विश्वकर्मा पूजा और विसर्जन के बाद, कयाघाट दुर्गा मंदिर के पास दो पक्षों के बीच किसी बात को लेकर विवाद

रायगढ़ जिले के कयाघाट दुर्गा मंदिर के पास 24 सितंबर 2025 को विश्वकर्मा पूजा और विसर्जन के बाद दो पक्षों के बीच झड़प हुई, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। यह घटना धार्मिक आयोजनों के बाद होने वाली हिंसा की घटनाओं की एक और मिसाल बन गई है।

घटना का विवरण
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तारीख व समय
यह घटना 18 सितंबर की रात को हुई। -
स्थान
विवाद कयाघाट दुर्गा मंदिर परिसर के पास, कयाघाट मोहल्ले में हुआ। -
क्या हुआ
विश्वकर्मा पूजा और मूर्ति विसर्जन के बाद, मंदिर के आसपास रहने वाले दो पक्षों में विवाद हुआ।
विवाद गाली-गलोच और मारपीट के रूप में बढ़ गया। -
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने विवाद को गंभीरता से लिया और दोनों पक्षों पर काउंटर अपराध दर्ज किया गया — क्रमांक 328/2025 व 329/2025। Janta
अपराध दर्ज किये गए धाराएँ थीं-
धारा 296 (आग, धुएँ या विस्फोटक सामग्री से डराना)
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धारा 351(3) (गाली-गलौज, धमकी देना)
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धारा 115(2)
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धारा 3(5) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (कानून व्यवस्था भंग करना)
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आगे की घटनाक्रम
दोनों पक्षों को पुलिस थाने तलब किया गया, लेकिन थाने से बाहर निकलने पर वे एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने लगे, एक-दूसरे को जान से मारने की धमकी दी और पुनः मारपीट की कोशिश की।
पुलिस की समझाइश बेअसर रही, इसलिए नगर पुलिस व थाना जिम्मेदारों ने छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों को इस्तगासा अपराध क्रमांक 170/2025 तथा धारा 126, 135(3) के तहत एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल वारंट जारी किया गया। -
गिरफ्तार किए गए आरोपी (नाम व विवरण)
निम्न नाम समाचारों में सामने आए हैं-
सुरेश कुमार यादव, उम्र 32 वर्ष, वार्ड नं. 30 कयाघाट संतोष दास महंत, उम्र 29 वर्ष, एसईसीएल रोड, कयाघाट
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सागर चौहान, उम्र 27 वर्ष, निवासी कयाघाट दुर्गा मंदिर
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चंद्रशेखर गुप्ता (चंदु गुप्ता), उम्र 19 वर्ष, निवासी दुर्गा मंदिर / एसईसीएल रोड
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सचिन ठाकुर (उर्फ अंशु ठाकुर), उम्र 25 वर्ष, निवासी बाबाकुटी, कयाघाट
(कुछ रिपोर्टों में छठा नाम अलग तरह से लिखा गया है)
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पुलिस का रुख और संकेत
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल और थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत राव ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए दबंग तत्वों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की।
पुलिस ने चेतावनी दी कि सार्वजनिक शांति भंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए सतर्क दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
विश्वकर्मा पूजा और विसर्जन के बाद, कयाघाट दुर्गा मंदिर के पास दो पक्षों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ। देखते ही देखते यह विवाद लात-घुसे और गाली-गलौज में बदल गया। इस झड़प में दोनों पक्षों से छह लोग घायल हुए, जिनमें से एक को गंभीर चोटें आईं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने दोनों पक्षों के छह लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ शांति भंग की धाराओं में मामला दर्ज किया। पुलिस ने बताया कि इलाके में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
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तुरंत हस्तक्षेप
विवाद के तुरंत बाद, कयाघाट थाना पुलिस और नगर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की।-
पुलिस ने समझाइश दी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ता गया।
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मारपीट और धमकियों के चलते स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी।
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गिरफ्तारी
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पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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गिरफ्तार व्यक्तियों में स्थानीय निवासी और विवाद में शामिल मुख्य लोग शामिल थे।
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गिरफ्तार लोगों के नाम (कुछ समाचारों के अनुसार):
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सुरेश कुमार यादव
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संतोष दास महंत
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सागर चौहान
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चंद्रशेखर गुप्ता (चंदु गुप्ता)
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सचिन ठाकुर (अंशु ठाकुर)
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छठा आरोपी कुछ रिपोर्टों में अलग नाम से सूचीबद्ध
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कानूनी कार्रवाई और प्राथमिकी
पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ काउंटर एफआईआर दर्ज की।-
एफआईआर क्रमांक 328/2025 और 329/2025
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आरोपित धाराएँ
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धारा 296, 351(3), 115(2), 3(5) आदि (भारतीय दंड संहिता और नागरिक सुरक्षा कानून के अंतर्गत)
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जेल भेजना
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गिरफ्तार आरोपियों को थाना से सीधे न्यायालय में पेश किया गया।
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एसडीएम न्यायालय ने जेल वारंट जारी किया और आरोपियों को अदालत की अनुमति के बिना जेल भेजा गया।
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सतर्कता और चेतावनी
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पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी ने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक शांति भंग नहीं कर सकता।
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भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।
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स्थानीय लोगों और पूजा आयोजकों को शांति बनाए रखने की चेतावनी दी गई।
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यह घटना धार्मिक आयोजनों के बाद होने वाली हिंसा की घटनाओं की एक और मिसाल बन गई है। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि आयोजकों और पुलिस की ओर से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे, जिससे यह घटना घटी।
सुरक्षा पर सवाल
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भीड़ प्रबंधन में कमज़ोरी
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विश्वकर्मा पूजा और विसर्जन के दौरान मंदिर परिसर और आसपास का क्षेत्र काफी भीड़भाड़ वाला था।
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प्रशासन और पुलिस ने भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए, जिससे तनाव बढ़ा।
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घटना के समय पुलिस तैनाती अपर्याप्त
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विवाद के समय मौके पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मौजूद नहीं थे।
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इससे दोनों पक्षों के बीच झगड़ा और मारपीट बढ़ी।
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ध्वनि और विसर्जन प्रक्रिया
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विसर्जन और पूजा में इस्तेमाल लाउडस्पीकर और भारी सामग्री ने माहौल को और उग्र बना दिया।
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कुछ स्थानीय निवासियों ने सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए।
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पूर्व चेतावनी और रोकथाम में कमी
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विवाद की आशंका पहले से थी क्योंकि दो पक्षों के बीच पुराना विवाद मौजूद था।
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बावजूद इसके, प्रशासन ने पूर्व में पर्याप्त समझाइश या निगरानी नहीं की।
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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
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आसपास के लोग और मंदिर परिसर के दर्शनार्थियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए।
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उन्होंने पुलिस और प्रशासन से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की।
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रायगढ़ जिले में विश्वकर्मा पूजा और विसर्जन के बाद दो पक्षों के बीच हुई झड़प ने सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है। यह समय की मांग है कि प्रशासन और आयोजक आगामी धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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