दिवाली की तैयारी बाजारों में रौनक और खरीदारी का उत्सव

दिवाली, जिसे दीपों का त्योहार कहा जाता है, न केवल धार्मिक उत्सव है बल्कि भारतीय समाज में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों का भी प्रमुख हिस्सा बन चुका है। दीपावली के मौसम में पूरे देश के शहर और कस्बे रोशनी, खुशहाली और चहल-पहल से जगमगाते हैं। रायगढ़ समेत छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों में भी इस बार त्योहार के माहौल ने बाजारों में रौनक लौटाई है।
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस महीने (अक्टूबर) का वेतन 17 और 18 अक्टूबर को अग्रिम रूप से जारी किया जाए, ताकि कर्मचारी त्योहार को बेहतर तरीके से मना सकें। Amar Ujala
दिवाली की तैयारी घरों से लेकर बाजारों तक

दिवाली की तैयारियाँ आम तौर पर अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाती हैं। लोग साफ-सफाई, सजावट, दीपक, रंगोली और मिठाई जैसी चीज़ों की खरीदारी में लग जाते हैं।
-
सजावट और रोशनी
-
घरों की बालकनी, छत और आंगन को रंग-बिरंगी लाइट्स, लालटेन और इलेक्ट्रिक डेकोरेशन से सजाया जाता है।
-
बाजारों में LED लाइट्स, फेयरी लाइट्स और इलेक्ट्रिक कैंडल्स की बिक्री बढ़ जाती है।
-
-
रंगोली और फूलों की सजावट
-
होली की तरह ही दीपावली में भी लोग फूलों और रंगोली पाउडर से अपने घरों का रंग-बिरंगा सजाते हैं।
-
बाजारों में हर साल दिवाली के लिए विशेष रंगोली किट और डिज़ाइन पैटर्न्स की बिक्री होती है।
-
-
दीपक और मोमबत्तियाँ
-
मिट्टी के दीयों की मांग में पिछले साल की तुलना में 15-20% की वृद्धि हुई है।
-
बाजारों में हल्के और आकर्षक डिज़ाइनों वाले दीयों की मांग खासतौर पर बढ़ी है।
-
बाजारों में रौनक

