“रायगढ़ 2025 दीपावली पर यश प्रिंटर्स में लगी आग, करोड़ों का माल जल गया”
दीपावली का पर्व भारत में उल्लास और खुशियों का प्रतीक है, लेकिन रायगढ़ शहर में 20 अक्टूबर 2025 की रात यह पर्व एक भीषण अग्निकांड के कारण मातम में बदल गया। रायगढ़ के अनाथालय कॉलोनी स्थित यश प्रिंटर्स में लगी आग ने न केवल लाखों रुपये के सामान को जलाकर खाक किया, बल्कि शहरवासियों को भी दहशत में डाल दिया।
घटना का विवरण
दीपावली की रात जब पूरा शहर दीपों की रौशनी से जगमगा रहा था, तभी यश प्रिंटर्स में अचानक आग लग गई। यह दुकान हंडी चौक रोड पर स्थित है और कोतवाली थाना क्षेत्र के अनाथालय के पास आती है। आग इतनी भयंकर थी कि दुकान के निचले तल से लेकर ऊपर बने ऑफिस तक फैल गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस और दमकल विभाग को दी, जिसके बाद चार दमकल की गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं। आग बुझाने के लिए जिंदल समूह के फायर ब्रिगेड को भी बुलाया गया। लगभग तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद, तड़के आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका।Dainik Jagran English
नुकसान का आकलन
प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस अग्निकांड में यश प्रिंटर्स को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। प्रिंटिंग सामग्री, कीमती कागज़ात, और तमाम अन्य ज़रूरी सामान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। हालांकि, नुकसान का स्पष्ट आंकलन अभी किया जा रहा है। इस घटना से दिवाली की खुशियों के बीच दुकान मालिक को गहरा झटका लगा है।
दीपावली की रात, 23 अक्टूबर 2025 को यश प्रिंटर्स में लगी भीषण आग ने व्यापारिक और आर्थिक नुकसान के रूप में भारी प्रभाव डाला। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अग्निकांड में लगभग 3 करोड़ रुपये से अधिक का माल जलकर खाक हो गया।
1. व्यापारिक सामग्री का नुकसान
यश प्रिंटर्स में प्रिंटिंग से संबंधित सामग्री जैसे कागज़, इंक, प्रिंटिंग मशीन के उपकरण, डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर और कंप्यूटर सिस्टम पूरी तरह नष्ट हो गए। यह सामग्री केवल व्यवसाय की दिनचर्या के लिए ही नहीं, बल्कि आगामी आदेशों और प्रोजेक्ट्स के लिए भी महत्वपूर्ण थी।
2. वित्तीय और आर्थिक प्रभाव
इस अग्निकांड का सीधा असर दुकान मालिक की आर्थिक स्थिति पर पड़ा। कई ग्राहकों के प्रोजेक्ट्स और आदेश अधूरे रह गए। इसके अलावा, कर्मचारियों की वेतन भुगतान और भविष्य की व्यावसायिक योजना प्रभावित हुई।
3. सामग्री और स्टॉक का नुकसान
आग ने दुकान के तहखाने और गोदामों में रखे स्टॉक को भी नष्ट कर दिया। इसमें छपाई के तैयार माल, पुरानी और नई कागज़ें, और पैकेजिंग सामग्री शामिल हैं। यह नुकसान केवल वर्तमान व्यवसाय को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि आगामी त्योहारों और आदेशों के लिए भी बड़ा झटका है।
4. अनुमानित कुल नुकसान
स्थानीय अधिकारियों और दमकल विभाग की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक नुकसान लगभग 3 करोड़ रुपये से अधिक है। यह आंकड़ा आगे की जांच और बीमा मूल्यांकन के बाद और सटीक होगा।
5. भावनात्मक और सामाजिक प्रभाव
इस अग्निकांड ने न केवल वित्तीय नुकसान किया, बल्कि स्थानीय लोगों और कर्मचारियों के लिए भावनात्मक और सामाजिक तनाव भी उत्पन्न किया। दिवाली की खुशियों के बीच यह घटना शहरवासियों के लिए चिंता का कारण बनी।
बचाव कार्य और प्रतिक्रिया
आग की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग ने तत्परता से कार्रवाई की। चार दमकल की गाड़ियों ने मिलकर आग पर काबू पाया। जिंदल समूह के फायर ब्रिगेड को भी मदद के लिए बुलाया गया, जिससे आग बुझाने में और सहायता मिली। मोहल्ले के लोगों ने भी सहयोग प्रदान किया, जिससे आग पर काबू पाया जा सका।
यश प्रिंटर्स में दीपावली की रात लगी भीषण आग ने न केवल लाखों रुपये के माल को खाक किया, बल्कि पूरे इलाके में संकट और दहशत पैदा कर दी। इस स्थिति में स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग की तत्परता ने आग पर काबू पाने में अहम भूमिका निभाई।
