रायगढ़ में दंपति की रात में हुई डबल मर्डर से सनसनी – गांव में छाया सन्नाटा

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम भेंड़ा में एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है।
21 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे एक दंपति की उनके ही घर में बेरहमी से हत्या कर दी गई।
अगली सुबह जब परिजनों और पड़ोसियों ने दरवाजा खटखटाया तो घर के भीतर दोनों के खून से लथपथ शव पड़े मिले।
यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है, बल्कि लोगों के मन में कई सवाल छोड़ गई है — आखिर एक शांत गांव में इतनी निर्मम हत्या किसने और क्यों की?
दंपति की रात में हुई डबल मर्डर — घरघोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम भेंड़ा में एक पति-पत्नी धारदार हथियारों से मारे गए। Patrika News+1
घटना का पूरा विवरण (Incident Details)
यह भयावह घटना रायगढ़ जिले के घरघोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम भेंड़ा की है। मृतकों की पहचान
गोविंद साव (उम्र 45 वर्ष) और उनकी पत्नी सुशीला साव (उम्र 40 वर्ष) के रूप में हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार, दंपति अपने घर में अकेले रहते थे।
उनके बच्चे रायगढ़ शहर में पढ़ाई करते हैं। रात के समय पड़ोसियों ने उनके घर से कुछ हलचल और झगड़े जैसी आवाज़ें सुनीं, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
सुबह जब दूधवाला दरवाजा खटखटाने पहुँचा, तो कोई जवाब नहीं मिला।
शक होने पर दरवाजा खोला गया, तो दोनों पति-पत्नी मृत पाए गए।
घर के भीतर फर्श पर खून फैला हुआ था, और अलमारी खुली हुई थी।
इससे यह शक गहराता जा रहा है कि हत्या के पीछे लूट की मंशा भी हो सकती है।
जांच की शुरुआत (Police Investigation)
सूचना मिलते ही घरघोड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुँची।
फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया, जिन्होंने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि दोनों की हत्या धारदार हथियार (संभवत: कुल्हाड़ी या चाकू) से की गई है।
घटना के समय घर का दरवाजा भीतर से बंद नहीं था, जिससे संदेह है कि हत्यारा कोई परिचित व्यक्ति हो सकता है जो घर में सहज रूप से घुसा था।
पुलिस अधीक्षक (SP) रायगढ़ ने बताया:
“हमने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। आसपास के लोगों से पूछताछ जारी है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हत्या का कारण प्रारंभिक रूप से स्पष्ट नहीं है, लेकिन पुरानी रंजिश या चोरी दोनों ही एंगल से जांच की जा रही है।”
गांव में दहशत और शोक (Fear in the Village)
ग्राम भेंड़ा जैसे शांत इलाके में हुई इस डबल मर्डर से पूरा गांव सन्न रह गया है।
सुबह से ही सैकड़ों लोग घटनास्थल पर जुट गए। महिलाएँ रो पड़ीं, बच्चे भयभीत हो गए।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने ऐसा भयानक दृश्य पहले कभी नहीं देखा।
गांव के एक निवासी ने बताया
“गोविंद और सुशीला बहुत शांत स्वभाव के थे। उनका किसी से झगड़ा नहीं था। वे मेहनती किसान थे और समाज में सम्मानित परिवार से थे।”
इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से रात में गश्त बढ़ाने और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
लूट या रंजिश? दो प्रमुख एंगल
पुलिस जांच में अब तक दो प्रमुख एंगल सामने आए हैं
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लूट का एंगल
अलमारी खुली हुई थी और कुछ नकदी व जेवर गायब बताए जा रहे हैं।
इससे संभावना जताई जा रही है कि लुटेरों ने घर में घुसकर हत्या की हो। -
व्यक्तिगत रंजिश का एंगल
गांव के कुछ लोगों से पुलिस ने पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि गोविंद साव का एक व्यक्ति से जमीन विवाद चल रहा था।
इसलिए पुलिस यह भी जांच रही है कि कहीं यह हत्या उसी विवाद का नतीजा तो नहीं।
फोरेंसिक टीम की भूमिका
फोरेंसिक विशेषज्ञों ने घटनास्थल से रक्त के नमूने, हथियार के निशान और फिंगरप्रिंट्स इकट्ठे किए हैं।
डॉग स्क्वॉड को बुलाकर हत्यारे के भागने के रास्ते की पहचान की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि हत्या की शैली और शरीर पर चोटों के निशान देखकर लगता है कि अपराधी एक से अधिक व्यक्ति थे।
इससे यह मामला और भी जटिल हो गया है।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी की संभावना
पुलिस ने पूरे इलाके में संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग अभियान शुरू कर दी है।
घरघोड़ा से लेकर रायगढ़ शहर तक नाकेबंदी कर दी गई है।
करीबी रिश्तेदारों और मजदूरों से पूछताछ की जा रही है।
रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक ने कहा
