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रायगढ़ में शराब के लिए पैसे माँगने पर युवक से मारपीट, आरोपी गिरफ्तार

रायगढ़ में शराब के लिए पैसे माँगने पर युवक से मारपीट — आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने किया खुलासा

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक बार फिर नशे के चलते हिंसा की घटना सामने आई है। जिले के जूटमिल थाना क्षेत्र में शराब के लिए पैसे माँगने को लेकर हुए विवाद ने मारपीट का रूप ले लिया। इस घटना में आरोपी ने एक युवक को बुरी तरह पीट दिया, जिसके बाद पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।


 कहाँ और कब हुई घटना

यह घटना रायगढ़ शहर के जूटमिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई। बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम (11 नवंबर 2025) के आसपास एक युवक मोहल्ले में अपने परिचित से मिला। दोनों के बीच पहले से जान-पहचान थी, लेकिन बातचीत के दौरान आरोपी ने शराब के लिए पैसे माँगे। जब युवक ने पैसे देने से इनकार किया, तो आरोपी ने गाली-गलौज करते हुए उसकी पिटाई कर दी।

स्थानीय लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव कर स्थिति को नियंत्रित किया और घायल युवक को नजदीकी अस्पताल पहुँचाया। बाद में पीड़ित ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।

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 पुलिस की कार्रवाई

रिपोर्ट दर्ज होते ही जूटमिल थाना पुलिस ने जांच शुरू की।
पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और गवाहों के बयान लिए।
थोड़ी ही देर में पुलिस ने आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के मुताबिक आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में अपराध कबूल कर लिया है।

थाना प्रभारी ने बताया:

“आरोपी शराब के नशे में था। उसने पैसे माँगने पर इनकार किए जाने से नाराज होकर युवक की पिटाई कर दी। उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।”

घटना के तुरंत बाद पीड़ित संदीप महतो ने जूटमिल थाने में लिखित शिकायत दी।
शिकायत में बताया गया कि आरोपी राकेश यादव ने शराब के लिए ₹200 माँगे थे। इनकार करने पर उसने गाली-गलौज और मारपीट की, जिससे संदीप को चेहरे और कंधे में चोटें आईं।

पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया —

  • धारा 294: अश्लील शब्दों का प्रयोग (गाली-गलौज)

  • धारा 323: जानबूझकर चोट पहुँचाना

  • धारा 506: आपराधिक धमकी देना


 आरोपी की गिरफ्तारी

FIR दर्ज होने के 4 घंटे के अंदर ही पुलिस ने आरोपी को पकड़ा

  • थाना प्रभारी (TI) आर. के. सिंह ने बताया कि आरोपी को उसके घर से हिरासत में लिया गया।

  • आरोपी नशे की हालत में था और प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार कर लिया।

  • उसे मेडिकल जांच के बाद न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।


सबूत एकत्रित

पुलिस टीम ने घटना स्थल से —

  • गवाहों के बयान

  • CCTV फुटेज

  • मोबाइल रिकॉर्डिंग
    एकत्रित किए हैं।

जांच अधिकारी ने बताया कि फुटेज में आरोपी को घटना स्थल के पास देखा गया, जिससे उसकी मौजूदगी की पुष्टि होती है।


 पुलिस बयान

थाना प्रभारी आर. के. सिंह का बयान:

“हमने त्वरित कार्रवाई की है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा गया है। रायगढ़ पुलिस नशे में हिंसा की हर घटना पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है।”

एसपी अभिषेक पल्लव ने भी कहा कि —

“शहर में नशे के चलते बढ़ती घटनाओं पर हमारी विशेष निगरानी है। हर थाना प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि शराब या नशे से जुड़ी हिंसक घटनाओं पर तुरंत एफआईआर दर्ज करें।”


 विशेष टीम की पहल

रायगढ़ जिले में “नशा मुक्त शहर अभियान” के तहत पुलिस ने

  • देर रात चलने वाले ढाबों और शराब दुकानों पर निगरानी बढ़ाई है।

  • वार्ड स्तर पर बीट अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे हर रोज मोहल्ला भ्रमण करें।

पुलिस यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि नशे से जुड़ी किसी भी छोटी घटना को भी अनदेखा न किया जाए।


 आरोपी और पीड़ित कौन हैं?

