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छत्तीसगढ़ में आने वाले 4–5 दिन में मौसम बदलेगा बारिश और ठंडी हवाओं के साथ गिरेगा तापमान

छत्तीसगढ़ में आने वाले 4–5 दिन में मौसम बदलेगा बारिश, ठंडी हवाएँ और तापमान में गिरावट की संभावना

मौसम में बदलाव की दस्तक

अक्टूबर का महीना अपने अंतिम चरण में है और अब धीरे-धीरे गर्मी का असर कम होता दिख रहा है। छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से सुबह-शाम हल्की ठंडक महसूस की जा रही है। इसी बीच, मौसम विभाग (IMD) ने ताज़ा पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया है कि आने वाले 4 से 5 दिनों में राज्य के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
राज्य के दक्षिणी और मध्य हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।

छत्तीसगढ़ में आने वाले 4-5 दिन में मौसम बदलेगा – राज्य के दक्षिणी भागों में अगले चार दिनों तक बारिश की संभावना, तापमान में हल्की गिरावट की चेतावनी। Bansal news+1


मौसम विभाग की चेतावनी दक्षिण से नमी भरी हवाएँ सक्रिय

भारतीय मौसम विभाग (IMD) रायपुर केंद्र के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी भरी हवाएँ धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रही हैं।
इन हवाओं के कारण दक्षिणी जिलों — बस्तर, सुकमा, कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर में बादल छाने और हल्की बारिश होने की संभावना है।
वहीं, दुर्ग, रायपुर और महासमुंद जैसे इलाकों में गरज-चमक के साथ छींटें पड़ सकते हैं।

IMD अधिकारी एच. पी. चंद्रा ने बताया:

“राज्य के कई हिस्सों में वायुमंडलीय दबाव और नमी का संतुलन बन रहा है। अगले चार से पांच दिनों तक मौसम में अस्थिरता बनी रहेगी। इस दौरान कुछ जगहों पर हल्की बारिश और तापमान में गिरावट देखी जाएगी।”


बारिश का संभावित असर किन जिलों में

मौसम विभाग ने 24 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक का जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसके अनुसार —

 दक्षिण छत्तीसगढ़

 मध्य छत्तीसगढ़

 उत्तर छत्तीसगढ़


तापमान में गिरावट ठंडी सुबहों की शुरुआत

अक्टूबर के अंत तक राज्य का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम रहने की संभावना है।
IMD की रिपोर्ट के अनुसार —

यह स्थिति आने वाले दिनों में ठंड के आगमन की शुरुआती संकेत दे रही है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे-जैसे बारिश थमेगी, आसमान साफ होगा और रातें और भी ठंडी महसूस होंगी।


बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम का प्रभाव

मौसम में यह बदलाव दरअसल बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) का परिणाम है।
यह सिस्टम ओडिशा तट के पास सक्रिय है और धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है।
जैसे-जैसे यह सिस्टम छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा, वैसे-वैसे बारिश और बादल की मात्रा बढ़ेगी।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार

“यदि यह सिस्टम अगले 48 घंटे में और मजबूत होता है, तो दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ में मध्यम से भारी वर्षा भी संभव है।”


कृषि पर प्रभाव: किसानों के लिए राहत और चिंता दोनों

यह बदलाव किसानों के लिए मिश्रित असर लेकर आएगा।
एक ओर बारिश की वजह से मिट्टी में नमी बढ़ेगी, जो रबी फसलों की तैयारी के लिए फायदेमंद होगी,
वहीं दूसरी ओर, जो किसान अभी खरीफ फसल (धान) की कटाई कर रहे हैं, उनके लिए यह बारिश नुकसानदेह हो सकती है।

कृषि विभाग ने किसानों को सतर्क करते हुए कहा है:


बिजली गिरने और तेज हवाओं का अलर्ट

मौसम विभाग ने कांकेर, बस्तर, नारायणपुर और महासमुंद जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई है।
इस दौरान तेज हवाओं (30–40 किमी/घंटा) के झोंके भी चल सकते हैं।

IMD ने लोगों को सलाह दी है कि:


मौसम में यह बदलाव क्यों हो रहा है?

