रायगढ़ पुलिस ने ललुंगा में महिला ड्रग सप्लायर को गिरफ्तार किया – पूरी जानकारी

छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में यहां भी नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में ड्रग्स और अवैध मादक पदार्थों की आपूर्ति एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इसी कड़ी में 2 अक्टूबर 2025 को रायगढ़ पुलिस ने ललुंगा क्षेत्र में एक महिला ड्रग सप्लायर को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की। यह कार्रवाई नशा विरोधी मुहिम के तहत पुलिस की चौकसी और तत्परता का प्रमाण है।

रायगढ़ पुलिस ने महिला नशे का सौदागर गिरफ्तार की
ललुंगा इलाके में पुलिस ने एक महिला को नशीले पदार्थों की सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया। drugscontrol.org
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, ललुंगा थाना क्षेत्र में पिछले कई दिनों से ड्रग्स की सप्लाई होने की शिकायतें मिल रही थीं। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया था कि इलाके में कुछ लोग युवाओं को नशे का आदी बना रहे हैं। पुलिस ने इस सूचना पर गंभीरता दिखाते हुए एक विशेष टीम का गठन किया।
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पुलिस ने पहले गुप्त जांच (Surveillance Operation) शुरू किया।
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टीम ने संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी और खरीदार के रूप में एक मुखबिर का इस्तेमाल किया।
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इसी दौरान पुलिस को पता चला कि एक महिला नियमित रूप से गांजा और नशीले पदार्थ सप्लाई कर रही है।
1 अक्टूबर की देर रात और 2 अक्टूबर की सुबह पुलिस ने ट्रैप बिछाकर महिला को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने महिला के पास से गांजा, नशीली दवाइयाँ और कुछ नकदी जब्त की। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि महिला लंबे समय से इस धंधे में सक्रिय थी और उसके नेटवर्क के अन्य सदस्य भी हो सकते हैं।
आरोपी की पहचान और आरोप

