राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2025 — रायगढ़ में खेल भावना और प्रतिभा का संगम
खेल से प्रेरणा, शिक्षा से निर्माण
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में इस साल राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2025 का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया।
यह प्रतियोगिता न केवल खेलों का उत्सव थी, बल्कि यह बच्चों में अनुशासन, टीम भावना, और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जगाने का प्रतीक भी बनी।
इस प्रतियोगिता का आयोजन स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन और जिला खेल कार्यालय रायगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ 8 अक्टूबर 2025 को रायगढ़ के न्यू स्टेडियम ग्राउंड में हुआ, जो पांच दिनों तक चला।
राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता — रायगढ़ में 25वीं प्रतियोगिता आयोजित हुई, खिलाड़ी शामिल हुए raigarhtopnews.com+2cgsandes
कार्यक्रम का उद्देश्य
राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य केवल जीतना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के अंदर छिपी प्रतिभाओं को खोज निकालना और उन्हें राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाना है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस पहल के जरिए यह लक्ष्य रखा है कि —
“हर बच्चा खेल में भाग ले, ताकि शरीर और मन दोनों मजबूत बनें।”
इस प्रतियोगिता के माध्यम से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के बच्चों को समान मंच प्रदान किया गया, जिससे वे अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकें।
आयोजन स्थल और तिथियाँ
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स्थान: न्यू स्टेडियम ग्राउंड, रायगढ़
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तिथि: 8 अक्टूबर 2025 से 12 अक्टूबर 2025
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आयोजक: स्कूल शिक्षा विभाग एवं जिला क्रीड़ा संघ रायगढ़
पूरे स्टेडियम को रंग-बिरंगे झंडों, बैनरों और विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए पोस्टरों से सजाया गया था।
हर दिन सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक विभिन्न खेलों के मुकाबले हुए।
प्रतिभागियों की संख्या और जिले
इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के 33 जिलों से लगभग 3,200 विद्यार्थी शामिल हुए।
इनमें 1,800 लड़के और 1,400 लड़कियाँ थीं।
खेलों की विविधता भी देखने लायक थी —
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एथलेटिक्स (दौड़, लंबी कूद, गोला फेंक)
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कबड्डी
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खो-खो
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फुटबॉल
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वॉलीबॉल
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हॉकी
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बैडमिंटन
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तैराकी
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योगा
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तीरंदाजी
हर खेल में जूनियर और सीनियर कैटेगरी रखी गई थी।
उद्घाटन समारोह: रंग, रौनक और जोश
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमलाल साहू ने किया।
उद्घाटन समारोह में बच्चों ने सांस्कृतिक झांकियाँ प्रस्तुत कीं — जिसमें छत्तीसगढ़ की लोकनृत्य शैलियाँ “पंथी” और “सुआ” मुख्य आकर्षण रहीं।
मंत्री ने अपने संबोधन में कहा —
“खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। यही बच्चे भविष्य में देश का नाम रोशन करेंगे। खेलों के जरिए हम एक मजबूत, अनुशासित और स्वस्थ समाज बना सकते हैं।”
उद्घाटन समारोह के बाद एथलेटिक्स की 100 मीटर दौड़ से प्रतियोगिता की शुरुआत हुई।
खेलों के प्रमुख आकर्षण
1. एथलेटिक्स — दौड़ में रायगढ़ का दबदबा
रायगढ़ के खिलाड़ी अनुज ठाकुर ने 100 मीटर स्प्रिंट में स्वर्ण पदक जीता, जबकि दुर्ग की साक्षी साहू ने 200 मीटर में गोल्ड हासिल किया।
5000 मीटर रेस में कोरिया जिले के ललित नागेश ने नया राज्य रिकॉर्ड बनाया।
2. कबड्डी — बस्तर और रायपुर के बीच रोमांचक मुकाबला
कबड्डी फाइनल में रायपुर ने बस्तर को 37-33 के स्कोर से हराया।
दर्शक दीर्घा में बच्चों और अभिभावकों ने जोश के साथ खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया।
3. खो-खो — छात्राओं की टीम ने दिखाया दम
राजनांदगांव की लड़कियों की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में बिलासपुर को हराया।
