खेत में पानी देने गए चाचा-भतीजा करंट की चपेट में आए, दोनों की मौके पर मौत रायगढ़ में दर्दनाक हादसा

घटना का सारांश

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक बेहद दर्दनाक हादसा सामने आया है। खेत में पानी देने गए चाचा-भतीजा की बिजली के करंट की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीण क्षेत्र में हुई इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। घटना के बाद परिवार और गांव में मातम का माहौल है, जबकि बिजली विभाग और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप भी लग रहे हैं।
खेत में पानी देने गए चाचा-भतीजा करंट की चपेट में आ गए, दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। Amar Ujala
हादसे की पूरी कहानी

यह घटना रायगढ़ जिले के खरसिया क्षेत्र के पास स्थित एक गांव में घटी। सोमवार की सुबह किसान परिवार के दो सदस्य — चाचा और उसका 14 वर्षीय भतीजा — अपने खेत में पानी देने के लिए मोटर चलाने गए थे। खेत में सिंचाई के लिए लगाए गए पंप सेट से बिजली का कनेक्शन किया गया था।
जैसे ही उन्होंने स्विच ऑन किया, पंप के पास करंट फैल गया और दोनों बिजली की चपेट में आ गए। खेत में कोई और मौजूद नहीं था, जिसके कारण दोनों वहीं गिर पड़े। कुछ देर बाद आसपास के ग्रामीण जब पहुंचे तो उन्होंने दोनों को बेहोश हालत में देखा। ग्रामीणों ने तुरंत बिजली विभाग को सूचना दी और एंबुलेंस बुलाई, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही खरसिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल रायगढ़ भेजा गया। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बिजली लाइन व पंप कनेक्शन की स्थिति की जांच की।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि पंप की वायरिंग खुली हुई थी, जिससे पानी के पास करंट फैल गया। पुलिस ने अकस्मात मृत्यु (मर्ग) का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
वहीं, बिजली विभाग ने भी एक जांच दल गठित किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि लाइन या ट्रांसफॉर्मर में कोई तकनीकी खराबी थी या नहीं।
परिवार का दर्द और गांव का माहौल
घटना के बाद मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। चाचा-भतीजे की एक साथ हुई मौत से पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों ही मेहनती और शांत स्वभाव के थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि खेतों में खुले तार और असुरक्षित पंप कनेक्शन आम बात बन गए हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद बिजली विभाग ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजा और सुरक्षा उपायों की मांग की है।
बिजली विभाग पर उठे सवाल
यह कोई पहला मामला नहीं है जब खेतों में करंट लगने से जान गई हो। रायगढ़ जिले और आस-पास के इलाकों में इस तरह की दुर्घटनाएँ अक्सर होती रहती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में बिजली कनेक्शन का “असुरक्षित उपयोग” सबसे बड़ी वजह है। खेतों में तार खुले पड़े रहते हैं, और कई किसान स्थायी स्विच बॉक्स या अर्थिंग की व्यवस्था नहीं करते।
बिजली विभाग को चाहिए कि वह नियमित सुरक्षा निरीक्षण अभियान चलाए और किसानों को जागरूक करे। कई बार ट्रांसफॉर्मर या लाइन में लीकेज की वजह से भी हादसे हो जाते हैं, जिनका समय रहते पता नहीं चल पाता।
ग्रामीणों की मांग
-
मृतक परिवार को सरकारी मुआवजा और सहायता राशि दी जाए।
-
बिजली विभाग खेतों में सुरक्षा निरीक्षण अभियान चलाए।
-
सभी कृषि पंपों में अर्थिंग और सुरक्षात्मक बॉक्स लगाना अनिवार्य किया जाए।
-
जहां खुले तार हैं, वहाँ तुरंत मरम्मत कार्य कराया जाए।
-
भविष्य में इस तरह के हादसे रोकने के लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएँ।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गांव के एक बुजुर्ग किसान ने बताया,
“हमने कई बार बिजली विभाग को बताया कि खेतों में लाइन लीक कर रही है, लेकिन कोई देखने नहीं आया। अब दो लोगों की जान चली गई, क्या अब कार्रवाई होगी?”
वहीं, एक महिला ने कहा,
“पानी देने के लिए रोज यही तार जोड़ना पड़ता है। कई बार झटके लग चुके हैं। सरकार को सुरक्षित तरीका देना चाहिए।”
समाज और प्रशासन के लिए सबक
यह हादसा सिर्फ एक दुखद समाचार नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में बिजली सुरक्षा को लेकर गहरी लापरवाही की तस्वीर है। जबतक प्रशासन और विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक ऐसे हादसे रुकना मुश्किल है।
बिजली विभाग को ग्राम-स्तरीय टीमों के माध्यम से खेतों में सुरक्षा जांच करनी चाहिए। इसके अलावा, किसानों को भी यह समझना होगा कि खुले तार और बिना अर्थिंग के पंप चलाना जानलेवा साबित हो सकता है।
अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि
दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट में पूरे गांव की उपस्थिति में किया गया। ग्रामीणों ने मोमबत्ती जलाकर दोनों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी और आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
रायगढ़ जिले की यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि ग्रामीण इलाकों में बिजली सुरक्षा की अनदेखी जानलेवा बन चुकी है। खेतों में करंट लगने की घटनाएँ तभी रुकेंगी जब प्रशासन, बिजली विभाग और किसान — तीनों अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।
“सुरक्षा कोई विकल्प नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता है।”
Next –
![]()
3 thoughts on “रायगढ़ में खेत में पानी देने गए चाचा-भतीजा करंट की चपेट में आए, दोनों की मौत”