रायगढ़ डबल मर्डर केस पारिवारिक विवाद ने ले ली दो जानें

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा थाना क्षेत्र स्थित रायकेरा गांव में 2 अक्टूबर 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। दशहरे की रात एक ही परिवार के दो लोगों की गला दबाकर हत्या कर दी गई। मृतकों में 80 वर्षीय सुकमेत सिदार और उनके 60 वर्षीय दामाद लक्ष्मण सिदार शामिल हैं। यह घटना गांव में सनसनी फैलाने वाली थी, लेकिन पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर मामले का खुलासा कर दिया।
डबल मर्डर केस का खुलासा

रायगढ़ में दशहरा की रात हुए डबल मर्डर केस की गुत्थी सुलझ गई है। पुलिस ने बताया कि मृतक के अपने बेटे ने ही इस हत्या की साजिश रची थी। हत्या का कारण पारिवारिक विवाद था। Zee News
हत्या की वजह जमीन मुआवजे का विवाद

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि हत्या की मुख्य वजह NTPC द्वारा अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की राशि का बंटवारा था। मुआवजे की एक किस्त पहले ही मिल चुकी थी, जबकि अंतिम किस्त की उम्मीद थी। आरोपी रविशंकर सिदार, जो मृतक लक्ष्मण सिदार का बेटा था, अपने पिता और नानी से पैसे की मांग कर रहा था। जब दोनों ने उसे पैसे देने से मना किया, तो उसने गुस्से में आकर अपने पिता और नानी की हत्या की योजना बनाई।
हत्याकांड की साजिश और अंजाम
रविशंकर ने अपने पड़ोसी रामप्रसाद सिदार को इस हत्या में शामिल किया। दोनों ने मिलकर रात के समय लक्ष्मण और सुकमेत सिदार की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शवों को घर में ही छोड़ दिया और अगले दिन सुबह रिश्तेदारों ने शवों को देखा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि दोनों की गला दबाकर हत्या की गई थी।
पुलिस की तत्परता और गिरफ्तारी
घरघोड़ा पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की। सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय सूत्रों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने रविशंकर और रामप्रसाद को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने हत्या की साजिश और अंजाम देने की बात स्वीकार की। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या और साजिश की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
रायगढ़ में बढ़ते पारिवारिक विवाद
यह घटना रायगढ़ जिले में बढ़ते पारिवारिक विवादों और संपत्ति के बंटवारे को लेकर हो रही हिंसा की ओर इशारा करती है। पिछले कुछ वर्षों में जिले में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां संपत्ति या पैसों के विवाद ने हिंसा का रूप लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक और आर्थिक दबाव, शिक्षा की कमी और पारिवारिक मूल्यों में बदलाव इसके मुख्य कारण हैं।
समाज और पुलिस की जिम्मेदारी
इस घटना ने समाज और पुलिस दोनों की जिम्मेदारी को उजागर किया है। समाज को पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता और संवाद की आवश्यकता है, जबकि पुलिस को ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, शिक्षा और जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील बनाना आवश्यक है।
रायगढ़ का यह डबल मर्डर केस न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि यह समाज में बढ़ती हिंसा और पारिवारिक टूटन की गंभीर स्थिति को भी दर्शाता है। हमें इस घटना से सीख लेकर समाज में शांति, सौहार्द और समझदारी को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
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