टीम की कप्तान पूजा निषाद को “सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी” घोषित किया गया।
4. हॉकी — खेल में एकता का प्रतीक
हॉकी मैचों में सबसे भावुक पल तब आया जब सुकमा और जशपुर की टीमों ने एक-दूसरे को जीत पर बधाई दी।
युवा खिलाड़ियों ने खेल भावना का सुंदर उदाहरण पेश किया।
पुरस्कार वितरण और समापन समारोह
12 अक्टूबर को समापन समारोह में कलेक्टर श्रीमती दीप्ति मिश्रा मुख्य अतिथि रहीं।
उन्होंने सभी विजेताओं को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र और नकद पुरस्कार प्रदान किए।
कुल चैंपियन जिला: रायगढ़ (16 स्वर्ण, 9 रजत, 6 कांस्य)
द्वितीय स्थान: रायपुर
तृतीय स्थान: दुर्ग
समारोह के दौरान बच्चों ने “खेलो छत्तीसगढ़” थीम पर नृत्य प्रस्तुत किया।
सभी खिलाड़ियों ने “फेयर प्ले शपथ” ली — कि वे खेल में ईमानदारी और अनुशासन बनाए रखेंगे।
खिलाड़ियों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएँ
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रायगढ़ की छात्रा नेहा गोंड (बैडमिंटन विजेता) ने कहा —
“हमारे जिले में अब खेलों को बहुत महत्व दिया जा रहा है। यह प्रतियोगिता हमारे जैसे बच्चों के लिए बड़ा मौका है।”
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एक अभिभावक ने कहा —
“सरकार को चाहिए कि हर ब्लॉक स्तर पर ऐसे आयोजन हों ताकि ग्रामीण बच्चों को भी समान अवसर मिले।”
शिक्षा और खेल का संबंध
शिक्षाविदों का मानना है कि खेल और शिक्षा दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।
खेल से बच्चों में आत्मविश्वास, टीमवर्क और नेतृत्व कौशल विकसित होते हैं।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएँ बच्चों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों के लिए तैयार करती हैं।
इन्हीं प्रतियोगिताओं से भविष्य के ओलंपिक खिलाड़ी तैयार होते हैं।
सरकारी योजनाएँ और खेल को बढ़ावा
छत्तीसगढ़ सरकार ने खेल विकास के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की हैं:
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मुख्यमंत्री युवा खेल प्रोत्साहन योजना
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ग्रामीण खेल प्रशिक्षण केंद्र
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बालक-बालिका छात्रावासों में खेल सामग्री वितरण
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जिला स्तरीय खेल अकादमियाँ
इन योजनाओं के तहत खिलाड़ियों को मुफ्त प्रशिक्षण, पोषण भत्ता, और छात्रवृत्ति दी जा रही है।
रायगढ़ जिले में अब इंडोर स्टेडियम और एथलेटिक ट्रैक के निर्माण की योजना भी बनाई गई है।
महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण
इस साल की प्रतियोगिता की सबसे खास बात रही — महिलाओं की भागीदारी।
पिछले साल की तुलना में 30% अधिक छात्राओं ने भाग लिया।
खो-खो, कबड्डी, और योगा में लड़कियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
इससे यह साबित हुआ कि छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब खेल के हर मैदान में अपनी पहचान बना रही हैं।
सुरक्षा और आयोजन व्यवस्था
जिला प्रशासन ने आयोजन के लिए बेहतरीन सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था की।
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मेडिकल टीम हर मैदान पर मौजूद रही।
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खिलाड़ियों के लिए फ्री भोजन और आवास व्यवस्था की गई।
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400 से अधिक वालंटियर्स ने आयोजन को सफल बनाया।
इसके कारण पूरे पाँच दिन तक किसी बड़े विवाद या चोट की घटना सामने नहीं आई।
भविष्य की दिशा — खेलों से राज्य का गौरव
रायगढ़ में आयोजित यह प्रतियोगिता राज्य के खेल परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ गई।
राज्य सरकार ने घोषणा की कि इस प्रतियोगिता के 100 श्रेष्ठ खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके अलावा, अगले वर्ष यह आयोजन बिलासपुर में किया जाएगा, जिसमें नई खेल विधाओं को भी जोड़ा जाएगा — जैसे स्केटिंग, जूडो और शूटिंग।
खेलों से भविष्य का निर्माण
राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2025 ने यह साबित कर दिया कि
“छत्तीसगढ़ के बच्चे केवल पढ़ाई में नहीं, खेलों में भी विश्व स्तर पर नाम कमा सकते हैं।”
रायगढ़ जैसे छोटे जिलों से निकलने वाली ये प्रतिभाएँ आने वाले समय में भारत का गौरव बनेंगी।
यह आयोजन केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि उम्मीदों का उत्सव था —
जहाँ हर दौड़, हर पास, हर गोल में भविष्य की झलक दिखी।
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