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कोतरारोड पुलिस की 1 बड़ी कार्रवाई—अवैध कबाड़ तस्करी का पर्दाफाश

कोतरारोड पुलिस की 1 बड़ी कार्रवाई—अवैध कबाड़ तस्करी का पर्दाफाश रायगढ़ में बढ़ती अवैध गतिविधियों पर पुलिस की कड़ी नजर

रायगढ़ जिले में अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस लगातार सख्त कदम उठा रही है। पिछले कुछ महीनों में चोरी, अवैध कबाड़ परिवहन, पशु तस्करी और विभिन्न गैरकानूनी कारोबारों में वृद्धि देखी गई है। ऐसे माहौल में कोतरारोड थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध कबाड़ परिवहन का भंडाफोड़ किया और एक तस्कर को गिरफ्तार कर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।

यह मामला न सिर्फ पुलिस की सक्रियता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि प्रशासन जिले में कानून-व्यवस्था को लेकर और अधिक सतर्क हो गया है। raigarhtopnews.com


घटना कैसे पकड़ में आई?

कोतरारोड थाना पुलिस नियमित रूप से देर रात तक जांच अभियान चलाती है। इसी के तहत 14 नवंबर 2025 की रात एक संदिग्ध वाहन को रोका गया। वाहन टीटा माजदा (पंजीकरण संख्या CG 04 NQ 9652) तेज रफ्तार में आ रहा था और पुलिस को देखकर रुकने में आनाकानी कर रहा था। इससे संदेह और गहरा हुआ।

जैसे ही पुलिस टीम ने वाहन की तलाशी ली—देखते ही सब हैरान रह गए! उसमें 4,380 किलो टीना स्क्रैप भरा हुआ था। वाहन चालक कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका। प्रारंभिक पूछताछ में यह कबाड़ ओडिशा से चोरी-छुपे लाया जा रहा था।


गिरफ्तार आरोपी: कौन है वह?

पुलिस ने मौके से वशिष्ठ नायक (39 वर्ष) नामक आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी लंबे समय से स्क्रैप परिवहन के नाम पर अवैध कारोबार में शामिल था।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि –


जप्त सामग्री का मूल्य

पुलिस ने अनुमान लगाया है कि कुल जप्त माल और वाहन की कीमत लगभग ₹16,05,120 है।

यह मूल्य दर्शाता है कि अवैध कबाड़ बाजार कितना बड़ा और लाभदायक है, और क्यों तस्कर लगातार ऐसे जोखिम उठाते रहते हैं।


पुलिस की रणनीति: कार्रवाई कैसे हुई सफल?

कोतरारोड थाना हमेशा से अपनी सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के लिए जाना जाता है। इस कार्रवाई के पीछे कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियाँ थीं:

1. रात में सघन जांच अभियान

अवैध परिवहन आमतौर पर रात में किया जाता है। पुलिस टीम ने हाईवे और लिंक रोड पर विशेष नाकेबंदी की थी।

14 नवंबर 2025 की रात कोतरारोड थाना क्षेत्र में पुलिस की टीम हाईवे पर नियमित नाकेबंदी कर रही थी। यह वही मार्ग है जहाँ से अक्सर भारी वाहनों का परिचालन होता है और अवैध परिवहन की भी संभावना रहती है।

उस रात पुलिस ने विशेष तौर पर औद्योगिक क्षेत्र से आने-जाने वाले वाहनों पर नजर रखी थी, क्योंकि सूचना मिली थी कि कबाड़ का अवैध परिवहन बढ़ रहा है। हाईवे पर पुलिस की दो टीमें लगी थीं—

इसी दौरान दूर से एक टीटा माजदा वाहन (CG 04 NQ 9652) तेज रफ्तार में आता दिखा।

2. संदिग्ध वाहनों की निगरानी

पुलिस को पहले से ही सूचना मिली थी कि जिले में अवैध स्क्रैप का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। इसी कारण संदिग्ध वाहनों पर खास नजर रखी जा रही थी।

जैसे ही चालक ने सामने पुलिस को देखा, उसने अचानक ब्रेक लगाए और वाहन की दिशा बदलने की कोशिश की। यह हरकत पुलिस के लिए संकेत था कि कुछ गलत है।

पुलिस ने तुरंत वाहन को घेराबंदी करते हुए रोका।
वाहन रुकते ही चालक घबराया हुआ दिखा और उसके हाथ-पैर कांप रहे थे। पुलिस की नजरें उसके व्यवहार पर थीं।

3. दस्तावेज की सख्त मांग

वाहन चालक दस्तावेज न दिखा सका, जिससे पुलिस को तुरंत उसकी मंशा पर संदेह हुआ।

तलाशी के दौरान वाहन की बॉडी खोली गई। अंदर जो मिला, वह चौंकाने वाला था—

कुल वजन: 4,380 किलो
पूरे वाहन को ऊपर तक स्क्रैप से ठूंस-ठूंस कर भरा गया था।

चालक कोई भी वैध चालान, बिल या परिवहन दस्तावेज नहीं दिखा सका।

4. टीमवर्क और त्वरित निर्णय

थाना प्रभारी और पुलिस टीम ने फौरन वाहन को कब्जे में लिया और स्क्रैप की मात्रा को सुरक्षित रूप से सील किया।

चालक का नाम वशिष्ठ नायक (39 वर्ष) बताया गया।
पहले उसने कहा कि—
“ये स्क्रैप एक फैक्ट्री से खरीदा है।”
फिर कहा—
“दोस्त ने माल भेजा है।”

दोनों बयान मेल नहीं खा रहे थे।

जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तब उसने बताया कि—

यह स्वीकारोक्ति पुलिस जांच के लिए महत्वपूर्ण थी।


अवैध कबाड़ कारोबार: आखिर क्यों बढ़ रहा है?