छत्तीसगढ़ का भौगोलिक स्वरूप ऐसा है कि यह पूर्वी और दक्षिणी हवाओं के प्रभाव में आसानी से आ जाता है।
जब बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बनता है, तो उसकी नमी भरी हवाएँ सीधे राज्य के दक्षिणी हिस्सों में पहुंचती हैं।
यही हवाएँ तापमान और वर्षा दोनों को प्रभावित करती हैं।

इस समय अरब सागर से आने वाली शुष्क हवाएँ और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएँ आपस में टकरा रही हैं — जिससे वातावरण में अस्थिरता बढ़ रही है।
यह मौसम परिवर्तन का प्रमुख कारण है।


ठंड की शुरुआती झलक: दिवाली से पहले हल्की सर्दी

मौसम विभाग का अनुमान है कि यह हल्की बारिश ठंड की शुरुआत का संकेत देगी।
नवंबर के पहले सप्ताह से राज्य में सुबह और रात के तापमान में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।
इस बार छत्तीसगढ़ में सर्दी सामान्य से थोड़ी ज्यादा ठंडी रहने की उम्मीद है, खासकर उत्तर और मध्य क्षेत्रों में।

बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग जैसे शहरों में सुबह की धुंध और शाम की ठंडी हवा लोगों को जैकेट निकालने पर मजबूर कर देगी।


जनजीवन पर असर स्कूल, परिवहन और त्योहारों की तैयारियाँ

आने वाले दिनों में मौसम का असर जनजीवन पर भी देखने को मिल सकता है।

हालांकि, यह हल्की बारिश प्रदूषण के स्तर को कम करेगी और वातावरण को स्वच्छ बनाएगी।


पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सकारात्मक संकेत

मौसम परिवर्तन के इस दौर का एक सकारात्मक पहलू भी है।
छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता (AQI) पिछले सप्ताह की तुलना में सुधरी है।
बारिश और नमी के कारण धूलकण नीचे बैठ गए हैं।

इसके अलावा, पेड़ों और वन क्षेत्रों में भी नमी लौटने से पर्यावरणीय संतुलन बेहतर हुआ है।
विशेषकर बस्तर और कांकेर के जंगलों में यह नमी वन्यजीवों के लिए राहत लेकर आई है।


लोगों के लिए सलाह

मौसम विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे आने वाले दिनों में निम्न सावधानियाँ बरतें —

  1. बरसाती या छाता साथ रखें।

  2. सुबह-शाम हल्के ऊनी कपड़े पहनें, क्योंकि तापमान गिर सकता है।

  3. बिजली गिरने की स्थिति में घर के अंदर रहें।

  4. छोटे बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का ध्यान रखें।

  5. ड्राइविंग के दौरान फिसलन भरी सड़कों पर सावधानी बरतें।


मौसम का पूर्वानुमान सारांश (24–28 अक्टूबर 2025)

तारीख संभावित मौसम स्थिति तापमान (°C) वर्षा संभावना
24 अक्टूबर बादल छाए रहेंगे, हल्की बौछारें 32 / 21 40%
25 अक्टूबर दक्षिण में मध्यम बारिश, उत्तर शुष्क 31 / 20 60%
26 अक्टूबर अधिकतर जिलों में आंशिक बादल 30 / 19 35%
27 अक्टूबर ठंडी हवाएँ चलेंगी, तापमान गिरेगा 29 / 18 20%
28 अक्टूबर साफ आसमान, सर्दी का अहसास 28 / 16 5%

 बदलते मौसम के साथ बदलें अपनी तैयारी

आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के मौसम में हल्का बदलाव तय है।
बारिश, ठंडी हवाएँ और गिरते तापमान के साथ राज्य धीरे-धीरे सर्दी के मौसम में प्रवेश कर रहा है।
यह परिवर्तन पर्यावरण के लिए शुभ संकेत है, लेकिन आमजन और किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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