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“राजस्थान vs छत्तीसगढ़ रणजी ट्रॉफी 2025 हुड्डा की शतकीय पारी और मुकाबले की लड़ाई”

राजस्थान-छत्तीसगढ़ रणजी ट्रॉफी और इस मुकाबले का महत्व

भारतीय घरेलू क्रिकेट की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में हर सीज़न कहीं-कहीं ऐसे मुकाबले होते हैं जो न केवल टीमों के लिए बल्कि खिलाड़ियों के करियर के लिए निर्णायक साबित होते हैं। 2025–26 के रणजी सीज़न में  राजस्थान  और छत्तीसगढ़ के बीच यह मुकाबला एलिट ग्रुप D में दर्ज है। Wikipedia+2BCCI+2

जब दो राज्य क्रिकेट यूनियन की टीमें आमने-सामने आती हैं, तो मैच में सिर्फ सीज़न प्वाइंट नहीं बल्कि प्रदेश की क्रिकेट प्रतिष्ठा भी दांव पर होती है। इस मुकाबले में छत्तीसगढ़ अपनी चमक दिखाना चाहता है, जबकि राजस्थान होम ग्राउंड का लाभ लेकर दबाव बनाना चाहेगा।

इस ब्लॉग में हम शुरुआत से लेकर वर्तमान स्थिति तक, खेल की रूपरेखा और संभावनाओं का विश्लेषण करेंगे।


मुकाबले की पृष्ठभूमि / विवरण

राजस्थान ने निर्णय लिया कि पहले छत्तीसगढ़ को बल्लेबाजी का मौका देंगे, यह रणनीति उनके गेंदबाजों को पहली पारी में दबाव बनाने का अवसर देती है।


 टीमों की रूपरेखा और स्क्वाड

छत्तीसगढ़ की टीम

छत्तीसगढ़ ने इस सीज़न के लिए 17 सदस्यीय टीम घोषित की है, जिसमें अमदीप खरे को कप्तान बनाया गया है।
टीम में निम्नलिखित प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं

यह टीम युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण है, जो प्रदर्शन के लिहाज से संतुलन बनाने का प्रयास करती है।

राजस्थान की टीम

राजस्थान की टीम में निम्न खिलाड़ी प्रमुख रूप से हैं:

राजस्थान ने घरेलू मैचों में दर्शकों का समर्थन होने और स्थानीय परिस्थिति का फायदा लेने का लक्ष्य रखा होगा।


 पहला दिन संघर्ष और वापसी

शुरुआत में दबाव

पहले दिन राजस्थान की गेंदबाज़ी का आगाज़ शानदार था। उन्होंने जल्दी ही छत्तीसगढ़ की टीम को 49/5 तक धकेल दिया था।  खलील अहमद ने तीन विकेट लिए और अनिकेत चौधरी ने दो विकेट झटके।

ऐसे लग रहा था कि छत्तीसगढ़ ऑल-आउट हो जाएगा, लेकिन फिर मंडल और टीम के अन्य बल्लेबाजों ने संघर्ष किया।  

मध्य साझेदारी और पारी विस्तार

मंडल ने इस दबाव में शतक लगाया और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। ₹116 रन की पारी के साथ, उन्होंने छत्तीसगढ़ को 287/7 तक पहुंचाया। अन्य योगदान शामिल हैं: बरेथ, सार्वते, असहायक बल्लेबाजों का योगदान।

इस तरह राजस्थान की गेंदबाज़ियों ने बीच-बीच में सफलता पाई लेकिन छत्तीसगढ़ की वापसी ने मुकाबले को रोचक बना दिया।


 दूसरे दिन की कहानी

छत्तीसगढ़ की अंतिम पारी

दूसरे दिन छत्तीसगढ़ ने अपनी पारी को आगे बढ़ाया और ऑल-आउट हो गई — 332 रन पर।  मंडल ने इस पारी का बेहतरीन नेतृत्व किया, 144 रन की पारी खेली।बरेथ ने 59 रन बनाए, जबकि आदित्य सार्वते ने 43 रन का योगदान दिया। 1