छत्तीसगढ़ के मुख्य शहरों — रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, कोरबा — के बाजारों में दिवाली शॉपिंग की रौनक देखने को मिल रही है।
प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र
-
गांधी प्रतिमा चौक (रायगढ़)
-
यहाँ इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान की दुकानों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई।
-
मोबाइल, लैपटॉप, और टेलीविजन जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 25% का उछाल आया।
-
-
सुभाष चौक और स्टेशन रोड
-
पारंपरिक और स्थानीय हस्थशिल्प उत्पादों की बिक्री में वृद्धि।
-
विशेषकर कोसा रेशम की साड़ियों और कुटीर उद्योग से जुड़े उत्पादों की मांग बढ़ी।
-
-
बाजारों में मिठाई और स्नैक्स की चहल-पहल
-
बाजारों में लड्डू, जलेबी, रसगुल्ला, खीर और बर्फी की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
-
छोटे दुकानदारों का कहना है कि दिवाली से पहले दो सप्ताह का समय उनकी वार्षिक बिक्री का प्रमुख हिस्सा होता है।
-
दिवाली पर खरीदारी के रुझान
डिजिटल और ऑनलाइन शॉपिंग का प्रभाव
इस साल ऑनलाइन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स में भी दिवाली की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं।
-
Amazon, Flipkart, और Meesho जैसी वेबसाइटों पर “Diwali Sale” का आयोजन किया गया है।
-
स्मार्टफोन, गहने, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और फैशन उत्पादों में विशेष छूट दी जा रही है।
-
स्थानीय बाजार के छोटे दुकानदार भी सोशल मीडिया और WhatsApp प्लेटफॉर्म के जरिए अपने उत्पाद बेच रहे हैं।
ट्रेंडिंग उत्पाद
-
आभूषण और सोने-चांदी के सिक्के — निवेश और पूजा के लिए।
-
फैशन और वेस्टर्न कपड़े — परिवार और दोस्तों को उपहार देने के लिए।
-
घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स — किचन एप्लायंसेज, वाटर प्यूरीफायर, स्मार्ट टीवी।
-
आध्यात्मिक उत्पाद — पूजा सामग्री, मूर्तियाँ, और पूजा की थालियाँ।
सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारी
बाजारों में रौनक के साथ प्रशासन ने भी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की है।
-
ट्रैफिक मैनेजमेंट
-
रायगढ़ और रायपुर के प्रमुख बाजारों में वाहन प्रतिबंधित मार्ग बनाए गए हैं।
-
अतिरिक्त पुलिस बल और ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था की गई है।
-
-
फायर ब्रिगेड और हेल्थ सेवाएँ
-
आतिशबाज़ी और इलेक्ट्रिक लाइटिंग के चलते आग और दुर्घटनाओं से बचाव के लिए फायर ब्रिगेड को तैयार रखा गया है।
-
स्थानीय अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दिवाली के लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात है।
-
पर्यावरण और स्वास्थ्य चेतावनी
दिवाली पर प्रदूषण और स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ जाते हैं।
-
आतिशबाज़ी और धुआँ — वायु प्रदूषण का मुख्य कारण।
-
स्वस्थ विकल्प
-
LED लाइट्स, इको-फ्रेंडली दीये और प्राकृतिक रंगोली का उपयोग।
-
छोटे पटाखों और ध्वनि कम करने वाले उत्पादों को प्राथमिकता।
-
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
दिवाली सिर्फ बाजारों और खरीदारी का पर्व नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक मेल-जोल का अवसर भी है।
-
परिवार और दोस्तों के साथ मिठाई बाँटना।
-
गरीब और जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े देना।
-
स्थानीय कलाकारों और बुनकरों को अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलना।
आर्थिक दृष्टि
बाजारों में दिवाली की चहल-पहल राज्य और देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
-
स्थानीय व्यापारियों की आय बढ़ती है।
-
GST और राज्य राजस्व में भी सुधार।
-
रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, खासकर त्योहारी सीज़न में।
छत्तीसगढ़ के आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष दिवाली के समय बाजारों में 20-30% अधिक बिक्री का अनुमान है।
रायगढ़ और आसपास की स्थिति
-
रायगढ़ शहर में दीपावली की तैयारियों के लिए नगर निगम और व्यापार मंडल ने मिलकर विशेष सजावट और साफ-सफाई अभियान चलाया।
-
बाजार समिति ने दिवाली के अवसर पर विशेष सुरक्षा और सुरक्षा दल तैनात किए।
-
दुकानदारों ने इस साल नए डिज़ाइन और आकर्षक पैकेजिंग के साथ उत्पादों को प्रदर्शित किया।
दिवाली की तैयारी और बाजारों में रौनक न केवल आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करती है बल्कि समाज में खुशी, मेल-जोल और सांस्कृतिक जुड़ाव भी बढ़ाती है।
-
घरों और बाजारों में सजावट, खरीदारी और मिठाई की चहल-पहल ने त्योहार का माहौल जीवंत कर दिया है।
-
प्रशासन और जनता के सहयोग से यह सुनिश्चित किया गया कि त्योहार सुरक्षित और आनंदपूर्ण रहे।
-
डिजिटल और ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते प्रभाव ने इस वर्ष के दिवाली उत्सव को और अधिक आधुनिक और सुविधाजनक बनाया है।
दिवाली की रौनक और खरीदारी की चहल-पहल ने साबित कर दिया कि यह त्योहार केवल रोशनी और मिठाई का नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक जीवन में उजाला फैलाने वाला अवसर भी है।
Next –