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देवउठनी एकादशी 2025 करें ये उपाय और पाएं शादी का शुभ योग

देवउठनी एकादशी  करें ये उपाय, जल्द बजेगी शादी की शहनाई

हिन्दू धर्म में अनेक व्रत-उत्सव ऐसे हैं जो जीवन के-उत्सव, शुभ काम एवं धर्म-संस्कार को प्रोत्साहित करते हैं। उन में से एक बेहद महत्वपूर्ण व्रत है देवउठनी एकादशी (जिसे प्रबोधिनी एकादशी या देवोत्त्थान एकादशी भी कहा जाता है)। कहा जाता है कि इस दिन से पुनः शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह-प्रवेश, व्यवसायिक शुभारंभ आदि प्रारंभ होते हैं। इस लेख में हम जानेंगे इस व्रत की तिथि-समय, पूजा-विधि, मुख्य उपाय और विशेष रूप से शादी को जल्दी सम्पन्न कराने हेतु उपाय के बारे में।


 देवउठनी एकादशी तिथि व मूल विवरण


 मुख्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व

  1. यज्ञ और चतुर्मास का अंत: चतुर्मास वह अवधि है जिसमें विष्णु देव योगनिद्रा में माने जाते हैं, और उस दौरान अधिकांश शुभकार्य नहीं किये जाते। देवउठनी एकादशी उस अवधि के समाप्ति का प्रतीक है। The Times of India+1

  2. शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत: विवाह, गृह-प्रवेश (गृहप्रवेश), व्यवसाय संबंधी शुभारंभ आदि अब फिर से शुरू हो सकते हैं।

  3. विष्णु-पूजा व तુષ्लिविवाह: इस दिन तुलसी विवाह (तुलसी पौधे का भगवान विष्णु से विवाह) की परंपरा भी है, जो धर्म-संस्कारिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है।

  4. आध्यात्मिक एवं सामाजिक संकेत: यह दिन “जागृति” का प्रतीक है — अधिष्ठित शक्तियों का पुनरुत्थान और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आरंभ।


 विवाह-शादी के लिए क्यों शुभ?


 पूजा-विधि एवं मुख्य उपाय

पूजा-विधि संक्षिप्त रूप में

विशेष उपाय शादी-शहनाई हेतु


 सही मुहूर्त और दिन-समय


 उपाय सूची

  1. तुलसी वृक्ष को जल अर्पित करें, गोमूत्र या दूध चढ़ाएं, घी का दीप लगाएं।

  2. दीपक जितना संभव हो घर के आँगन-प्रवेश द्वार पर लगाएं — विशेष रूप से विवाह के लिए शुभ संकेत।

  3. शुभ कार्य (जैसे सगाई, विवाह, गृह-प्रवेश) तत्काल आरंभ करें — या इस दिन से अपनी योजनाएँ तय करें।

  4. कम-से-कम दस ब्राह्मण को भोजन व वस्त्र दान करें।

  5. मन को मोह-माया से मुक्त रखें। उपवास या सीमित भोजन करना श्रेष्ठ है।

  6. विष्णु सहस्रनाम, भगवद्-गीता का पाठ या तुलसी-चालीसा आदि करें।

  7. अगले दिन (तथा अगले शुभ दिन) विवाह का निर्णय लें, शुभ मुहूर्त देखें।


 मिथक-कथा एवं पौराणिक प्रसंग


सावधानियाँ एवं उपेक्षित बातें

अगर आप सोच रहे हैं “शादी जल्दी कब होगी?” या “विवाह-कार्यों के लिए शुभ समय कब है?”, तो देवउठनी एकादशी आपके लिए एक बहुत शुभ अवसर है। इस दिन से व्रत-पूजा-उपाय करके, शुभ कार्यों की शुरुआत करके, विवाह-संबंधित निर्णय लेकर आप अपने जीवन में मंगल-शुभ की दिशा ले सकते हैं।
हालाँकि शादी केवल एक दिन का आयोजन नहीं — यह जीवन-यात्रा की शुरुआत है — इसलिए जागरूक रूप से तैयारी करें, सच्चे मन से पूजा-उपाय करें, और सामाजिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से संतुलित विवाह-यात्रा का आरंभ करें।

इस प्रकार, देवउठनी एकादशी के इस आलेख-मार्गदर्शन से आप न सिर्फ व्रत-उपाय जान पाएँगे, बल्कि शादी-शहनाई के शुभ-प्रारंभ के लिए भी प्रेरणा पा सकते हैं।

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