उनके इन प्रयासों ने शुरुआत के बुलंदि को ध्वस्त करने की हैसियत दी।

राजस्थान की पलटवार

राजस्थान की पारी शुरुआत में संघर्षमय दिखी — दो विकेट जल्दी ही गिर गए।लेकिन दीपक हुड्डा ने शानदार 101 (नाबाद शतक)* लगाते हुए टीम को मजबूत वापसी दिलाई।

हुड्डा और अभिजीत तोमर (49 रन) के बीच 99 रनों की साझेदारी हुई जिसने राजस्थान को दबावमुक्त किया। स्टंप तक राजस्थान 215/4 पर था, छत्तीसगढ़ की पारी से 117 रन पीछे

राजस्थान के अन्य बल्लेबाजों ने भी योगदान दिया — मूकुल चौधरी (16 रन) आदि।

छत्तीसगढ़ की गेंदबाज़ियों में रवि किरण ने 2 विकेट लिए (2/26) और अन्य गेंदबाजों ने साझेदारी निभाई।

 पारी दर पारी तुलना

पारी टीम स्कोर मुख्य योगदान टिप्पणी
1 छत्तीसगढ़ 332 मंडल 144, बरेथ 59, सार्वते 43 संघर्षपूर्ण शुरुआत के बाद शानदार जमाव
1 राजस्थान 215/4 (स्टंप तक) हुड्डा 101*, तोमर 49 पारी अभी खुली, पीछे है 117 रन
आगे का परिणाम TBD मुकाबला अभी जारी है

(नोट: मुकाबला पूर्ण नहीं हुआ है, आगे की पारी और परिणाम अभी सामने नहीं आए हैं)


 मैच के महत्वपूर्ण क्षण और विश्लेषण

1. रणनीति और निर्णय

राजस्थान का टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय सही सिद्ध हुआ — शुरुआत में दबाव बनाया गया।
लेकिन टीम ने बीच में अधिक सफलता नहीं पाई, जिससे छत्तीसगढ़ वापसी कर सका।

छत्तीसगढ़ ने अपने मध्यक्रम को मजबूत रखा, जिससे शुरुआती झटकों से उबरने में मदद मिली।

2. खिलाड़ियों का प्रदर्शन

3. धीमी सतह या गेंदबाज़ी का असर

मीन मैदान (Miraj Sports Centre) की पिच से साफ नहीं हुआ है कि यह बल्लेबाजों की मदद करती है या गेंदबाजों की। लेकिन शुरुआत में गेंदबाज़ी को सफलता मिली — मतलब पिच में भी खेल बदलने की क्षमता थी।

4. दबाव और मानसिक लड़ाई

दोनों टीमें दबाव में थीं — छत्तीसगढ़ को शुरुआत में कमजोर दिखने से वापसी करनी थी, राजस्थान को जैसे ही मध्यक्रम की गिरावट हुई, प्रतिद्वंद्वी दबाव बनाने की स्थिति में आ गया।


 आगे की संभावनाएं

“राजस्थान vs छत्तीसगढ़” मुकाबला रणजी 2025–26 का ऐसा संघर्ष है जिसमें शुरुआती झटकों के बाद वापसी, शतक, साझेदारियाँ और दबाव का संयोजन देखने को मिला है।

छत्तीसगढ़ ने संकट से उबरते हुए respectable पारी बनाई, जबकि राजस्थान के लिए हुड्डा ने शतक जड़ टीम को वापसी दिलाई।

अभी तक स्थिति बराबर बनी हुई है — राजस्थान पिछड़ता हुआ है पर अभी भी मुकाबले में है। यह मुकाबला यह दिखाता है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में न केवल क्षमता बल्कि संयम, मानसिक दृढ़ता और रणनीति का महत्व कितना अधिक है।

आगे की पारियां और परिणाम मुकाबले की दिशा तय करेंगे।

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