छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान 2025
BLOs की मेहनत से 5 दिनों में 30 लाख मतदाताओं तक पहुंच

छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत Booth Level Officers (BLOs) ने केवल पांच दिनों में लगभग 30 लाख मतदाताओं तक पहुंच बनाई है। यह कुल लक्ष्य का लगभग 14 प्रतिशत है। यह आंकड़ा न सिर्फ़ प्रशासनिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि आम नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी का भी संकेत देता है।
अभियान का उद्देश्य
मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान देश के हर राज्य में समय-समय पर आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि —
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प्रत्येक योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल हो।
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मृत, स्थानांतरित या दोहराए गए मतदाताओं के नाम हटाए जाएं।
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युवा मतदाताओं (18 वर्ष पूर्ण करने वाले) को मतदान सूची में जोड़ा जाए।
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नागरिकों की जानकारी (नाम, पता, फोटो आदि) को अद्यतन किया जाए।
छत्तीसगढ़ जैसे बड़े और विविध राज्य में यह काम काफी चुनौतीपूर्ण है। गांवों से लेकर शहरों तक, BLOs को हर घर तक पहुंचना पड़ता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक अपने मताधिकार से वंचित न रहे।
अभियान की शुरुआत और प्रगति
राज्य निर्वाचन विभाग के अनुसार, यह विशेष अभियान नवंबर 2025 के पहले सप्ताह में शुरू हुआ। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार BLOs को निर्देश दिए गए कि वे घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करें, और जिनका नाम सूची में नहीं है, उनका नया पंजीकरण करें।
पहले 5 दिनों के भीतर ही BLOs ने लगभग 30 लाख नागरिकों से संपर्क किया। यह अभियान का प्रारंभिक चरण था, जिसमें
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नई प्रविष्टियों को जोड़ना,
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पुराने नामों को हटाना, और
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जानकारी को अपडेट करना
मुख्य उद्देश्य था।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि यह केवल शुरुआत है — दिसंबर 2025 तक यह अभियान जारी रहेगा और लक्ष्य पूरे 2.2 करोड़ मतदाताओं तक पहुंचने का है।
BLOs की भूमिका क्या है?

BLO यानी Booth Level Officer निर्वाचन आयोग की रीढ़ माने जाते हैं। ये जमीनी स्तर पर वह अधिकारी होते हैं जो मतदान केंद्र स्तर पर हर नागरिक से संपर्क करते हैं। BLOs के प्रमुख कार्य हैं:
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घर-घर सर्वेक्षण करना
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मतदाता सूची में नई प्रविष्टियाँ जोड़ना
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त्रुटिपूर्ण नामों को ठीक कराना
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पुराने या मृत मतदाताओं को हटाना
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मतदाता पहचान पत्र (EPIC) का सत्यापन करना
इस अभियान में BLOs का सबसे बड़ा योगदान है — उन्होंने कठिन इलाकों में भी पहुंचकर जानकारी जुटाई। नक्सल प्रभावित इलाकों, पहाड़ी गाँवों, और आदिवासी समुदायों के बीच जाकर उन्होंने नागरिकों को मताधिकार के प्रति जागरूक किया।
डिजिटल तकनीक का उपयोग
2025 के इस पुनरीक्षण अभियान की खास बात यह है कि इसमें डिजिटल माध्यमों का उपयोग बढ़ा है।
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BLOs अब Voter Helpline App और Garuda App का उपयोग कर रहे हैं।
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नागरिक भी NVSP Portal (National Voters Service Portal) पर जाकर अपनी जानकारी खुद अपडेट कर सकते हैं।
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QR कोड आधारित फार्म भरने की सुविधा दी गई है, जिससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनी है।
राज्य के कई जिलों में अब घर-घर डेटा एंट्री के लिए टैबलेट या मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे रियल-टाइम अपडेट संभव हुआ है।

