रायगढ़ तीन आरोपी गिरफ्तार चोरी की साजिश का खुलासा

रायगढ़ जिले में पुलिस ने एक बड़ी चोरी की घटना का खुलासा किया है। कुछ दिन पहले क्षेत्र में एक ट्रैक्टर चोरी होने का मामला सामने आया था, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। अब पुलिस ने इस चोरी का सफलतापूर्वक पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
चोरी किए गए ट्रैक्टर को बरामद कर लिया गया है और पुलिस ने बताया कि आरोपी चोरी के इस वाहन को दूसरे जिले में बेचने की फिराक में थे।
यह कार्रवाई न केवल पुलिस की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जिले में बढ़ती चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए कानून व्यवस्था सख्त हो चुकी है।
जिले में चोरी-घटना का खुलासा — ट्रैक्टर चोरी का मामला पुलिस ने खुला, 3 आरोपी गिरफ्तार। Patrika News
घटना की पृष्ठभूमि

घटना रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र की बताई जा रही है। बीते हफ्ते एक किसान ने अपने ट्रैक्टर की चोरी की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी।
शिकायत के अनुसार, किसान ने ट्रैक्टर को रात में अपने घर के पास खड़ा किया था, लेकिन सुबह उठने पर वाहन गायब था।
किसान ने तुरंत थाना प्रभारी को सूचना दी और पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
दर्ज एफआईआर की मुख्य बातें
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चोरी की वारदात रात 2 बजे से 4 बजे के बीच हुई।
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ट्रैक्टर का नंबर और चेसिस डिटेल पुलिस को दी गई।
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आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जुटाई गई।
पुलिस जांच की दिशा
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की।
टीम ने पहले इलाके के सभी पुराने वाहन चोरों और कबाड़ी दुकानों की गतिविधियों पर नज़र रखी।
सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध वाहन दिखाई दिया, जो चोरी के समय इलाके से बाहर जा रहा था।
फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों को ट्रैक किया।
जांच में पता चला कि यह गैंग पहले भी वाहनों की चोरी कर ओडिशा और झारखंड बॉर्डर के पास बेचने की कोशिश कर चुका है।
गिरफ्तार आरोपी

