दीवाली 2025 पर स्कूलों में छुट्टियों की धूम — विद्यार्थियों में खुशी की लहर
भारत में त्योहारों का मौसम जैसे ही आता है, पूरे देश का माहौल बदल जाता है। दीपावली यानी दीवाली न केवल रोशनी और खुशियों का पर्व है, बल्कि यह शिक्षा जगत के लिए भी एक विशेष अवसर बन जाता है। वर्ष 2025 में दीवाली का त्योहार 20 अक्टूबर (रविवार) को मनाया जा रहा है। इसके चलते 18 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर 2025 तक देश के कई राज्यों में स्कूल-कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत लगभग सभी राज्यों के शिक्षा विभागों ने दीवाली अवकाश का आदेश जारी कर दिया है।
स्कूलों को दी गई छुट्टियाँ: दीवाली-महोत्सव के लिए कई राज्यों में अवकाश18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक स्कूलों को छुट्टी का दौर जारी रहेगा, जिसमें चोथी दीवाली, दीवाली-भाईदूज आदि शामिल हैं। The Economic Times
छुट्टियों की अवधि और तारीखें
दीवाली सप्ताह के दौरान घोषित छुट्टियाँ क्षेत्रवार भिन्न हैं, परंतु औसतन 5 से 7 दिनों का अवकाश विद्यार्थियों और शिक्षकों को दिया गया है।
| राज्य | छुट्टी आरंभ | समाप्ति | कुल दिन |
|---|---|---|---|
| उत्तर प्रदेश | 18 अक्टूबर | 23 अक्टूबर | 6 दिन |
| दिल्ली | 18 अक्टूबर | 22 अक्टूबर | 5 दिन |
| राजस्थान | 17 अक्टूबर | 23 अक्टूबर | 7 दिन |
| हरियाणा | 18 अक्टूबर | 23 अक्टूबर | 6 दिन |
| मध्य प्रदेश | 18 अक्टूबर | 24 अक्टूबर | 7 दिन |
| छत्तीसगढ़ | 18 अक्टूबर | 23 अक्टूबर | 6 दिन |
इन छुट्टियों में धनतेरस, छोटी दीवाली, मुख्य दीवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे पर्व शामिल हैं। कुछ निजी स्कूलों ने तो अवकाश को 25 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है ताकि विद्यार्थी और अभिभावक घर-परिवार के साथ अधिक समय बिता सकें।
स्कूल प्रशासन की तैयारी
त्योहारों के पहले स्कूलों में सफाई और रंग-रोगन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कई संस्थानों ने दीवाली-पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया — जिसमें बच्चों ने दीया सजावट, रंगोली प्रतियोगिता, दीपमाला प्रर्दशनी और पर्यावरण-मित्र दीवाली अभियान में भाग लिया।
शिक्षकों ने विद्यार्थियों को “हरित दीवाली – सुरक्षित दीवाली” का संदेश देते हुए पटाखों के दुष्प्रभाव और प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष सत्र भी आयोजित किए।
हरित दीवाली अभियान
वर्ष 2025 में शिक्षा विभागों ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि स्कूल-स्तर पर दीवाली को पर्यावरण-अनुकूल ढंग से मनाया जाए। बच्चों को मिट्टी के दीये इस्तेमाल करने, स्थानीय उत्पाद खरीदने और कम-शोर वाले पटाखों का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
कई सरकारी स्कूलों ने “एक दीया – एक पौधा” नाम से अभियान चलाया है, जिसमें हर विद्यार्थी दीवाली के दिन एक पौधा लगाने का संकल्प ले रहा है।
विद्यार्थियों और अभिभावकों की खुशी
दीवाली की छुट्टियाँ विद्यार्थियों के लिए केवल आराम का समय नहीं, बल्कि परिवार से जुड़ाव का अवसर भी हैं।
रायगढ़ के एक स्कूल छात्र — आर्यन मिश्रा कहते हैं,
“सालभर पढ़ाई और परीक्षाओं के बीच दीवाली की छुट्टियाँ सबसे ज्यादा पसंद हैं। हम घर सजाते हैं, माँ-पापा के साथ बाजार जाते हैं और रिश्तेदारों से मिलते हैं।”
अभिभावकों का कहना है कि इन छुट्टियों से बच्चों में सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की समझ बढ़ती है। संयुक्त परिवारों में यह समय बच्चों को अपनी परंपरा और रिवाजों से जोड़ने का सुनहरा अवसर देता है।
बाजारों और शहरों में दीवाली की रौनक
स्कूल-छुट्टियों की घोषणा के साथ ही बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। रायगढ़, बिलासपुर, रायपुर, दिल्ली, जयपुर और लखनऊ के बाजारों में भीड़ देखी जा रही है।