महिलाओं और युवाओं पर विशेष फोकस
इस बार के अभियान में दो वर्गों पर खास ध्यान दिया गया है —
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महिलाएं, और
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पहली बार वोट देने वाले युवा (18-19 वर्ष आयु वर्ग)
राज्य के शिक्षा संस्थानों और कॉलेजों में “मेरा पहला वोट” अभियान चलाया जा रहा है। इसमें छात्र-छात्राओं को मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया समझाई जा रही है।
साथ ही, BLOs ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं कि वे अपने नाम और पहचान पत्र को अपडेट करवाएं ताकि मतदान के समय किसी तरह की दिक्कत न हो।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चुनौती
छत्तीसगढ़ के दक्षिणी जिलों — जैसे सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर — में BLOs के लिए अभियान चलाना आसान नहीं है। यहाँ सुरक्षा कारणों से कई बार उन्हें पुलिस बल के साथ जाना पड़ता है।
इसके बावजूद, निर्वाचन विभाग ने बताया कि इन जिलों में भी अभियान सुचारू रूप से चल रहा है।
स्थानीय पंचायतों और शिक्षकों की मदद से गाँव-गाँव में जानकारी दी जा रही है कि मतदान सूची में नाम होना कितना ज़रूरी है।
आंकड़ों में अभियान
| चरण | कार्य | प्रगति (%) | विवरण |
|---|---|---|---|
| प्रारंभिक सर्वेक्षण | घर-घर संपर्क | 14% (30 लाख मतदाता) | पहले 5 दिनों में |
| डेटा अद्यतन | त्रुटि सुधार | जारी | 20 जिलों में डेटा सुधार चल रहा |
| नई प्रविष्टियाँ | नए मतदाता | ~3 लाख जोड़े गए | 18 वर्ष से अधिक युवाओं में |
| मृत प्रविष्टियाँ हटाना | सत्यापन | 2.5 लाख हटाए गए | सत्यापन के दौरान |
मतदाता जागरूकता अभियान
सिर्फ डेटा अपडेट नहीं, बल्कि जनता को जागरूक बनाना भी इस अभियान का लक्ष्य है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं —
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“आपका वोट – आपका अधिकार” पोस्टर और रैलियाँ
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कॉलेजों में जागरूकता सेमिनार
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सोशल मीडिया पर #VoteForChhattisgarh अभियान
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ग्रामीण इलाकों में पंचायत सभाओं के माध्यम से प्रचार
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मतदाता जागरूकता अभियान की आवश्यकता
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भारत में चुनावी प्रक्रिया काफी बड़ी और जटिल है। लाखों अधिकारी, हजारों मतदान केंद्र और करोड़ों मतदाता इसमें शामिल होते हैं।
फिर भी, हर चुनाव में यह देखा गया है कि बड़ी संख्या में लोग मतदान नहीं करते।कारण:
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उदासीनता या “मेरे वोट से क्या फर्क पड़ेगा” जैसी सोच।
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नाम मतदाता सूची में न होना या अद्यतन न कराना।
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चुनाव के दिन छुट्टी का माहौल और मतदान केंद्रों की दूरी।
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महिलाओं और युवाओं में राजनीतिक प्रणाली को लेकर निराशा।
इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) ने “SVEEP” कार्यक्रम की शुरुआत की।
SVEEP कार्यक्रम क्या है?
SVEEP का पूरा नाम है — Systematic Voters’ Education and Electoral Participation (व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचन भागीदारी)।
यह भारतीय निर्वाचन आयोग का प्रमुख मतदाता शिक्षा कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य है —“हर नागरिक को मतदान की प्रक्रिया से जोड़ना और लोकतंत्र को सहभागी बनाना।”
मुख्य उद्देश्य:
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मतदाता सूची को अद्यतन रखना।
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हर योग्य व्यक्ति को पंजीकृत करना।
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मतदान दर बढ़ाना।
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युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
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झूठी या गलत जानकारी से बचाव करना।
छत्तीसगढ़ में मतदाता जागरूकता की पहल
छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में, जहां जनसंख्या का बड़ा हिस्सा ग्रामीण और वनक्षेत्रों में निवास करता है, वहाँ मतदाता तक पहुँचना एक चुनौती है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने “Booth Level Officers (BLOs)” को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है, ताकि वे गाँव-गाँव जाकर लोगों को मतदाता सूची में नाम जोड़ने और सुधार करवाने में मदद करें।
हाल ही में राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision) में BLOs ने सिर्फ पाँच दिनों में लगभग 30 लाख मतदाताओं तक पहुँच बनाई है — जो राज्य की 14 % आबादी के बराबर है।
यह उपलब्धि बताती है कि जागरूकता अभियान धरातल पर असर दिखा रहा है।
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नागरिकों के लिए ज़रूरी जानकारी

यदि आप छत्तीसगढ़ के निवासी हैं और अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ना या सुधार करना चाहते हैं, तो आप यह कदम उठा सकते हैं:
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ऑनलाइन आवेदन करें:
https://nvsp.in पर जाकर Form-6 भरें। -
Voter Helpline App डाउनलोड करें:
मोबाइल ऐप के माध्यम से आप पंजीकरण, सुधार, या स्टेटस देख सकते हैं। -
अपने BLO से संपर्क करें:
अपने मतदान केंद्र पर BLO का नाम और नंबर चेक करें। -
साक्ष्य दस्तावेज़ तैयार रखें:
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आयु प्रमाण (जन्म प्रमाणपत्र / आधार / 10वीं की मार्कशीट)
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निवास प्रमाण (राशन कार्ड / बिजली बिल / किराया समझौता आदि)
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BLOs की चुनौतियाँ और मेहनत
यह काम केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है — BLOs को जमीनी स्तर पर कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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दूरदराज़ इलाकों तक पहुंचने के लिए उन्हें लंबी पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
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कई जगह इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर होती है, जिससे डेटा अपडेट में देरी होती है।
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कई नागरिक दस्तावेज़ देने में हिचकिचाते हैं या गलत जानकारी भर देते हैं।
फिर भी, इन अधिकारियों की मेहनत की वजह से यह अभियान सफलता की ओर बढ़ रहा है।
आयोग की पारदर्शिता नीति
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO – Chhattisgarh) ने बताया कि इस अभियान में पारदर्शिता और समयबद्धता सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
हर जिले में एक Monitoring Cell बनाई गई है, जो रोज़ाना प्रगति रिपोर्ट देती है।
इसके अलावा, हर सप्ताह जिला स्तर पर ऑडिट और फीडबैक समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
नागरिक सहभागिता ही असली सफलता
लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब नागरिक सक्रिय रूप से उसकी प्रक्रिया में भाग लें। BLOs और चुनाव आयोग का यह अभियान तभी सार्थक होगा जब हर योग्य मतदाता अपनी ज़िम्मेदारी निभाएगा।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अब मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान, राज्य की लोकतांत्रिक चेतना का उत्कृष्ट उदाहरण है। केवल पाँच दिनों में 30 लाख मतदाताओं तक पहुंचना अपने-आप में बड़ी उपलब्धि है।
यह न केवल प्रशासनिक सफलता है बल्कि नागरिक भागीदारी का भी परिचायक है।
आने वाले महीनों में जैसे-जैसे यह अभियान आगे बढ़ेगा, उम्मीद की जा रही है कि राज्य के हर नागरिक का नाम सही और अद्यतन रूप में मतदाता सूची में होगा।
यह अभियान एक संदेश देता है — “हर वोट महत्वपूर्ण है, हर नागरिक की आवाज़ मायने रखती है।”
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