रायगढ़ पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपी की पहचान
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संदीप कुमार यादव (उम्र 28 वर्ष) – निवासी धरमजयगढ़
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राजेश पटेल (उम्र 30 वर्ष) – निवासी बरमकेला
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विक्रम नायक (उम्र 26 वर्ष) – निवासी जशपुर सीमा क्षेत्र
इन तीनों ने मिलकर ट्रैक्टर चोरी की योजना बनाई थी।
मुख्य आरोपी संदीप पहले ट्रैक्टर चालक के रूप में काम करता था और उसे ट्रैक्टर मालिक की दिनचर्या की पूरी जानकारी थी। उसी जानकारी का फायदा उठाकर उसने वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को धरमजयगढ़ के जंगल क्षेत्र से गिरफ्तार किया।
जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने अपराध कबूल कर लिया।
बरामदगी
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चोरी हुआ ट्रैक्टर (महिंद्रा 475 मॉडल) बरामद किया गया।
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चोरी में इस्तेमाल कटिंग टूल्स और लोहे की रॉड्स जब्त की गईं।
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मोबाइल फोन और नकद ₹15,000 भी जब्त किए गए।
पुलिस अधीक्षक का बयान
रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया —
“हमारी टीम ने लगातार निगरानी और तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से इस चोरी का खुलासा किया है। आरोपियों का एक संगठित नेटवर्क है जो वाहनों की चोरी कर सीमावर्ती राज्यों में बेच देता था। आगे और भी खुलासे संभव हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पुलिस की टीमों को और अधिक चौकसी के निर्देश दिए गए हैं।
चोरी का तरीका (Modus Operandi)
पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी पहले इलाके का निरीक्षण करते थे।
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वे ऐसे घरों को निशाना बनाते जहाँ ट्रैक्टर खुले में या सड़क किनारे खड़ा रहता था।
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ट्रैक्टर की चाबी की डुप्लीकेट बनाकर या इंजन वायरिंग काटकर उसे स्टार्ट करते थे।
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ट्रैक्टर को रात में गांव के बाहर जंगल की ओर ले जाते थे और दिन में छिपाकर रखते थे।
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फिर 2-3 दिन बाद नकली कागजात बनवाकर उसे दूसरे जिले में बेचने का प्रयास करते थे।
यह एक संगठित चोरी गैंग की ओर संकेत करता है, जिसके अन्य सदस्य भी पुलिस की रडार पर हैं।
पुलिस की सराहनीय भूमिका
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी, साइबर सेल और अपराध शाखा की संयुक्त टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तकनीकी साक्ष्यों, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टॉवर लोकेशन ने केस को सुलझाने में मदद की।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि —
“अगर किसी को भी संदिग्ध वाहन या व्यक्ति दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। आपकी छोटी-सी जानकारी बड़ी वारदात रोक सकती है।”
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
रायगढ़ जिले के ग्रामीणों ने पुलिस की तत्परता की सराहना की है।
किसान संगठनों ने कहा कि इस कार्रवाई से किसानों में भरोसा बढ़ा है।
एक स्थानीय किसान ने कहा
“हमारे इलाके में ट्रैक्टर चोरी की घटनाएँ बढ़ रही थीं, अब पुलिस की इस कार्रवाई से राहत मिली है। उम्मीद है आगे ऐसी घटनाएँ नहीं होंगी।”
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 379 (चोरी) और 411 (चोरी की संपत्ति की प्राप्ति) के तहत केस दर्ज किया है।
मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया है।
आरोपियों से पूछताछ में और भी चोरी के मामलों का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
भविष्य की रणनीति
रायगढ़ पुलिस अब जिले में बढ़ती चोरी घटनाओं को रोकने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है।
प्रस्तावित कदम
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रात्री गश्त (Night Patrolling) को और मजबूत किया जाएगा।
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ग्रामीण क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने के लिए पंचायतों को प्रेरित किया जा रहा है।
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ट्रैक्टर और वाहन मालिकों को सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
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साइबर और मोबाइल लोकेशन तकनीक का अधिक उपयोग किया जाएगा।
वाहन सुरक्षा के उपाय (पुलिस द्वारा सुझाए गए)
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ट्रैक्टर या अन्य वाहन को हमेशा सुरक्षित स्थान पर खड़ा करें।
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GPS ट्रैकर लगवाएँ ताकि चोरी की स्थिति में लोकेशन ट्रैक की जा सके।
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वाहन दस्तावेजों की प्रतियां सुरक्षित रखें और मूल कागजात वाहन में न रखें।
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रात में गाँव के चौकीदार या निगरानी समिति को सूचना दें।
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किसी अज्ञात व्यक्ति को ट्रैक्टर किराए पर न दें।
सांख्यिकीय तथ्य (रायगढ़ जिले में चोरी मामलों की स्थिति)
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2024–25 के दौरान जिले में कुल 58 वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए।
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इनमें से 34 मामलों में पुलिस ने वाहन बरामद किए।
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पुलिस का दावा है कि 2025 में अपराध नियंत्रण दर 70% तक पहुंच गई है।
रायगढ़ पुलिस की यह सफलता न केवल एक चोरी की घटना का समाधान है बल्कि पूरे जिले में बढ़ती चोरी की घटनाओं के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी है।
तीन आरोपियों की गिरफ्तारी और ट्रैक्टर की बरामदगी से यह स्पष्ट है कि अपराधी चाहे कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून के हाथ उनसे लंबे हैं।
इस तरह की तत्पर कार्रवाई से जनता का पुलिस पर विश्वास और मजबूत होता है।
अगर प्रशासन और आम नागरिक मिलकर अपराध के खिलाफ सजग रहें, तो रायगढ़ जैसे जिलों को जल्द ही चोरी की घटनाओं से मुक्त किया जा सकता है।
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