Site icon City Times Raigarh

08 नवंबर 2025 पंचांग: मृगशिरा नक्षत्र और शिव योग का शुभ संयोग, गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त

08 नवंबर 2025 का पंचांग: मृगशिरा नक्षत्र और शिव योग का शुभ संयोग, आज रखा जाएगा गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत


आज का दिन विशेष क्यों है

08 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आज शनिवार के दिन मृगशिरा नक्षत्र और शिव योग का शुभ संयोग बन रहा है।
इसी दिन भक्तजन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत रखते हैं — जो भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है।

यह दिन उन लोगों के लिए अत्यंत शुभ है जो नए कार्यों की शुरुआत, धार्मिक यात्रा, या पूजा-पाठ का आयोजन करना चाहते हैं।


आज का पंचांग (08 नवंबर 2025, शनिवार)

पंचांग तत्व विवरण
तिथि चतुर्थी तिथि
पक्ष कृष्ण पक्ष
माह कार्तिक मास
दिन शनिवार
नक्षत्र मृगशिरा नक्षत्र
योग शिव योग
करण वणिज
सूर्योदय 06:19 AM
सूर्यास्त 05:29 PM
चंद्रोदय 09:45 PM
चंद्र राशि मिथुन
सूर्य राशि तुला

आज के शुभ मुहूर्त

कार्य मुहूर्त समय
       अभिजीत मुहूर्त 11:44 AM – 12:28 PM
      पूजन एवं व्रत प्रारंभ समय प्रातः 06:19 AM से
      गणेश पूजा का सर्वोत्तम समय संध्या के बाद चंद्रोदय के उपरांत
      दान-पुण्य मुहूर्त दिनभर शुभ
      नए कार्य की शुरुआत प्रातः से दोपहर तक शुभ
     चंद्रोदय (व्रत खोलने का समय) रात 09:45 बजे

अशुभ समय (राहुकाल, यमगंड, गुलिक)

काल समय
     राहुकाल 09:00 AM – 10:30 AM
    यमगंड काल 01:30 PM – 03:00 PM
    गुलिक काल 06:30 AM – 08:00 AM

 इन समयों में कोई भी शुभ कार्य आरंभ न करें।


 गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है।
यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है, लेकिन जब यह शनिवार को पड़े, तो इसका महत्व और बढ़ जाता है।

आज का व्रत “संकट निवारण” का प्रतीक माना जाता है।
जो भक्त श्रद्धा से यह व्रत करते हैं, उनके जीवन से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।


  व्रत विधि (Puja Vidhi)

सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

व्रत का संकल्प लें — “ॐ गं गणपतये नमः।”

गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।

दूर्वा, मोदक और लड्डू अर्पित करें।

गणेश जी की आरती करें और “संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा” पढ़ें।

चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोलें।

 आज चंद्रोदय का समय — रात 09:45 बजे
उसी समय चंद्र दर्शन कर व्रत का समापन करें।


   शिव योग का महत्व

आज का एक और विशेष संयोग है — शिव योग
यह योग जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्रदान करता है।
इस योग में भगवान शिव की उपासना करने से —

मानसिक शांति,

नकारात्मकता से मुक्ति,

और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

  मंत्र:
“ॐ नमः शिवाय”
— आज इस मंत्र का 108 बार जप अत्यंत फलदायी रहेगा।

“आज का पंचांग 8 नवंबर 2025” — नवभारत टाइम्स Navbharat Times


    मृगशिरा नक्षत्र का प्रभाव

मृगशिरा नक्षत्र सौम्यता और स्थिरता का प्रतीक है।
इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति कलात्मक, बुद्धिमान और संयमी होते हैं।
आज के दिन यह नक्षत्र —

नए निवेश,

प्रेम प्रस्ताव,

और शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए शुभ माना गया है।


    ज्योतिषीय सुझाव

आज सफेद या हल्के नीले रंग के वस्त्र धारण करें।

पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

शनि देव और गणेश जी की आराधना अवश्य करें।

जरूरतमंदों को तिल, काला कपड़ा या लड्डू का दान शुभ रहेगा।


    घर में करने योग्य उपाय

घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।

गणेश जी को दुर्वा और लाल फूल चढ़ाएं।

पूरे परिवार के साथ शाम को आरती करें।


     आज का विचार (Thought of the Day)

“संकट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, श्रद्धा और विश्वास से गणपति उसे हल्का कर देते हैं।”


    पौराणिक कथा: संकष्टी चतुर्थी की कहानी

एक समय की बात है — माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश जी से कहा कि जब भी कोई भक्त सच्चे मन से व्रत रखेगा, तुम उसके संकट हर लोगे।
इसलिए इस तिथि को “संकष्टी चतुर्थी” कहा जाता है।
कहते हैं, इस दिन गणेश जी की उपासना करने से व्यक्ति को ज्ञान, धन और सफलता तीनों की प्राप्ति होती है।

08 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है।
मृगशिरा नक्षत्र, शिव योग, और गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत — तीनों का संगम इस दिन को विशेष बनाता है।
अगर आप आज श्रद्धा और संयम से पूजा करते हैं, तो निश्चित रूप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।

 “शिव-गणेश का आशीर्वाद आपके जीवन से सभी विघ्नों को दूर करे।”

Next-

07 नवंबर 2025 पंचांग शुक्रवार को रोहिणी नक्षत्र और परिध योग का शुभ संयोग

Exit mobile version