छत्तीसगढ़ में राष्ट्रगान की गूंज, रायगढ़ में भी हुआ अभियान का शुभारंभ
भारत माता की जय और “वंदे मातरम्” — यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि भारतीय आत्मा की आवाज़ है। 2025 में “वंदे मातरम्” गीत के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं, और इस उपलक्ष्य में पूरे देशभर में उत्सव मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस ऐतिहासिक मौके को एक वर्ष तक मनाने का निर्णय लिया है। रायगढ़ जिले में इसका भव्य शुभारंभ किया गया, जहाँ जनभागीदारी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, छात्र रैलियाँ और विशेष अभियान आयोजित किए गए।
यह उत्सव केवल गीत का जश्न नहीं, बल्कि भारत की एकता, स्वतंत्रता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन गया है।
पूरे प्रदेश में वन्दे मातरम् के 150वें वर्षोत्सव की शुरुआत — जिले में भी इस साल भर चलने वाले अभियान के तहत कार्यक्रम लॉन्च। IBC24 News+1
वंदे मातरम् गीत का इतिहास
“वंदे मातरम्” भारत का राष्ट्रीय गीत है, जिसे बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1875 में लिखा और 1882 में अपने उपन्यास “आनंदमठ” में प्रकाशित किया।
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रचनाकार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
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पहली प्रस्तुति 1896 में कांग्रेस अधिवेशन में रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा
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अर्थ “वंदे मातरम्” का अर्थ है — “माँ, मैं तुझे प्रणाम करता हूँ।”
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यह गीत ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई का प्रतीक बन गया था।
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स्वतंत्रता सेनानियों ने इसे अपने संघर्ष का मंत्र बनाया।
2025 में इसके 150 साल पूरे होने पर यह अवसर पूरे भारत के लिए गौरव का क्षण है।
छत्तीसगढ़ में वंदे मातरम् 150वां वर्षोत्सव
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस अवसर को एक “सालभर चलने वाले राष्ट्रीय एकता और गौरव अभियान” के रूप में मनाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं बल्कि “भारत की आत्मा की आवाज़” है।
प्रमुख उद्देश्य
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युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना को प्रोत्साहित करना।
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विद्यालयों और कॉलेजों में सांस्कृतिक, साहित्यिक और संगीत कार्यक्रमों का आयोजन।
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प्रदेशभर में “वंदे मातरम् मार्च” और “भारत माता रथ यात्रा” का संचालन।
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मातृभाषा, संस्कृति और विरासत के प्रति सम्मान का प्रचार।
रायगढ़ जिले में उत्सव का शुभारंभ
रायगढ़ जिला प्रशासन ने 7 नवंबर 2025 को इस वर्षभर चलने वाले अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कलेक्टर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
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स्थानीय स्कूलों के बच्चों ने “वंदे मातरम्” की सामूहिक प्रस्तुति दी।
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नगर भवन में आयोजित सांस्कृतिक मंच पर राष्ट्रभक्ति गीत, नृत्य और कविताओं की प्रस्तुति हुई।
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स्कूली विद्यार्थियों और कॉलेज के युवाओं ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” थीम पर रैली निकाली।
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महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में माँ भारती के स्वरूप का झाँकी प्रदर्शन किया।
जनसहभागिता
रायगढ़ के नागरिकों में इस आयोजन के प्रति गहरी भावनाएँ देखने को मिलीं। व्यापारी संगठनों, एनजीओ और सामाजिक संस्थाओं ने भी इस अभियान में भागीदारी निभाई।
सांस्कृतिक विविधता में राष्ट्रीय एकता
छत्तीसगढ़, जो कि अपनी विविध सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जाना जाता है, में “वंदे मातरम्” उत्सव ने एक नया रंग भर दिया है।