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आरोपी महिला का नाम तिलोत्तमा यादव, उम्र लगभग 25 वर्ष, निवासी दुर्गापुर, लारीपानी क्षेत्र है।
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पुलिस ने बताया कि तिलोत्तमा यादव अपने पति धनुर्जय यादव के साथ मिलकर यह मादक पदार्थों की सप्लाई का काम करती थी।
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आरोपी पर एनडीपीएस अधिनियम (NDPS Act) की धारा 21(B) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस कार्रवाई एवं जांच
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इस कार्रवाई में थाना प्रभारी रोहित बंजारे की टीम सक्रिय रही।
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पुलिस अधीक्षक (SP) दिव्यांग पटेल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले पर नजर रखी।
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इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है, विशेषकर सीमाओं से आने-जाने वाले मार्गों पर।
सामाजिक और जबरदस्त चुनौतियाँ
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इस तरह की घटनाएँ स्वास्थ्य, युवा वर्ग और सामाजिक स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
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नशीली दवाओं की सप्लाई से गुज़रन हो रही युवाओं में नशे की प्रवृत्ति फैल सकती है, साथ ही अपराध की दर बढ़ाने का खतरा है।
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पकड़ी गई राशि और दवाएँ इस बात की गवाही देती हैं कि ड्रग सप्लाई कैसे व्यवस्थित और बड़ी मात्रा में हो रही है।
बरामद सामग्री
पुलिस ने निम्न सामग्री जब्त की है
| वस्तु | मात्रा / विवरण |
|---|---|
| ONEREX कफ सिरप (100 mL) | 200 नग |
| SPASMO-PROXYVON PLUS कैप्सूल | 85 पैकेट × 24 कैप्सूल |
| BUTRUM इंजेक्शन | 220 पैकेट × 5 इंजेक्शन |
| नशीली दवाओं की कुल कीमत | ₹ 64,914 |
| नगदी बरामदगी | ₹ 8,40,000 |
| कुल मूल्य (दवाएँ + नकद) | ~ ₹ 9,04,914 |
जब्त सामान की अनुमानित कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि वह किन-किन लोगों से जुड़ी हुई थी और सप्लाई चेन कहां तक फैली है।
महिला की गिरफ्तारी क्यों है महत्वपूर्ण?
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नशे के कारोबार पर बड़ा प्रहार – महिला सप्लायर लंबे समय से सक्रिय थी। उसकी गिरफ्तारी से नेटवर्क कमजोर होगा।
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ग्रामीण युवाओं को बचाने की पहल – ललुंगा जैसे छोटे इलाके में नशे का बढ़ना चिंता की बात थी। इस कार्रवाई से युवाओं को गलत रास्ते पर जाने से रोका जा सकेगा।
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सामाजिक संदेश – जब पुलिस ऐसी कार्रवाई करती है, तो समाज में यह संदेश जाता है कि कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस की रणनीति
रायगढ़ पुलिस पिछले कुछ वर्षों से “नशा मुक्त अभियान” चला रही है। इसके तहत:
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स्कूल और कॉलेजों में जागरूकता अभियान।
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छोटे स्तर पर सप्लायरों पर निगरानी।
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पुलिस पेट्रोलिंग और स्पेशल टीमों की तैनाती।
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गुप्त सूचना तंत्र (Informers) को मजबूत करना।
यह गिरफ्तारी उसी रणनीति का हिस्सा है।
सामाजिक प्रभाव
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युवाओं और बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव: इस गिरफ्तारी से इलाके में नशे के खिलाफ एक संदेश गया कि तस्करी और बिक्री पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। इससे युवा वर्ग और बच्चों में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति चेतना बढ़ती है।
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सामुदायिक सुरक्षा में सुधार: स्थानीय लोग अब अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि अपराधियों के खिलाफ पुलिस सक्रिय है। इससे लोगों में पुलिस पर भरोसा बढ़ता है और सामुदायिक सहयोग भी मजबूत होता है।
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परिवारों और समाज में जागरूकता: घटना ने परिवारों को अपने बच्चों और रिश्तेदारों पर नजर रखने के महत्व को समझाया है। सामाजिक कार्यकर्ता भी इस अवसर पर जागरूकता अभियान चला सकते हैं।
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नशे के खिलाफ सामूहिक प्रतिक्रिया: गिरफ्तारी के बाद स्थानीय समुदाय में नशे और तस्करी के खिलाफ सक्रियता देखने को मिल रही है। लोग अब अधिक सतर्क हैं और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई केवल अपराधियों को रोकने का काम नहीं करती, बल्कि पूरे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करती है।
ड्रग्स का धंधा केवल अपराध तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इसका असर समाज के हर वर्ग पर पड़ता है।
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युवाओं पर असर – बेरोजगारी और गलत संगत के कारण युवा आसानी से ड्रग्स की चपेट में आ जाते हैं।
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परिवारों का टूटना – नशे की लत से आर्थिक तंगी और घरेलू हिंसा बढ़ती है।
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अपराध दर में बढ़ोतरी – नशे के आदी लोग चोरी, झगड़ा और अन्य अपराधों में शामिल हो जाते हैं।
ललुंगा जैसी जगहों पर इस तरह की गिरफ्तारी समाज को एक राहत की सांस देती है।
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सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी सक्रियताएं स्थानीय स्तर पर नशे की तस्करी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने बताया कि समय पर की गई गिरफ्तारी से न केवल नशीली दवाओं की सप्लाई रुकती है, बल्कि बच्चों और युवाओं तक नशे के पहुँचने का खतरा भी कम होता है।
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सामाजिक कार्यकर्ताओं की राय यह है कि केवल गिरफ्तारी ही पर्याप्त नहीं है। इसके साथ-साथ लोगों में जागरूकता, शिक्षा और नशे के दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षण भी जरूरी है। उन्होंने समुदाय से सक्रिय भागीदारी की अपील की है ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों की संख्या घट सके।
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कानून विशेषज्ञों की टिप्पणी यह रही कि पुलिस की यह कार्रवाई कानूनी रूप से प्रभावशाली है और इससे नशा तस्करी के खिलाफ अन्य संदिग्धों में भी डर पैदा होगा। उन्होंने न्यायपालिका और पुलिस की सतत निगरानी की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई और समाज में जागरूकता दोनों मिलकर ही नशे की समस्या को कम कर सकते हैं।
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