1. आग लगने की सूचना और त्वरित प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को आग लगने की सूचना दी। सूचना मिलते ही चार दमकल गाड़ियाँ मौके पर भेजी गईं। आग की तेज़ लपटें और धुएँ के कारण शुरुआती प्रयास चुनौतीपूर्ण साबित हुए।
2. जिंदल फायर ब्रिगेड की मदद
स्थानीय दमकल टीम के साथ जिंदल समूह की फायर ब्रिगेड को भी बुलाया गया। उनकी तकनीकी सहायता और आधुनिक उपकरणों के कारण आग बुझाने की प्रक्रिया में गति आई।
3. स्थानीय लोगों का सहयोग
मोहल्ले के निवासी भी आग बुझाने और नुकसान कम करने में सक्रिय रूप से मदद करने आए। उन्होंने आस-पास के जल स्रोत, बाल्टी और प्राथमिक उपकरणों का उपयोग कर प्रारंभिक प्रयास किए।
4. आग बुझाने में समय और चुनौतियाँ
लगभग तीन घंटे की कड़ी मेहनत और संयुक्त प्रयासों के बाद आग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सका। इस दौरान कई दमकल कर्मी मामूली रूप से जख्मी भी हुए, लेकिन उनके प्रयासों के कारण कोई जान-माल का बड़ा नुकसान टला।
5. प्रशासनिक प्रतिक्रिया
पुलिस और नगर निगम प्रशासन ने घटना स्थल का निरीक्षण और सुरक्षा उपायों का आकलन तुरंत किया। इसके अलावा, आग से प्रभावित व्यापारियों को बीमा दावा प्रक्रिया और वित्तीय सहायता के लिए मार्गदर्शन दिया गया।
6. सतर्कता और भविष्य की योजना
इस घटना के बाद प्रशासन ने क्षेत्र में फायर सेफ्टी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाने की योजना बनाई। दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए फायर ड्रिल, प्रशिक्षण और सुरक्षा ऑडिट की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
आग लगने के कारणों की जांच
आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि पास जाने की हिम्मत किसी की नहीं हो रही थी। स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी, और दमकल की कई यूनिट गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं। कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान आग बुझाने में कई दमकल कर्मी भी मामूली रूप से जख्मी हो गए।
भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के उपाय
यश प्रिंटर्स में दीपावली की रात लगी भीषण आग ने यह स्पष्ट कर दिया कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और गोदामों में सुरक्षा उपायों की कमी कितनी गंभीर परिणाम ला सकती है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय आवश्यक हैं:
1. फायर सेफ्टी ऑडिट
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को नियमित फायर सेफ्टी ऑडिट कराना चाहिए। यह ऑडिट यह सुनिश्चित करेगा कि सभी सुरक्षा उपकरण कार्यशील हैं और सभी नियमों का पालन किया जा रहा है।
2. फायर एक्सटिंग्विशर्स और सुरक्षा उपकरण
दुकानों, गोदामों और प्रिंटिंग कार्यस्थलों में पर्याप्त संख्या में फायर एक्सटिंग्विशर्स, स्मोक डिटेक्टर और स्प्रिंकलर सिस्टम होने चाहिए। इनके बिना आग पर प्रारंभिक नियंत्रण करना मुश्किल होता है।
3. कर्मचारियों का प्रशिक्षण
सभी कर्मचारियों को आपातकालीन स्थिति में प्रतिक्रिया, आग बुझाने के तरीके और निकासी मार्गों का उपयोग करने के लिए नियमित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
4. इलेक्ट्रिकल वायरिंग और उपकरणों की नियमित जाँच
आग लगने के प्रमुख कारणों में गलत या पुरानी इलेक्ट्रिकल वायरिंग शामिल होती है। इसलिए, नियमित रूप से इलेक्ट्रिकल वायरिंग और उपकरणों की जांच और मरम्मत आवश्यक है।
5. आपातकालीन निकासी मार्गों की पहचान
सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में स्पष्ट और चिन्हित आपातकालीन निकासी मार्ग होने चाहिए। कर्मचारियों और ग्राहकों को इन मार्गों की जानकारी होनी चाहिए।
6. स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग से समन्वय
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को स्थानीय दमकल विभाग और पुलिस प्रशासन के साथ नियमित संपर्क बनाए रखना चाहिए। आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए संपर्क विवरण और मदद की प्रक्रिया पहले से तय होनी चाहिए।
7. सामाजिक और सामुदायिक जागरूकता
स्थानीय व्यापारिक समुदाय और नागरिकों को आग से सुरक्षा और सावधानी के प्रति जागरूक करना चाहिए। त्योहारों जैसे दीपावली पर सुरक्षा उपायों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।
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