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Chhattisgarh State Sports Awards 2025 छत्तीसगढ़ की बेटियों का गौरव ज्ञानेश्वरी यादव और चांदनी साहू को मिला सम्मान

छत्तीसगढ़ की बेटियों का गौरव : ज्ञानेश्वरी यादव और चांदनी साहू को राज्य खेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया

छत्तीसगढ़ राज्य ने खेलों के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। इस वर्ष राज्य खेल पुरस्कार 2025 में दो नाम विशेष रूप से सुर्खियों में रहे — भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) ज्ञानेश्वरी यादव और तीरंदाज (आर्चर) चांदनी साहू
दोनों खिलाड़ियों ने अपने-अपने क्षेत्र में न केवल राज्य का नाम रोशन किया बल्कि देश के लिए भी गौरव बढ़ाया है।

Gyaneshwari Yadav और Chandani Sahu को राज्य-खेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। The Times of India

 ज्ञानेश्वरी यादव — छत्तीसगढ़ की “आयरन गर्ल”

रायगढ़ जिले की रहने वाली ज्ञानेश्वरी यादव ने हाल के वर्षों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।

ज्ञानेश्वरी को खेल विभाग द्वारा आयोजित समारोह में राज्य खेल पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया।
उन्हें यह पुरस्कार उत्कृष्ट प्रदर्शन और राज्य का नाम देश-विदेश में रोशन करने के लिए दिया गया।

पुरस्कार: ₹5 लाख की सम्मान राशि, प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी
श्रेणी: भारोत्तोलन (Weightlifting)

ज्ञानेश्वरी का कहना है —

“यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं, मेरे कोच और परिवार की मेहनत का नतीजा है। मैं चाहती हूं कि राज्य की बेटियां भी खेलों में आगे बढ़ें और खुद पर भरोसा रखें।”

शुरुआती जीवन और परिवार

ज्ञानेश्वरी यादव का जन्म रायगढ़ जिले में एक साधारण परिवार में हुआ। बचपन से ही वे खेलों में रुचि रखती थीं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी।
उनके पिता एक किसान हैं और मां गृहिणी।
वो बताती हैं —

“मेरे पास महंगे जूते या उपकरण नहीं थे, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। मेरा लक्ष्य था — अपने राज्य का नाम रोशन करना।”

वेटलिफ्टिंग की शुरुआत

ज्ञानेश्वरी की कोचिंग की शुरुआत रायगढ़ के स्थानीय स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर से हुई, जहां उनके कोच प्रशांत पटेल ने उनकी क्षमता को पहचाना।
उन्होंने 14 साल की उम्र में ही पहला राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता जीता।
धीरे-धीरे वे राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचीं और कई रिकॉर्ड बनाए।

उनका शुरुआती सफर संघर्षों से भरा था —

  • साधारण उपकरण

  • सीमित आहार

  • फिर भी अद्भुत जज़्बा

    आयरन गर्ल” की उपाधि क्यों?

    उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और निरंतर प्रदर्शन के कारण खेल जगत में उन्हें “आयरन गर्ल” कहा जाने लगा।
    वो हर प्रतियोगिता में अपने स्टील जैसी हिम्मत और फौलादी आत्मविश्वास के साथ उतरती हैं।

    • उन्होंने कई मौकों पर चोट के बावजूद मुकाबला पूरा किया।

    • मीडिया और खेल प्रेमियों ने उन्हें “आयरन गर्ल ऑफ रायगढ़” और “छत्तीसगढ़ की शक्ति” के नाम से नवाज़ा

 चांदनी साहू — लक्ष्य पर सटीक निशाना

राजनांदगांव जिले की रहने वाली चांदनी साहू ने आर्चरी (तीरंदाजी) में असाधारण प्रदर्शन कर पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया है।

राज्य खेल समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और खेल मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल की उपस्थिति में चांदनी को भी राज्य खेल पुरस्कार 2025 से नवाजा गया।

पुरस्कार: ₹5 लाख नकद राशि, स्मृति चिन्ह और प्रमाणपत्र
श्रेणी: आर्चरी (Archery)

चांदनी ने अपने संबोधन में कहा —

“मुझे यह सम्मान आगे और मेहनत करने की प्रेरणा देता है। मैं चाहती हूं कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत के लिए स्वर्ण पदक लेकर आऊं।”

