जबड़े के डिसलोकेशन का पलक्कड़ जंक्शन पर मिनटों में इलाज

रेल यात्रा के दौरान स्वास्थ्य समस्याएं कभी भी उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन जब ये समस्याएं अचानक और गंभीर रूप से सामने आती हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। हाल ही में एक ऐसी ही घटना घटी, जब कन्याकुमारी-डिब्रूगढ़ विवेक एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 22503) में यात्रा कर रहे 24 वर्षीय यात्री का जबड़ा अचानक अपनी जगह से खिसक गया। हालांकि यह स्थिति दर्दनाक और चिंताजनक थी, लेकिन पलक्कड़ जंक्शन पर तैनात डॉ. जिथिन पी.एस. की त्वरित और कुशल चिकित्सा सहायता ने यात्री को तुरंत राहत प्रदान की और उसकी यात्रा को सुरक्षित रूप से जारी रखा।
घटना का विवरण

यह घटना 20 अक्टूबर 2025 को घटी, जब विवेक एक्सप्रेस के यात्री ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। यात्रा के दौरान अचानक यात्री का जबड़ा खिसक गया, जिससे वह न तो बोल पा रहे थे और न ही मुंह बंद कर पा रहे थे। यह स्थिति न केवल शारीरिक रूप से कष्टकारी थी, बल्कि मानसिक रूप से भी तनावपूर्ण थी।India Today
पलक्कड़ जंक्शन पर तैनात डॉ. जिथिन पी.एस. को जैसे ही इस आपातकालीन स्थिति की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत स्टेशन पर पहुंचकर यात्री का निरीक्षण किया। डॉ. जिथिन ने अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए, बिना किसी बड़े उपकरण के, मैनुअल रिडक्शन प्रक्रिया के माध्यम से यात्री के जबड़े को उसकी सही स्थिति में वापस स्थापित किया। इस प्रक्रिया से यात्री को तुरंत राहत मिली और वह बिना किसी देरी के अपनी यात्रा जारी रख सके।
जबड़े का डिसलोकेशन कारण और उपचार

जबड़े का डिसलोकेशन (Mandibular Dislocation) तब होता है जब निचला जबड़ा (Mandible) अपनी सामान्य स्थिति से बाहर खिसक जाता है। यह स्थिति आमतौर पर टेम्पोरोमैंडिब्युलर जॉइंट (TMJ) में उत्पन्न होती है, जो सिर की हड्डी से जुड़ा होता है। जब मुंह बहुत अधिक खुलता है, जैसे जम्हाई लेते समय या कुछ सख्त चीज खाते हुए, तो जबड़ा अपने सॉकेट से बाहर खिसक सकता है।
लक्षण
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मुंह बंद नहीं हो पाना या खोलने में दिक्कत।
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जबड़े में तेज दर्द या सूजन।
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चेहरा टेढ़ा दिखना या जबड़ा एक तरफ खिसका लगना।
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बोलने या चबाने में मुश्किल।
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लार टपकना (Drooling)।
उपचार
जबड़े के डिसलोकेशन का उपचार मैनुअल रिडक्शन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें डॉक्टर सावधानीपूर्वक जबड़े को उसकी सामान्य स्थिति में वापस स्थापित करते हैं। यह प्रक्रिया कुशलता और अनुभव की मांग करती है, क्योंकि गलत तरीके से की गई प्रक्रिया से और भी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
रेलवे की तत्परता और चिकित्सा सहायता
यह घटना यह दर्शाती है कि भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर कितना गंभीर है। पलक्कड़ जंक्शन पर तैनात डॉ. जिथिन पी.एस. की तत्परता और कुशलता ने एक यात्री की यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बनाया।
रेलवे की चिकित्सा सुविधाएं:
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डॉक्टर ऑन कॉल: कई बड़े स्टेशनों पर, रेलवे ने ‘डॉक्टर ऑन कॉल’ जैसी पहल शुरू की है, जिसमें इमरजेंसी की स्थिति में, स्टेशन के आसपास के डॉक्टर्स को तुरंत बुलाया जा सकता है।
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प्राथमिक उपचार किट: सभी लंबी दूरी की ट्रेनों में प्राथमिक उपचार किट (First Aid Kit) और प्रशिक्षित रेलकर्मी होते हैं जो छोटी-मोटी चोटों या स्वास्थ्य समस्याओं में मदद कर सकते हैं।
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अस्पतालों से सहयोग: रेलवे ने कई प्रमुख अस्पतालों के साथ भी समझौता किया हुआ है ताकि गंभीर मामलों में मरीज को तुरंत और सही जगह पहुंचाया जा सके।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग कमेंट करके रेलवे द्वारा प्रदान की गई इस त्वरित सहायता की सराहना कर रहे हैं। इस पोस्ट पर लोग कमेंट कर रहे हैं और रेलवे की ओर से प्रदान की गई इस सहायता की सराहना कर रहे हैं। इस घटना ने साबित किया है कि रेलवे स्टेशन पर प्रशिक्षित कर्मचारियों का होना कितना आवश्यक है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय रेलवे न केवल यात्री परिवहन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, बल्कि यह अपने यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी गंभीर है। पलक्कड़ जंक्शन पर डॉ. जिथिन पी.एस. की तत्परता और कुशलता ने एक यात्री की यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बनाया। इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि जब जिम्मेदार और प्रशिक्षित कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, तो किसी भी आपातकालीन स्थिति का समाधान संभव है।
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