बच्चे और युवा नए कपड़े, उपहार, मिठाइयाँ, दीये और सजावटी सामान खरीदने में व्यस्त हैं। इस बार ऑनलाइन-खरीदारी के साथ-साथ स्थानीय दुकानदारों को भी अच्छा व्यापार मिल रहा है।
व्यापारिक संगठन — CAIT (Confederation of All India Traders) ने बताया कि दीवाली सप्ताह में खुदरा व्यापार 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम
स्कूलों के बंद रहने के दौरान कई स्थानों पर रामलीला, दीपोत्सव और सामूहिक पूजा-आरती का आयोजन किया जा रहा है।
अयोध्या में इस वर्ष का दीपोत्सव विशेष आकर्षण का केंद्र है क्योंकि यहाँ विश्व का पहला “रामायण वैक्स म्यूज़ियम” खुलने जा रहा है।
यह म्यूज़ियम बच्चों को रामायण की कथाओं को इंटरैक्टिव और आधुनिक तकनीक के ज़रिए दिखाएगा — जिससे शिक्षा और संस्कृति का संगम होगा।
शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकारों की भूमिका
शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि दीवाली के बाद स्कूल खुलते ही बच्चों के लिए पुनरारंभ गतिविधियाँ (Reopening Activities) कराई जाएँ ताकि वे उत्सव-मोड से शिक्षा की ओर सहजता से लौट सकें।
साथ ही, “Festival Break Homework Policy” के तहत छात्रों को ऐसा हल्का गृहकार्य दिया जा रहा है जो सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों से जुड़ा हो — जैसे परिवार के बुजुर्गों से त्योहार की परंपराओं पर निबंध लिखना या घर की सजावट की योजना बनाना।
शिक्षा पर प्रभाव
दीवाली की छुट्टियाँ मानसिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी लाभदायक मानी जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक स्कूल गतिविधियों में व्यस्त रहने के बाद यह अवकाश बच्चों के तनाव को कम करता है और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है।
कुछ स्कूलों ने छुट्टियों से पहले विशेष “Exam Readiness Sessions” भी कराए ताकि दीवाली के बाद होने वाली अर्धवार्षिक परीक्षाओं में छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
छुट्टी के बाद पुन शैक्षणिक वातावरण
24 अक्टूबर के बाद जैसे-जैसे स्कूल दोबारा खुलेंगे, बच्चों के लिए कई नई गतिविधियाँ शुरू होंगी —
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“Winter Reading Challenge”
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“Science Week”
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“Swachh Campus Campaign”
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और कक्षा 9-12 के लिए “Career Guidance Workshops”
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छुट्टियों के बाद शिक्षा में निरंतरता बनी रहे।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की दीवाली-छुट्टियाँ बच्चों के समग्र विकास के लिए सकारात्मक प्रभाव डालेंगी।
रायगढ़ के शिक्षक – अनिल सिंह कहते हैं,
“हम छात्रों को यह सिखा रहे हैं कि दीवाली सिर्फ पटाखों और मिठाइयों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रकाश, ज्ञान और स्वच्छता का प्रतीक है। छुट्टियाँ इसे समझने का मौका देती हैं।”
पर्यावरणविद् डॉ. रीना शुक्ला ने कहा कि “Green Diwali Campaign” के तहत बच्चों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी बढ़ रही है, जो भविष्य के लिए शुभ संकेत है।
दीवाली की छुट्टियाँ भारतीय शिक्षा प्रणाली में केवल अवकाश नहीं, बल्कि संस्कार, आनंद और सीखने का उत्सव हैं।
जब स्कूल बंद होते हैं, तो परिवार खुल जाते हैं — बच्चे सीखते हैं कि जीवन की असली शिक्षा किताबों के बाहर भी मिलती है।
वर्ष 2025 में घोषित ये छुट्टियाँ बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों और समाज — सभी के लिए खुशियाँ लेकर आई हैं।
दीपों का यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और उदासी पर उमंग की जीत का प्रतीक है।
इस दीवाली, आइए हम सब “हर घर दीया – हर मन खुशहाल” के संकल्प के साथ इस पर्व को मनाएँ।
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