शुरुआती जीवन और पृष्ठभूमि

चांदनी साहू का जन्म राजनांदगांव जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ।
बचपन से ही उन्हें निशाने लगाने का शौक था। जब अन्य बच्चे खेलकूद में व्यस्त होते थे, तब चांदनी पेड़ की शाखाओं पर रखे लक्ष्यों पर तीर चलाने का अभ्यास करती थीं।

उनके पिता एक किसान हैं और माँ गृहिणी। सीमित साधनों के बावजूद परिवार ने बेटी के सपनों को उड़ान दी।

“जब मैंने पहली बार लकड़ी से बना धनुष हाथ में लिया, तभी तय कर लिया था — एक दिन भारत के लिए तीर चलाऊंगी।”
चांदनी साहू

तीरंदाजी की शुरुआत

चांदनी की प्रतिभा को पहचान मिली जब स्थानीय कोच अरुण वर्मा ने उन्हें जिला खेल प्रतियोगिता में खेलते देखा।
कोच ने उन्हें राज्य खेल अकादमी, रायपुर भेजा, जहाँ से उनकी असली यात्रा शुरू हुई।

  • 14 वर्ष की उम्र में पहली राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता

  • राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश 2022 में

  • भारतीय जूनियर टीम की सदस्य बनीं

    उपलब्धियाँ और सम्मान

    चांदनी साहू ने अपने छोटे से करियर में कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं —

     प्रमुख उपलब्धियाँ

    • नेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप 2024सिल्वर मेडल

    • ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023ब्रॉन्ज मेडल

    • राज्य खेल पुरस्कार 2025सम्मानित

    • राष्ट्रीय तीरंदाजी ट्रायल्स 2025टॉप-5 निशानेबाज़ों में चयन

    राज्य सरकार ने उन्हें ₹5 लाख नकद पुरस्कार, प्रमाणपत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया।

    “मेरे लिए यह पुरस्कार मंज़िल नहीं, बल्कि अगली शुरुआत है।”
    चांदनी साहू

    संघर्ष और प्रेरणा

    चांदनी का सफर आसान नहीं था —

    • उन्हें शुरुआती दौर में अपने खुद के धनुष बनाकर अभ्यास करना पड़ा

    • कई बार प्रतियोगिताओं तक पहुँचने के लिए लंबी दूरी पैदल तय की

    • लेकिन उनके हौसले कभी नहीं डगमगाए

    उनके कोच कहते हैं —

    “चांदनी में असाधारण एकाग्रता और मानसिक दृढ़ता है। वह हर शॉट को अपनी आत्मा से जोड़ देती है।”

 राज्य सरकार की पहल

राज्य खेल मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि

“छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए ‘खेल प्रोत्साहन योजना 2025’ के तहत नए प्रशिक्षण केंद्र और छात्रवृत्ति की व्यवस्था कर रही है।”

सरकार ने घोषणा की है कि आगामी वित्तीय वर्ष में

 खेलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब हर क्षेत्र में अग्रणी हैं — चाहे वह वेटलिफ्टिंग हो, हॉकी, एथलेटिक्स या आर्चरी।
ज्ञानेश्वरी यादव और चांदनी साहू जैसी खिलाड़ी यह साबित कर रही हैं कि प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती

इन खिलाड़ियों की सफलता से प्रेरित होकर राज्य में स्कूल-कॉलेज स्तर पर भी लड़कियों की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

 पुरस्कार समारोह की झलक

पुरस्कार वितरण समारोह रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।
इसमें प्रदेश भर के खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
समारोह में राष्ट्रीय गान और खेल भावना की शपथ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा —

“ज्ञानेश्वरी और चांदनी जैसी खिलाड़ी हमारे लिए प्रेरणा हैं। राज्य के हर गांव से ऐसे ही सितारे निकलें, यही हमारी नीति का लक्ष्य है।”

ज्ञानेश्वरी यादव और चांदनी साहू की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की विजय है।
उनकी कहानी आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा है कि यदि जज्बा और मेहनत हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।

“सफलता उन्हीं को मिलती है, जो हर हार के बाद भी कोशिश करना नहीं छोड़ते।”

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