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार —

दोनों एक ही वार्ड में रहते थे और पहले भी छोटी-मोटी बहसें उनके बीच हो चुकी थीं।


 शराब और हिंसा का बढ़ता संबंध

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में शराब के नशे में हिंसा की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। रायगढ़ में यह कोई पहली घटना नहीं है।
पिछले कुछ महीनों में:

यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि नशे की लत न सिर्फ व्यक्ति बल्कि समाज के लिए भी खतरनाक बनती जा रही है।


 सामाजिक प्रभाव

इस तरह की घटनाएँ समाज के ताने-बाने को कमजोर करती हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में कुछ युवकों द्वारा शराब पीकर गली-मुहल्लों में हंगामा करना आम बात बन गई है।
पड़ोसियों का कहना था कि यदि ऐसे लोगों पर पहले ही निगरानी रखी जाती, तो ऐसी घटनाएँ नहीं होतीं।

एक स्थानीय निवासी ने बताया:

“हम कई बार पुलिस से शिकायत कर चुके हैं कि रात के समय मोहल्ले में नशे में झगड़े होते हैं, लेकिन कार्रवाई देर से होती है। इस बार तो मामला हाथापाई तक पहुँच गया।”


 कानूनी प्रावधान

मारपीट की घटनाओं में आमतौर पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), 294 (गाली-गलौज) और 506 (आपराधिक धमकी) लगाई जाती हैं।
इस मामले में भी पुलिस ने आरोपी पर इन्हीं धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

यदि आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे छह महीने से लेकर एक साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।


 घायल की स्थिति

पीड़ित युवक को स्थानीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार उसे चेहरे और कंधे पर चोट आई है, पर उसकी हालत स्थिर है।
घायल युवक को दो दिन के इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।

परिवार वालों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत न करे।

घटना के बाद की स्थिति

मारपीट के दौरान आरोपी ने संदीप के कंधे, पीठ और चेहरे पर लात-घूसे मारे
पास के लोगों ने बीच-बचाव किया और गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल रायगढ़ (CMO वार्ड) में भर्ती कराया गया।


डॉक्टर का बयान

डॉ. प्रवीण शर्मा (ड्यूटी सर्जन, जिला अस्पताल रायगढ़) ने बताया —

“मरीज को हल्की-फुल्की चोटें आई थीं, लेकिन कोई जानलेवा स्थिति नहीं है। प्राथमिक उपचार के बाद उसे निगरानी में रखा गया है। दर्द और सूजन को देखते हुए इंजेक्शन और दर्दनिवारक दवाएँ दी गई हैं।”


परिजनों का बयान

संदीप की बहन नेहा महतो ने बताया —

“भाई रोज काम से लौटते समय उसी रास्ते से आता है। आरोपी अक्सर नशे में रहता था और पैसों के लिए परेशान करता था। इस बार उसने मना किया तो उसने हमला कर दिया। हम चाहते हैं कि पुलिस सख्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।”


मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई


पुलिस का आश्वासन

थाना प्रभारी आर.के. सिंह ने कहा —

“घायल युवक सुरक्षित है। आरोपी के खिलाफ चार्जशीट तैयार की जा रही है और जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा। हमने पीड़ित की सुरक्षा के लिए बीट पेट्रोलिंग भी बढ़ाई है।”

 लोगों की प्रतिक्रिया

इस घटना ने रायगढ़ शहर में फिर से सुरक्षा और सामाजिक अनुशासन पर सवाल खड़ा कर दिया है।
लोगों का कहना है कि शहर में नशे के बढ़ते प्रचलन पर रोक लगाने के लिए कड़ी निगरानी जरूरी है।

कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि —


नशामुक्ति की दिशा में प्रयास

राज्य सरकार ने “नशामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान” के तहत कई योजनाएँ चलाई हैं, जिनमें स्वयंसेवी संगठन और महिला समूहों को जोड़ा गया है।
रायगढ़ जिले में भी पिछले साल से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता रैली, पोस्टर-अभियान और काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।

लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक समाज खुद इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेता, तब तक नशामुक्ति अभियान अधूरा रहेगा।

यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति पर हुए हमले की नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता की तस्वीर पेश करती है।
शराब जैसी लत कई परिवारों को तोड़ चुकी है और अब यह हिंसा का कारण भी बन रही है।
रायगढ़ पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब समाज खुद नशे से दूरी बनाएगा और दूसरों को भी प्रेरित करेगा।

हर व्यक्ति को समझना चाहिए कि:

रायगढ़ जैसी घटनाएँ चेतावनी हैं कि समय रहते नशे के दुष्प्रभावों पर रोक लगाई जाए, वरना इसके परिणाम आने वाले समय में और भयावह हो सकते हैं।

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