रायगढ़ में ₹9.36 लाख के अवैध पटाखे जब्त —पुलिस की बड़ी कार्रवाई

दिवाली जैसे त्योहार के नज़दीक आते ही देशभर में पटाखों की बिक्री तेज़ हो जाती है। लेकिन इसके साथ ही अवैध और खतरनाक पटाखों की सप्लाई भी बढ़ जाती है। रायगढ़ ज़िले में 15 अक्टूबर 2025 को पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹9.36 लाख मूल्य के अवैध पटाखे जब्त किए। यह मामला जिले के सारंगढ़ इलाके का है, जहाँ बिना लाइसेंस के भारी मात्रा में पटाखे रखे गए थे। यह कार्रवाई प्रशासन की सतर्कता और सुरक्षा के प्रति गंभीरता को दर्शाती है।
अवैध पटाखा जब्ती
रायगढ़ (सारंगढ़ इलाके) में लगभग ₹9.36 लाख मूल्य के अवैध पटाखे जब्त किए गए। यह खबर Bhaskar Local – Raigarh में प्रकाशित है। Dainik Bhaskar
🔹 कार्रवाई कैसे हुई?

रायगढ़ जिले की पुलिस को सूचना मिली थी कि सारंगढ़ क्षेत्र में एक गोदाम में अवैध पटाखे रखे गए हैं। जैसे ही यह जानकारी थाना प्रभारी को मिली, टीम ने तत्काल छापा मारने की योजना बनाई।
पुलिस दल ने मौके पर पहुंचकर गोदाम की तलाशी ली, जहां भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और पटाखे पाए गए।
जांच में यह पाया गया कि—
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गोदाम मालिक के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं था।
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पटाखों का भंडारण सुरक्षा नियमों के विपरीत किया गया था।
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कई बॉक्स पर किसी निर्माता या विक्रेता का नाम भी दर्ज नहीं था, जिससे स्पष्ट है कि ये पटाखे अवैध तरीके से लाए गए थे।
जब्ती के बाद प्रशासन ने इन पटाखों की कीमत ₹9.36 लाख आंकी।
पुलिस की बयानबाज़ी
रायगढ़ पुलिस अधीक्षक (SP) ने मीडिया को बताया कि यह कार्रवाई त्योहारी सीजन से पहले अवैध पटाखों की रोकथाम के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि जिले में हर साल कुछ लोग बिना लाइसेंस के पटाखों का भंडारण और बिक्री करते हैं, जिससे हादसों की संभावना बढ़ जाती है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में गोदाम मालिक के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम 1884 और भारतीय दंड संहिता की धारा 286 (लापरवाही से विस्फोटक पदार्थ रखने) के तहत कार्रवाई की गई है।
“हमारा उद्देश्य त्योहार की खुशी बनाए रखना है, न कि किसी की जान को खतरे में डालना।”
— रायगढ़ पुलिस अधीक्षक
सुरक्षा और कानून के नियम

भारत में पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री के लिए Explosives Rules, 2008 के तहत सख्त प्रावधान हैं।
मुख्य नियम इस प्रकार हैं:
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लाइसेंस अनिवार्य — किसी भी व्यक्ति को पटाखों का व्यापार या भंडारण करने से पहले विस्फोटक विभाग से अनुमति लेनी होती है।
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सुरक्षित दूरी — गोदाम या दुकान आवासीय इलाकों, स्कूलों और अस्पतालों से दूर होना चाहिए।
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भंडारण सीमा — तय सीमा से अधिक पटाखे रखना कानूनन अपराध है।
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फायर सेफ्टी उपकरण — प्रत्येक लाइसेंसधारी को अग्निशमन उपकरण रखना अनिवार्य है।
रायगढ़ प्रशासन ने इस घटना के बाद जिले के सभी व्यापारियों को चेतावनी दी है कि यदि किसी के पास लाइसेंस नहीं है, तो तत्काल आवेदन करें या स्टॉक जब्त किया जाएगा।
अवैध पटाखों के खतरे
अवैध पटाखे न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि मानव जीवन और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा हैं।
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आग लगने का खतरा: असुरक्षित भंडारण से कभी भी विस्फोट हो सकता है।
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वायु प्रदूषण: अवैध पटाखों में निम्न गुणवत्ता के रसायन उपयोग होते हैं जो हवा को जहरीला बनाते हैं।
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बच्चों के लिए जोखिम: कई बार सस्ते पटाखों में बारूद की मात्रा अधिक होती है जिससे जलने या फटने की घटनाएँ होती हैं।
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पशु-पक्षियों पर प्रभाव: तेज़ आवाज़ से पालतू और जंगली जानवर भयभीत हो जाते हैं।
इसी वजह से सरकार समय-समय पर “ग्रीन पटाखों” के प्रयोग को बढ़ावा देती है।
प्रशासन की आगे की योजना
इस कार्रवाई के बाद रायगढ़ जिला प्रशासन ने कहा कि पूरे जिले में विशेष निगरानी अभियान चलाया जाएगा।
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सभी पटाखा दुकानों की लाइसेंस जांच होगी।
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फायर ब्रिगेड और पुलिस संयुक्त रूप से बाजारों का निरीक्षण करेंगे।
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यदि कोई अवैध स्टॉक पाया जाता है तो फौरन कार्रवाई की जाएगी।
जिला कलेक्टर ने यह भी कहा कि त्योहारी सीजन में जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि लोग अवैध पटाखे न खरीदें।
स्थानीय व्यापारियों की प्रतिक्रिया
कुछ लाइसेंसधारी व्यापारियों ने बताया कि अवैध बिक्री से उनके कारोबार पर भी असर पड़ता है।
“हम नियमों का पालन करते हैं, लेकिन जो बिना लाइसेंस वाले व्यापारी सस्ते पटाखे बेचते हैं, वे हमारे ग्राहकों को खींच लेते हैं।”
— रायगढ़ पटाखा व्यापारी संघ सदस्य
इसलिए, वैध व्यापारी भी चाहते हैं कि प्रशासन सख्त कदम उठाए ताकि सबके लिए समान अवसर रहे।
जनता की अपील
सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार चैनलों पर इस कार्रवाई की सराहना की जा रही है।
लोगों का कहना है कि प्रशासन की यह कार्रवाई जनहित में सही कदम है।
कई नागरिकों ने आग्रह किया है कि इस तरह के छापे त्योहारों से पहले हर साल नियमित रूप से किए जाएँ।
पर्यावरण और स्वास्थ्य का पहलू
अवैध पटाखों में सल्फर, नाइट्रेट, लेड और एल्युमिनियम पाउडर की मात्रा अधिक होती है।
यह तत्व वायु में मिलकर PM2.5 और PM10 कण बढ़ाते हैं, जो सांस लेने में कठिनाई और फेफड़ों की बीमारियाँ पैदा करते हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने चेतावनी दी है कि अवैध पटाखे न केवल कानून तोड़ते हैं बल्कि पर्यावरण की हत्या भी करते हैं।
रायगढ़ पुलिस द्वारा ₹9.36 लाख मूल्य के अवैध पटाखों की जब्ती से स्पष्ट है कि प्रशासन कानून व्यवस्था और जन सुरक्षा को लेकर गंभीर है।
यह कार्रवाई आने वाले दिवाली सीजन में एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि कोई भी व्यक्ति अवैध पटाखों के कारोबार में शामिल न हो।
लोगों को भी यह समझना होगा कि त्योहार की असली खुशी सुरक्षा, स्वच्छता और शांति में है — न कि खतरनाक पटाखों के धमाकों में।
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