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01 दिसंबर 2025 पंचांग आज साल की आखिरी एकादशी

01 दिसंबर 2025 पंचांग आज साल की आखिरी एकादशी, जानिए शुभ और अशुभ काल

भारत में पंचांग केवल दिन, महीने और वर्ष के हिसाब से समय बताने का साधन नहीं है। यह हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मार्गदर्शक भी है। 01 दिसंबर 2025 का दिन भी धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज साल की आखिरी एकादशी है। इस ब्लॉग में हम आपको 01 दिसंबर 2025 के पंचांग, दिनचर्या, शुभ और अशुभ समय, साथ ही एकादशी व्रत और उससे जुड़ी जानकारियों के बारे में विस्तार से बताएंगे।


आज का तिथि और वार

01 दिसंबर की यह एकादशी साल की आखिरी एकादशी मानी जा रही है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत मुख्य रूप से शुद्धता, आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति के लिए रखा जाता है।


आज का पंचांग

पंचांग तत्व विवरण
विक्रम संवत 2082
सौर मास मार्गशीर्ष
चंद्र राशि मीन (Pisces)
नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी
योग श्री
करण विष्टि
सूर्योदय 06:34 AM
सूर्यास्त 05:43 PM
दिन का वार सोमवार

पंचांग के अनुसार आज का दिन धार्मिक गतिविधियों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। विशेषकर, एकादशी व्रत, भगवान विष्णु की आराधना और दान-पुण्य के लिए यह समय बहुत लाभकारी है।


आज का एकादशी व्रत

आज वृश्चिक मास की आखिरी एकादशी है। इस दिन व्रत रखने का उद्देश्य मन, वचन और कर्म की शुद्धि करना है। एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को जीवन में मानसिक शांति, धन-संपत्ति में वृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

एकादशी व्रत का महत्व

  1. पापों से मुक्ति: एकादशी व्रत रखने से पूर्व जन्म के पाप नष्ट होते हैं।

  2. धन और स्वास्थ्य में वृद्धि: नियमित व्रत करने से धन की प्राप्ति और स्वास्थ्य लाभ होता है।

  3. आध्यात्मिक उन्नति: भगवान विष्णु की आराधना से मन और आत्मा को शांति मिलती है।

  4. संकटमोचन: एकादशी व्रत विशेष रूप से संकटमोचन माना जाता है।


आज का शुभ और अशुभ काल

शुभ समय (मुहूर्त)

मुहूर्त समय
अमर्यादि योग 07:30 AM – 09:00 AM
गणेश मुहूर्त 10:15 AM – 11:00 AM
सिद्ध मुहूर्त 11:30 AM – 01:00 PM
अमृत काल 02:15 PM – 03:30 PM

अशुभ समय

अशुभ समय समय
राहुकाल 12:15 PM – 01:45 PM
गुलिक काल 09:00 AM – 10:30 AM
यमगंड काल 06:00 AM – 07:30 AM

नोट: सभी समय स्थानीय पंचांग के अनुसार बदल सकते हैं। रायगढ़ और आसपास के क्षेत्र के लोग स्थानीय सूर्योदय-सूर्यास्त समय के अनुसार सही समय का पालन करें।


आज के उपाय और धार्मिक अनुष्ठान

  1. एकादशी व्रत:

    • व्रत का पालन सुबह से रात तक करें।

    • निर्जल व्रत या फलाहारी व्रत रखा जा सकता है।

    • दिनभर भगवान विष्णु का ध्यान करें और भजन-कीर्तन में भाग लें।

  2. दान-पुण्य:

    • दान करने का समय आज बहुत शुभ है।

    • विशेष रूप से गेहूं, चावल, दाल, वस्त्र और पैसे का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

  3. जप और मंत्र:

    • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना लाभकारी है।

    • एकादशी कथा सुनना और बच्चों को सुनाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।

  4. स्नान और पूजा:

    • ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके व्रत की शुरुआत करें।

    • भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।

    • तुलसी का पौधा रोज़ पूजा के लिए सर्वोत्तम माना गया है।


एकादशी व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें

करें

न करें


एकादशी व्रत के लाभ

  1. मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।

  2. शरीर और मन दोनों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  3. जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

