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रायगढ़ में ट्रेलर खरीद का बड़ा फ्रॉड 15.85 लाख की ठगी का पूरा मामला

ट्रेलर खरीद के नाम पर हुआ 15 लाख 85 हजार रुपये का फ्रॉड पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक चौंकाने वाला फ्रॉड मामला सामने आया है, जिसमें ट्रेलर वाहन खरीदने के नाम पर लगभग ₹15,85,000 की ठगी की गई। इस ब्लॉग में इस घटना की पूरी कहानी, पीछे की प्रक्रिया, आरोपी-व्यक्ति, कानूनी पहलू, संभावित निवारक उपाय और कैसे ऐसे फ्रॉड से सावधान रहा जाए — सबकुछ दी गई है।

पीड़ित  सुशील कुमार प्रधान, निवासी ग्राम गुड़ीपारा-मोहदीपारा, थाना सर्विया, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ है। Vocal TV+1

 घटना का विवरण

 पीछे कैसे हुआ फ्रॉड?

इस मामले में फ्रॉड की प्रक्रिया इस तरह दिखाई देती है

  1. पीड़ित को ब्रोकर ने वाहन खरीद-विक्रय व फाइनेंस का भरोसा दिया।

  2. फाइनेंस स्वीकृति का दिखावा किया गया — इससे भरोसा बना।

  3. पीड़ित ने डाउन-पेमेंट व अन्य राशि दिए।

  4. फाइनेंस राशि भी आ गई, लेकिन इसे वाहन विक्रेता को भुगतान नहीं किया गया।

  5. आरोपी ने रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर ली, लेकिन वाहन अधिग्रहण/हस्तांतरण नहीं हुआ।

  6. समय-समय पर लिखित वचन दिए गए (इकरारनामा/शपथ पत्र) लेकिन समाधान नहीं हुआ।

  7. अंततः पीड़ित ने पुलिस शिकायत दर्ज कराई।

 कानूनी पहलू

 पीड़ित के दृष्टिकोण से क्या हुआ नुकसान?

 समाज-वित्तीय सन्दर्भ

✅ निवारक सुझाव — ऐसे धोखाधड़ी से कैसे बचें?

  1. दस्तावेज़ की जाँच  वाहन विक्रेता व ब्रोकर दोनों की वैधता व पंजीकरण देखें।

  2. फाइनेंस कंपनी की पुष्टि  यदि फाइनेंस स्वीकृति दिखाई जा रही है, तो संबंधित कंपनी से सीधे पुष्टि करें।

  3. बैंक ट्रांज़ैक्शन का सबूत रखें  जैसे आरटीजीएस, चेक, फोनपे आदि ट्रांज़ैक्शन की कॉपी।

  4. स्वामित्व व हस्तांतरण की स्थिति जांचें वाहन आपके नाम पर कब तक आएगा, पंजीकरण कब होगा आदि लिखित में पूछें।

  5. लिखित वचन लेना  यदि ब्रोकर व विक्रेता लिखित वचन (इकरारनामा, समझौता) देते हैं, उसकी सत्यता जाँचे।

  6. रशद-शुल्क में सावधानी  डाउन-पेमेंट या अग्रिम राशि लेने से पहले पूरे सौदे की स्थिति स्पष्ट करें।

  7. पुलिस व कानूनी सलाह लें  सौदे से पहले परेशानी का अंदाज़ा हो तो स्थानीय पुलिस व वकील से राय लें।

 सीख और आगे की दिशा

रायगढ़ में यह मामला सिर्फ एक ठगी का उदाहरण नहीं है — यह विश्वास, प्रक्रिया व जिम्मेदारी के फ़ेलियर का है। 15.85 लाख रुपये की राशि सिर्फ संख्या नहीं — पीड़ित के सपने, योजना व विश्वास का पतन है।
यदि हमने सौदों में सावधानी नहीं बरती तो जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में हमारा विवेक, दस्तावेज़-जाँच व सही चैनल चुनना ही हमारी सुरक्षा है।

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