“हम जल्द ही इस मामले को सुलझा लेंगे। तकनीकी साक्ष्य और मोबाइल कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही हैं।”
रायगढ़ में बढ़ते मर्डर केस – चिंता का विषय
रायगढ़ जिले में पिछले कुछ महीनों से आपराधिक घटनाओं में तेजी आई है।
खासकर ग्रामीण इलाकों में हत्या, चोरी और झगड़ों के मामले बढ़े हैं।
| वर्ष | हत्या के मामले | गिरफ्तार आरोपी | लंबित जांच |
|---|---|---|---|
| 2023 | 42 | 39 | 6 |
| 2024 | 47 | 43 | 8 |
| 2025 (जनवरी–अक्टूबर) | 39 | 35 | 10 |
इन आंकड़ों से साफ है कि अपराध दर धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों तक पहुँच रही है, जहाँ पहले ऐसी घटनाएँ दुर्लभ थीं।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
यह घटना प्रशासनिक लापरवाही की ओर भी इशारा करती है।
ग्राम भेंड़ा में रात में पुलिस गश्त नहीं होती, और अधिकांश घरों में सीसीटीवी या सुरक्षा बंदोबस्त नहीं हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि रात में पुलिस पेट्रोलिंग होती, तो शायद अपराधी पकड़े जा सकते थे।
ग्राम पंचायत प्रतिनिधि ने कहा
“हमने कई बार थाने में कहा कि गांव में गश्त बढ़ाई जाए, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। अब इस घटना ने सभी को हिला दिया है।”
सामाजिक विश्लेषण ग्रामीण इलाकों में बदलते अपराध स्वरूप
समाजशास्त्रियों का कहना है कि ग्रामीण समाज में पहले अपराध कम होते थे क्योंकि लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे।
लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल रही हैं:
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बेरोजगारी और नशे की प्रवृत्ति बढ़ी है।
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गांवों में भी बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ गई है।
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आपसी झगड़े, जमीन विवाद और संपत्ति के मुद्दे अब हिंसक रूप ले रहे हैं।
इस डबल मर्डर केस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण इलाकों में भी अब कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीरता बढ़ाने की आवश्यकता है।
प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों की राय
एक बुजुर्ग महिला ने कहा
“हमने रात को कुछ आवाजें सुनी थीं, लेकिन सोचा परिवार में कोई बात होगी। सुबह जब पता चला तो पैर कांप गए।”
एक अन्य ग्रामीण ने कहा
“अब डर लगता है। गांव में अकेले रहना मुश्किल हो गया है। ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”
कानूनी प्रावधान और संभावित सजा
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत हत्या का अपराध सिद्ध होने पर आरोपी को आजन्म कारावास या फांसी तक की सजा हो सकती है।
अगर इसमें षड्यंत्र या लूट का तत्व जुड़ा पाया गया, तो धारा 396 (डकैती के दौरान हत्या) भी लग सकती है, जिसमें मृत्युदंड तक का प्रावधान है।
मामले की ताजा स्थिति (Latest Update)
पुलिस ने अब तक कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनमें से दो स्थानीय मजदूर हैं जो हाल ही में गांव के आसपास काम कर रहे थे।
मोबाइल लोकेशन और फिंगरप्रिंट रिपोर्ट आने के बाद पुलिस जल्द बड़ा खुलासा कर सकती है।
जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा:
“हम उम्मीद करते हैं कि अगले 48 घंटों में अपराधी पकड़े जाएंगे। यह हत्या योजनाबद्ध प्रतीत होती है।”
परिवार का हाल और गांव की संवेदना
गोविंद और सुशीला की मौत ने उनके परिवार को तोड़ दिया है।
उनके दो बच्चे रायगढ़ के एक स्कूल में पढ़ते हैं और अभी भी सदमे में हैं।
गांव के लोग लगातार उनके घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं।
ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करे और गांव में स्थायी पुलिस चौकी स्थापित करे।
यह घटना सिर्फ एक डबल मर्डर नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी है।
गांवों में भी अब अपराध की जड़ें गहरी हो रही हैं, और पुलिस-प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना होगा।
हमें यह समझना होगा कि सुरक्षा केवल शहरों का विषय नहीं, बल्कि हर गांव की आवश्यकता है।
यदि समय रहते सुरक्षा व्यवस्था और जागरूकता नहीं बढ़ाई गई, तो ऐसी घटनाएँ बढ़ सकती हैं।
समापन विचार
ग्राम भेंड़ा का यह डबल मर्डर केस रायगढ़ जिले की शांति को हिला गया है।
हर ओर यही सवाल गूंज रहा है —
“इतनी बेरहमी से किसने की हत्या और क्यों?”
इस घटना ने स्पष्ट किया है कि हमें समाज में विश्वास, सुरक्षा और संवेदना तीनों को पुनः मजबूत करना होगा।
कानून अपना काम करेगा, लेकिन जरूरी यह है कि लोग भी अपने आसपास के वातावरण पर नजर रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
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