  4. आध्यात्मिक दृष्टि से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।


आज का दिन क्यों खास है

01 दिसंबर की यह एकादशी साल की अंतिम एकादशी है। इसलिए इस दिन व्रत रखने का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। यह दिन पुराने साल के कर्मों का मूल्यांकन करने और नए साल में सकारात्मक शुरुआत करने का संकेत देता है।

इस दिन यदि कोई व्यक्ति पूजा, व्रत, दान और भजन-कीर्तन करता है, तो उसकी समस्त नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

01 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। साल की अंतिम एकादशी होने के कारण यह दिन विशेष महत्व रखता है। आज के पंचांग अनुसार शुभ मुहूर्तों में पूजा, दान और व्रत करने से जीवन में सुख-शांति, धन और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।

साल का अंत होने से पहले यदि हम अपने कर्मों और आध्यात्मिक साधना पर ध्यान दें, तो आने वाला नया साल हमारे लिए खुशियों और सफलता से भरा होगा।

आज का संदेश:
“एकादशी का व्रत केवल उपवास नहीं, बल्कि आत्मा और मन की शुद्धि का साधन है। इस दिन का सही प्रयोग करें और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।”

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01 दिसंबर 2025 एकादशी का विशेष महत्व

01 दिसंबर 2025 की एकादशी मार्गशीर्ष मास की अंतिम एकादशी है। हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष मास को “धन और आध्यात्मिक उन्नति का मास” कहा जाता है। यह समय विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।


आज का एकादशी व्रत – विधि और पूजा

व्रत की तैयारी

  1. स्नान और स्वच्छता: ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें। शरीर और मन को शुद्ध करना जरूरी है।

  2. साफ-सफाई: घर में पूजा स्थल और मंदिर को साफ करें। तुलसी के पौधे के आसपास दीपक जलाएं।

  3. फलाहारी भोजन: व्रत के समय फल, दूध, सत्तू और हल्का भोजन ही लें।

व्रत का पालन


दान-पुण्य और आध्यात्मिक लाभ


आज के मुहूर्त का विस्तृत विवरण

शुभ मुहूर्त

  1. अमर्यादि योग (07:30 AM – 09:00 AM) – पूजा और व्रत के लिए सर्वोत्तम समय।

  2. गणेश मुहूर्त (10:15 AM – 11:00 AM) – नया कार्य या व्रत प्रारंभ करने का उत्तम समय।

  3. सिद्ध मुहूर्त (11:30 AM – 01:00 PM) – धन, दान और पूजा के लिए बहुत शुभ।

  4. अमृत काल (02:15 PM – 03:30 PM) – सभी धार्मिक कार्यों और व्रत के लिए श्रेष्ठ समय।

अशुभ मुहूर्त

  1. राहुकाल (12:15 PM – 01:45 PM) – किसी भी नए कार्य या पूजा से बचें।

  2. गुलिक काल (09:00 AM – 10:30 AM) – अशुभ समय, कार्य स्थगित करें।

  3. यमगंड काल (06:00 AM – 07:30 AM) – पूजा या महत्वपूर्ण निर्णय टालें।


01 दिसंबर को व्रत रखने वाले विशेष उपाय

  1. सफाई और स्वच्छता – घर और पूजा स्थल साफ रखें।

  2. तुलसी पूजा – तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाएं और पंचामृत अर्पित करें।

  3. संतों से आशीर्वाद – दिन के दौरान संतों को भोजन कराएँ या आशीर्वाद लें।

  4. मन और विचार – क्रोध, नकारात्मकता और तनाव से दूर रहें।


साल की अंतिम एकादशी का आध्यात्मिक संदेश


आज का संक्षिप्त सार

  1. आज साल की अंतिम एकादशी है।

  2. मार्गशीर्ष मास की एकादशी का आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है।

  3. शुभ मुहूर्त में पूजा, दान और व्रत करने से जीवन में लाभ मिलता है।

  4. अशुभ मुहूर्त में नए कार्य या पूजा न करें।

  5. व्रत के दौरान फलाहारी भोजन, भजन-कीर्तन और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।

    01 दिसंबर 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। साल की अंतिम एकादशी होने के कारण यह दिन धार्मिक अनुष्ठानों और व्रत के लिए श्रेष्ठ समय है। पंचांग अनुसार शुभ मुहूर्तों में पूजा, दान और व्रत करने से जीवन में सुख-शांति, धन और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।

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