रायगढ़ एक औद्योगिक जिला है, जहां स्टील प्लांट, फैब्रिकेशन यूनिट और फैक्ट्रियों की भरमार है। इन उद्योगों में बड़ी मात्रा में आयरन, स्टील और मेटल का उपयोग होता है। इस कारण यहाँ कबाड़ का बड़ा बाज़ार है।

प्रारंभिक जांच में ही स्पष्ट हो गया कि यह सिर्फ एक छोटे स्तर का मामला नहीं है।
कुछ महत्वपूर्ण बातें सामने आईं—

  1. इतना भारी स्क्रैप अकेला चालक नहीं जुटा सकता था।

  2. माल पूरी तरह से औद्योगिक कटिंग, फैक्ट्री रेजिड्यू और धातु कचरे जैसा था।

  3. यह संभव है कि—

    • किसी फैक्ट्री से चुपचाप कबाड़ निकाला गया हो,

    • या फिर चोरी के बाद इसे अलग-अलग स्थानों पर जमा किया गया हो।

  4. वाहन को देखकर लगता था कि यह बार-बार ऐसी ही ढुलाई करता रहा है।

  5. पुलिस को प्राथमिक स्तर पर ही कम से कम 3–4 और लोगों के शामिल होने का अंदेशा है।

कबाड़ तस्करी बढ़ने के मुख्य कारण:


इस कार्रवाई का महत्व: क्या संदेश जाता है?

1. अपराधियों को चेतावनी

इस तरह की कार्रवाई से तस्करों में डर पैदा होता है कि पुलिस हर समय निगरानी में है।

2. अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ेगी

क्योंकि यह माल पड़ोसी राज्यों से आता है, इसलिए ओडिशा और झारखंड में भी इस नेटवर्क पर निगरानी बढ़ सकती है।

3. नागरिकों में भरोसा मजबूत होता है

जब आम लोग देखते हैं कि पुलिस सक्रिय है, तो वे अपराध की सूचना देने में सहयोग करते हैं।


पुलिस की अपील: जनता भी दे सहयोग

कोतरारोड पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि—

इस तरह की छोटी-छोटी सावधानियाँ बड़े अपराधों को रोकने में मदद करती हैं।

अवैध परिवहन से जुड़े मामलों में अक्सर सबूत नष्ट होने का खतरा रहता है।
लेकिन इस मामले में पुलिस ने सावधानी बरती—

सबूत मजबूत होने के कारण आरोपी को न्यायालय में पेश करते ही उसकी जमानत मुश्किल हो गई।


आगे की कानूनी प्रक्रिया

गिरफ्तार आरोपी पर निम्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है—

साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है कि यह कबाड़ कहाँ से खरीदा गया, किसे बेचा जाना था, और पूरा नेटवर्क कौन संचालित कर रहा था।

FIR दर्ज होना

सबसे पहले कोतरारोड थाना पुलिस ने मौके से मिली वस्तुओं और आरोपी के बयान के आधार पर FIR दर्ज की।
FIR में निम्न धाराएँ शामिल हो सकती हैं—

FIR दर्ज होने के बाद जांच औपचारिक रूप से शुरू हो जाती है।


 आरोपी की गिरफ्तारी और मेडिकल जांच

आरोपी वशिष्ठ नायक (39 वर्ष) को मौके से ही गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद—


रायगढ़ पुलिस की हालिया बड़ी कार्रवाईयों से तुलना

अकेले नवंबर माह में पुलिस ने—

यह सभी घटनाएँ बताती हैं कि जिले में अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस पूरी तरह सक्रिय है।

वाहन और माल की कानूनी जब्ती (Seizure)

जप्त 4,380 किलो कबाड़ और वाहन को कानूनी रूप से कब्जा में लेने के लिए—

ये दस्तावेज अदालत में मजबूत साक्ष्य बनते हैं।


 क्या कहती है यह कार्रवाई?

कोतरारोड पुलिस की अवैध कबाड़ तस्करी पर की गई यह कार्रवाई एक बड़ा संदेश देती है —
“रायगढ़ में अब अवैध गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं।”

यह कदम न केवल एक तस्कर की गिरफ्तारी तक सीमित है, बल्कि यह पूरे नेटवर्क के खुलासे की दिशा में पहला महत्वपूर्ण चरण है। यदि जनता और पुलिस मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ खड़ी होती है, तो जिले को सुरक्षित, नियंत्रित और अपराध-मुक्त रखना आसान हो जाएगा।

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