्षा मानकों का पालन न होना
घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि फर्नेस के आसपास पर्याप्त सुरक्षा उपाय और आपातकालीन गैस रिलीज़ वेंट्स नहीं थे। इस कारण, दबाव नियंत्रित न होने के कारण विस्फोट हुआ और कर्मचारियों को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ।
3. तकनीकी खराबी और उपकरणों की उम्र
प्लांट में पुराने उपकरण और समय-समय पर रखरखाव न होना भी इस घटना का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, फर्नेस के नियंत्रक उपकरण में तकनीकी खामी के कारण तापमान और दबाव का सही संतुलन नहीं बन पाया।
4. मानव त्रुटि की संभावना
कुछ प्रारंभिक बयानों में कर्मचारियों द्वारा फर्नेस संचालन में की गई त्रुटियों की संभावना भी सामने आई है। हालांकि, इसका सही विवरण उच्च स्तरीय जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
इस विस्फोट ने यह साफ कर दिया कि औद्योगिक सुरक्षा में तकनीकी और मानवीय दोनों पहलुओं का महत्व अत्यधिक है। केवल आधुनिक मशीनरी होने से ही सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, बल्कि कर्मचारियों का प्रशिक्षण और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन भी उतना ही जरूरी है।
बचाव और राहत कार्य
विस्फोट के तुरंत बाद, प्लांट प्रबंधन ने बचाव और राहत कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। स्थानीय पुलिस ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और आवश्यक कार्रवाई की।
रायगढ़ के एनआरवीएस स्टील प्लांट में हुए विस्फोट के तुरंत बाद प्लांट प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य में तेजी दिखाई। हादसे के समय स्थिति बेहद तनावपूर्ण थी, लेकिन तत्परता और योजनाबद्ध कार्रवाई के कारण बड़ी दुर्घटना टल गई।
1. तत्काल प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद, प्लांट के कर्मचारियों ने घायलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की पहल की। प्लांट में मौजूद आपातकालीन टीम ने फर्नेस क्षेत्र में फंसे कर्मचारियों को बाहर निकाला और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की।
2. घायलों का उपचार
विस्फोट में घायल चार श्रमिकों में से एक की स्थिति गंभीर थी। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के चिकित्सकों ने झुलसे हुए श्रमिकों को प्राथमिक उपचार दिया और गंभीर रूप से घायल श्रमिक को रायपुर रेफर किया गया। अन्य तीन घायलों की स्थिति स्थिर है और उनका इलाज प्लांट के निकटस्थ अस्पताल में किया जा रहा है।
3. स्थानीय प्रशासन का हस्तक्षेप
घटना के तुरंत बाद, स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने क्षेत्र को सुरक्षित किया, आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया और आसपास के गांवों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया।
4. सुरक्षा उपाय और प्लांट बंदी
प्लांट प्रबंधन ने सभी मशीनरी और फर्नेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। इस दौरान सभी कर्मचारियों की गिनती की गई और सुनिश्चित किया गया कि कोई और कर्मचारी जोखिम में न हो।
5. राहत कार्य का समन्वय
प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य के लिए एक विशेष कमिटी का गठन किया। इस कमिटी ने घायल श्रमिकों के परिवारों के लिए आवश्यक वित्तीय और चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित की। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक उपायों की योजना बनाई गई।
इस दुर्घटना में बचाव और राहत कार्य की तत्परता ने कई जिंदगियाँ बचाई। यह घटना यह भी दर्शाती है कि आपातकालीन तैयारियों और प्रशिक्षित कर्मियों का होना किसी भी औद्योगिक हादसे में कितना महत्वपूर्ण है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
जिले की प्रशासनिक अधिकारियों ने प्लांट की संचालन को अस्थायी रूप से रोक दिया है और एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति का उद्देश्य घटना के कारणों की गहन जांच करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना है।
श्रमिक संघों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद, श्रमिक संघों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और प्लांट में सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की घटनाएं उद्योगों में सुरक्षा की कमी को दर्शाती हैं और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
रायगढ़ जिले में औद्योगिक सुरक्षा की स्थिति
रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है, जहां कई स्टील प्लांट और अन्य उद्योग स्थित हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में यहां औद्योगिक दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे औद्योगिक सुरक्षा के मानकों की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता महसूस होती है।
रायगढ़ के एनआरवीएस स्टील प्लांट में हुआ विस्फोट औद्योगिक सुरक्षा की गंभीरता को उजागर करता है। यह घटना उद्योगों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता की ओर इशारा करती है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा।
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