हर जिले में पारंपरिक नृत्य समूह, लोकगीत कलाकार और सांस्कृतिक संस्थाएँ इस उत्सव को जनआंदोलन का रूप देने में जुट गई हैं।
आयोजन की विशेष झलकियाँ
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विद्यालयों में प्रतिदिन ‘वंदे मातरम्’ गान अनिवार्य किया गया।
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सांस्कृतिक मंचों पर स्वतंत्रता सेनानियों की झाँकियाँ प्रस्तुत की गईं।
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कला प्रदर्शनियाँ आयोजित हुईं जिनमें चित्रकारों ने “भारत माता” और “स्वतंत्रता संग्राम” की झलकियाँ उकेरीं।
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युवा कवि सम्मेलन में देशभक्ति पर नई पीढ़ी की कलम ने नई ऊर्जा भरी।
शिक्षा संस्थानों की भूमिका
रायगढ़ जिले के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने “वंदे मातरम् 150” को राष्ट्र शिक्षा और नैतिक मूल्यों से जोड़ने का बीड़ा उठाया है।
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विद्यालयों में “वंदे मातरम् क्विज़” और निबंध प्रतियोगिताएँ आयोजित हो रही हैं।
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कॉलेजों में “युवा संवाद कार्यक्रम” आयोजित किए जा रहे हैं, जहाँ वक्ता स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय एकता पर भाषण दे रहे हैं।
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छात्रों को “एक दिन भारत माता के नाम” थीम पर सेवा कार्य (स्वच्छता, वृक्षारोपण, रक्तदान) करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
पर्यावरण और संस्कृति का संगम
इस अवसर पर सरकार ने “हरित भारत—मातृभूमि के नाम वृक्षारोपण” अभियान की भी शुरुआत की है।
रायगढ़ के स्कूलों और पंचायत क्षेत्रों में हज़ारों पौधे लगाए जा रहे हैं।
यह प्रयास “माँ भारती” की सेवा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक अहम कदम है।
वर्षभर चलने वाले अभियान के प्रमुख कार्यक्रम
| महीना | कार्यक्रम का नाम | विवरण |
|---|---|---|
| नवम्बर 2025 | शुभारंभ समारोह | सांस्कृतिक आयोजन और सामूहिक गान |
| दिसम्बर 2025 | “माँ भारती पर्व” | विद्यालय और कॉलेजों में विशेष सप्ताह |
| जनवरी 2026 | गणतंत्र दिवस विशेष | राष्ट्रीय परेड में वंदे मातरम् थीम |
| मार्च 2026 | कवि सम्मेलन | साहित्यिक कार्यक्रम |
| मई 2026 | बाल उत्सव | छात्रों की प्रतियोगिताएँ |
| अगस्त 2026 | स्वतंत्रता दिवस | एकता मार्च |
| नवम्बर 2026 | समापन समारोह | राज्य स्तरीय सांस्कृतिक सम्मेलन |
जनप्रतिनिधियों के बयान
रायगढ़ के स्थानीय विधायक ने कहा —
“वंदे मातरम् हमारे देश का भाव है, यह केवल गीत नहीं बल्कि मातृभूमि के प्रति हमारा प्रण है। 150 वर्षों का यह अवसर हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की कीमत कितनी बड़ी थी।”
वहीं जिला कलेक्टर ने अपने संबोधन में कहा —
“यह अभियान केवल सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि जन-आंदोलन बनेगा। हर नागरिक इसका हिस्सा बने, यही हमारी अपेक्षा है।”
डिजिटल माध्यम से प्रचार
सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस आयोजन को डिजिटल स्तर पर भी लोकप्रिय बनाने की योजना बनाई है।
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#VandeMataram150 हैशटैग के साथ सोशल मीडिया अभियान चलाया जा रहा है।
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युवाओं से अपील की गई है कि वे “भारत माता के लिए संदेश” वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करें।
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स्कूलों के ऑनलाइन प्लेटफार्म पर “वंदे मातरम् क्विज़” जारी किया गया है।
लोगों की प्रतिक्रिया
रायगढ़ के नागरिकों ने इस आयोजन को “राष्ट्रीय गौरव का पर्व” बताया।
शिक्षक, व्यापारी, छात्र और महिलाएँ सभी ने एक स्वर में कहा कि “150 वर्ष पूरे होने पर वंदे मातरम् के प्रति सम्मान और बढ़ गया है।”
“वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की चेतना का प्रतीक है।
इसके 150वें वर्षोत्सव ने छत्तीसगढ़, विशेषकर रायगढ़ जिले में राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक गर्व और जनभागीदारी की भावना को और गहरा किया है।
यह वर्ष पूरे प्रदेश के लिए “राष्ट्रप्रेम के पुनर्जागरण” का वर्ष साबित हो सकता है।
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