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सोना 2025 कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर, क्या आप निवेश के लिए तैयार हैं?


रायगढ़ में 14 नवंबर 2025 के सोना-चांदी के दाम तेज़ी का दौर जारी, निवेशकों की बढ़ी चिंता

रायगढ़, 14 नवंबर 2025। त्योहारों के बाद भी सोना-चांदी की कीमतों में तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बढ़ती अस्थिरता और डॉलर-इंडेक्स में उतार-चढ़ाव का सीधा असर स्थानीय मंडी पर भी पड़ रहा है। रायगढ़ में आज सोना और चांदी दोनों की दरों में हल्की बढ़त देखने को मिली, जिससे सराफा बाज़ार में खरीद-फरोख्त का माहौल सतर्क बना हुआ है। ABP News


सोना: कीमतें रिकॉर्ड स्तर के करीब

आज रायगढ़ में सोने के भाव इस प्रकार रहे:

विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक स्थिति, कच्चे तेल की कीमतों में उठापटक और निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश की ओर रुख करने से सोने में तेजी बनी हुई है।

रायगढ़ के सराफा व्यापारियों का कहना है कि कीमतों में लगातार वृद्धि के बावजूद शादी-समारोहों के सीज़न में खरीदारी बनी हुई है। हालांकि, कई ग्राहक अभी भी कीमत गिरने की संभावना पर “वेट-एंड-वॉच” कर रहे हैं। ABP Live+2ABP News+2

जानें क्यों बढ़ रही है गोल्ड की चमक

14 नवंबर 2025।
पिछले कुछ महीनों से सोने की कीमतें लगातार नए उच्चतम स्तरों को छू रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार की अनिश्चितता, डॉलर की मजबूती और निवेशकों की गोल्ड में बढ़ती रुचि ने भारत समेत रायगढ़ जैसे स्थानीय बाज़ारों में भी सोना महंगा कर दिया है। त्योहारों के बाद भी गोल्ड रेट में तेजी का यह दौर थमने का नाम नहीं ले रहा, जिससे उपभोक्ताओं और ज्वैलरी व्यापारियों के बीच चिंता का माहौल बना हुआ है।


गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड के पास — क्या है मौजूदा स्थिति?

सोने का 24 कैरेट रेट पिछले कई महीनों में तेज़ी से बढ़ते हुए ऐतिहासिक स्तर के करीब पहुंच चुका है।
जहाँ 2024 में सोना 62,000–65,000 के दायरे में था, वहीं 2025 के अंत तक यह लगभग दोगुने स्तर के पास दिखाई दे रहा है।

स्थानीय सराफा बाजारों में शादी-समारोहों का सीजन होने के बावजूद उपभोक्ता कीमतों को लेकर असमंजस में हैं।
कई लोग छोटे-छोटे निवेश कर रहे हैं, जबकि बड़े खरीददार सुधार (correction) की प्रतीक्षा में हैं।


सोना क्यों महंगा हो रहा है? — 5 बड़े कारण

1. वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता

विश्वभर में आर्थिक मंदी, युद्ध, भू-राजनीतिक तनाव और बैंकिंग प्रणाली में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की ओर धकेल दिया है।
सोना सदियों से सुरक्षित निवेश माना जाता है, इसलिए मांग बढ़ते ही कीमतें ऊपर चली जाती हैं।

2. डॉलर में तेजी और रुपया कमजोर

डॉलर के मजबूत होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना महंगा हो जाता है।
भारत में आयात किए जाने वाले सोने की लागत सीधे बढ़ जाती है, जिसका असर खुदरा बाजार पर दिखाई देता है।

3. इम्पोर्ट ड्यूटी और टैक्स का प्रभाव

भारत में सोने की आयात-शुल्क (Import Duty), कृषि उपकर (AIDC) और GST पहले से ही कीमतें बढ़ा रहे हैं।
किसी भी कर परिवर्तन का तत्काल प्रभाव घरेलू कीमतों पर पड़ता है।

4. त्योहारी और विवाह सीजन से मांग में उछाल

दिवाली, धनतेरस और शादी के मौसम में सोना खरीदना शुभ माना जाता है।
इन महीनों में मांग बढ़ने से कीमतों पर उभार आना सामान्य है।

5. निवेशकों का ETF और Digital Gold में बड़े स्तर पर रुझान

अब लोग सिर्फ गहने नहीं, बल्कि


क्या आगे भी महंगा होगा सोना? विश्लेषकों की राय

वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि सोने में तेजी का यह सिलसिला 2026 की शुरुआत तक जारी रह सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्थितियाँ स्थिर नहीं हैं, और महंगाई (inflation) से बचने के लिए सोना निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है।

कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि कीमतें 2026 में नई ऊँचाइयाँ छू सकती हैं यदि —


सामान्य उपभोक्ता पर असर


निवेशकों को क्या करना चाहिए?

1. लंबी अवधि के निवेशक

सोना लंबी अवधि में हमेशा रिटर्न देता है।
यदि लक्ष्य 3–5 वर्ष का है, तो खरीद धीरे-धीरे (SIP की तरह) कर सकते हैं।

2. अल्प अवधि के निवेशक

कीमतों पर नज़दीकी नज़र रखें।
कई बार हल्की गिरावट (₹1000–₹1500 प्रति 10 ग्राम) के बाद अच्छा एंट्री पॉइंट मिलता है।

3. Sovereign Gold Bond एक बेहतर विकल्प

सोने की कीमतों का रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंचना यह संकेत देता है कि आर्थिक और भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ अभी स्थिर नहीं हैं।
रायगढ़ सहित देशभर के बाजारों में ग्राहक सतर्क होकर खरीदारी कर रहे हैं।
अगले कुछ महीनों में सोने की चमक और बढ़ सकती है, और इसीलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेश रणनीति सोच-समझकर बनाएं।


चांदी: धीरे-धीरे बढ़ रही चमक

आज चांदी के दामों में भी मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई।

औद्योगिक मांग बढ़ने और इम्पोर्ट ड्यूटी में बदलाव की आशंका को देखते हुए चांदी की कीमतों में तेजी बनी हुई है। स्थानीय आभूषण बाजारों में चांदी के सिक्कों और गहनों की मांग में भी सुधार देखा जा रहा है।


क्यों बढ़ रहे हैं सोना-चांदी के दाम?

  1. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बढ़ी अनिश्चितता
    वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ निवेशकों को सुरक्षित साधनों—जैसे सोना—की ओर खींच रही हैं।

  2. डॉलर में मजबूती
    डॉलर मजबूत होने से सोना महंगा होता है, जिसका असर भारतीय बाज़ारों में भी देखने को मिलता है।

  3. त्योहार और विवाह सीज़न
    दिवाली के बाद भी शादी-समारोहों की वजह से सोना-चांदी की मांग बनी रहती है।

  4. सराफा बाज़ार में सीमित आपूर्ति
    मांग अधिक और आपूर्ति सीमित होने से घरेलू कीमतों पर दबाव बढ़ा है।


निवेशकों के लिए विशेषज्ञों की सलाह


बाज़ार में ग्राहक धारणा

रायगढ़ के अधिकांश ग्राहकों का मानना है कि कीमतें और बढ़ सकती हैं। कई लोग “अभी थोड़ा खरीदो, बाद में जोड़ो” की रणनीति अपना रहे हैं। वहीं ज़ेवर निर्माता बढ़ती दरों के कारण बड़ी खरीदारी करने से बच रहे हैं, लेकिन ऑर्डर का दबाव उन्हें खरीद के लिए बाध्य कर रहा है।

14 नवंबर 2025 को रायगढ़ में सोना-चांदी के दाम फिर से बढ़त के साथ बंद हुए। वैश्विक परिस्थितियाँ, स्थानीय मांग और बाज़ार की चाल को देखते हुए निकट भविष्य में भी कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है। ग्राहक और निवेशक दोनों ही सतर्क होकर खरीदारी कर रहे हैं।

बढ़ती सोने की कीमतों ने बदला खरीददारी का तरीका

सोने की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी का सीधा असर ग्राहकों के खरीद व्यवहार और सोच पर पड़ रहा है। जहाँ एक ओर लोग सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं, वहीं बढ़ते दामों ने सामान्य खरीदारों के बजट और योजनाओं में बड़ी उलटफेर कर दी है। रायगढ़ सहित कई शहरों के सराफा बाज़ारों में इस समय ग्राहकों की धारणा में कई खास बदलाव देखने को मिल रहे हैं।


 “अभी थोड़ा खरीदो, बाद में जोड़ो” रणनीति लोकप्रिय

कई ग्राहक भारी निवेश करने की बजाय छोटे-छोटे वजन में सोना खरीद रहे हैं।

इससे उन्हें बजट पर दबाव भी नहीं पड़ता और निवेश भी धीरे-धीरे बढ़ता है।


 सुधार (Price Correction) की प्रतीक्षा

कई अनुभवी खरीदार मानते हैं कि सोने की कीमतों में तेज़ी के बाद अक्सर हल्की गिरावट आती है।
इसलिए वे “अभी देखो, बाद में खरीदो” की स्थिति में हैं।


पुराने सोने का एक्सचेंज बढ़ा

उच्च कीमतों का एक सकारात्मक प्रभाव यह है कि लोग अपने पुराने, टूटे या कम उपयोग वाले गहनों को एक्सचेंज कर नए गहने खरीद रहे हैं।
इससे उनकी कुल लागत कम पड़ती है और वे आधुनिक डिज़ाइनों का चुनाव कर पाते हैं।


 गहनों से ज्यादा निवेश विकल्पों में रुचि

आज का ग्राहक पहले जैसे केवल जेवर खरीदने पर ही केंद्रित नहीं है।
अब लोग समझने लगे हैं कि सोना सिर्फ पहनने के लिए नहीं, बल्कि निवेश भी है।

लोग अब इन विकल्पों पर भी ध्यान दे रहे हैं—

इनमें मेकिंग चार्ज नहीं होता, इसलिए ये किफायती लगते हैं।


 हल्के डिज़ाइन और आधुनिक ज्वैलरी की माँग

उच्च कीमतों की वजह से भारी ज्वैलरी की माँग कम हो गई है।
ग्राहक ट्रेंडिंग, हल्के वजन और रोजमर्रा पहनने वाले गहनों की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।

ज्वैलर्स भी अब

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