रायगढ़ के 105 इलाकों में बिजली बंदी जानिए पूरी जानकारी

रायगढ़ जिले में 15 अक्टूबर को सुबह से ही बिजली कटौती को लेकर आम नागरिकों में हलचल मची रही। जिले के 105 क्षेत्रों में करीब 4 घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। यह बिजली बंदी अचानक नहीं थी, बल्कि विद्युत विभाग की निर्धारित मेंटेनेंस योजना के तहत की गई थी।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर बिजली बंदी क्यों की गई, किन क्षेत्रों पर इसका असर पड़ा, और आगे विभाग ने क्या कदम उठाए हैं।
रायगढ़ के 105 इलाकों में बिजली बंदी
15 अक्टूबर को रायगढ़ के 105 क्षेत्रों में 4 घंटे के लिए बिजली सप्लाई बंद रही, जिसमें जिले का जज-कलेक्टर बंगला भी प्रभावित हुआ। Dainik Bhaskar
बिजली बंदी का कारण क्या था?

बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह बिजली बंदी किसी आकस्मिक समस्या के कारण नहीं बल्कि पावर ग्रिड और ट्रांसफार्मर में सुधार कार्य के चलते की गई थी।
मुख्य कारण
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लाइन और ट्रांसफार्मर का रखरखाव – रायगढ़ शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में 33/11 केवी सबस्टेशन से जुड़ी लाइनों की जांच और ओवरलोड ट्रिपिंग को कम करने के लिए रखरखाव किया गया।
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पुरानी तारों और इंसुलेटर का बदलना – कई जगह पुराने तारों के कारण वोल्टेज ड्रॉप और ट्रिपिंग की समस्या आ रही थी, जिनको बदलना आवश्यक था।
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सुरक्षा निरीक्षण – त्योहारों से पहले सुरक्षा कारणों से भी विभाग ने पूरे नेटवर्क की जांच की।
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भविष्य के विस्तार की तैयारी – विभाग जल्द ही स्मार्ट मीटर और नई लाइनें जोड़ने की योजना बना रहा है, जिसके लिए तैयारी कार्य चल रहा है।
किन क्षेत्रों में बिजली बंद रही?

विद्युत विभाग की सूचना के अनुसार, 15 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बिजली बंद रही। इस दौरान रायगढ़ शहर के प्रमुख और ग्रामीण दोनों इलाके प्रभावित हुए।
शहर के प्रमुख प्रभावित क्षेत्र
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कलेक्टर बंगला क्षेत्र
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जज कॉलोनी
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गांधी चौक
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कोतरा रोड
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बोईरदादर
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गोढ़ी रोड
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बरमकेला मार्ग
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खरसिया रोड
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सिविल लाइन क्षेत्र
ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्र
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ढिमरापुर
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जूट मिल क्षेत्र
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जांजगीर रोड
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केलो डैम कॉलोनी
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सत्तीगुड़ा
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बरमकेला, सारंगढ़ मार्ग
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लोई, ढेकनपारा, तमनार, लैलूंगा ब्लॉक के कई गाँव
कुल मिलाकर 105 स्थानों पर बिजली आपूर्ति ठप रही, जिनमें घरेलू उपभोक्ता, सरकारी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज और व्यवसायिक प्रतिष्ठान शामिल थे।
नागरिकों को हुई असुविधाएँ
बिजली बंदी के दौरान नागरिकों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
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गर्मी और असुविधा: अक्टूबर के मध्य में भी रायगढ़ का तापमान 34°C के आसपास था, जिससे दोपहर में बिना बिजली के काफी परेशानी हुई।
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पानी की किल्लत: कई मोहल्लों में बिजली कटौती के कारण मोटरें बंद रहीं, जिससे जलापूर्ति भी प्रभावित हुई।
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ऑफिस और कारोबार पर असर: छोटे दुकानदारों, साइबर कैफे और फोटोकॉपी सेंटरों में काम ठप रहा।
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ऑनलाइन कक्षाओं और कामकाज में दिक्कत: इंटरनेट मॉडेम और वाईफाई राउटर बंद रहने से ऑनलाइन मीटिंग और क्लास प्रभावित हुईं।
प्रशासन की तैयारी और सूचना व्यवस्था
इस बार बिजली बंदी को लेकर विद्युत वितरण कंपनी (CSPDCL) ने पहले से ही सूचना जारी कर दी थी।
विभाग ने सोशल मीडिया, स्थानीय अखबार और नोटिस बोर्डों के माध्यम से लोगों को सूचित किया कि 15 अक्टूबर को निर्धारित समय पर बिजली बंद रहेगी।
प्रमुख घोषणाएँ
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नागरिकों से आग्रह किया गया कि वे महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पहले से बंद कर दें।
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अस्पतालों और पानी आपूर्ति केंद्रों के लिए डिजल जनरेटर बैकअप की व्यवस्था की गई।
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आवश्यक सेवाएँ (जैसे ट्रैफिक सिग्नल, पुलिस नेटवर्क, जिला प्रशासन दफ्तर) को वैकल्पिक बिजली स्रोत से जोड़ा गया।
मेंटेनेंस कार्य में क्या-क्या किया गया?
विभागीय इंजीनियरों के अनुसार, चार घंटे की बिजली बंदी के दौरान निम्नलिखित तकनीकी कार्य पूरे किए गए:
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33 केवी लाइन पर पोल स्ट्रक्चर और आर्मिंग की मरम्मत
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फीडर में लोड बैलेंसिंग कार्य
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ट्रांसफार्मर तेल जांच और रिले टेस्टिंग
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कई जगह पुराने इंसुलेटर बदलना
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पावर फैक्टर सुधार उपकरण (Capacitor Bank) की जाँच और सर्विसिंग
इन सभी कार्यों से भविष्य में बिजली कटौती की घटनाएँ कम होंगी और वोल्टेज स्थिर रहेगा।
विभाग की ओर से बयान
कार्यपालन अभियंता (EE), रायगढ़ CSPDCL ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“यह बिजली बंदी नागरिकों की असुविधा के लिए नहीं, बल्कि उन्हें बेहतर सेवा देने की तैयारी का हिस्सा है। विभाग लगातार मेंटेनेंस कार्य कर रहा है ताकि त्योहारों के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।”
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले महीनों में शहर की पुरानी तारें बदलने और सबस्टेशन अपग्रेडेशन का कार्य भी शुरू किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
बिजली बंदी को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं।
कुछ नागरिकों ने विभाग की तैयारी की सराहना की, तो कुछ ने लंबे समय तक बिजली न आने पर नाराज़गी जताई।
ट्विटर और फेसबुक पर प्रमुख प्रतिक्रियाएँ:
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“अच्छा है पहले से सूचना दे दी, नहीं तो अचानक कटने से ज्यादा परेशानी होती।”
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“चार घंटे तक बिजली नहीं — काम रुक गया, बच्चों की ऑनलाइन क्लास मिस हो गई।”
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“मेंटेनेंस जरूरी है, लेकिन सुबह के बजाय दोपहर बाद करना चाहिए था।”
भविष्य की योजना
विद्युत विभाग ने जानकारी दी है कि रायगढ़ में अगले चरण में स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत
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हर घर में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
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बिजली चोरी और ओवरलोड जैसी समस्याएँ स्वतः चिन्हित होंगी।
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नागरिकों को मोबाइल ऐप के माध्यम से बिलिंग, शिकायत और रीयल-टाइम बिजली स्थिति की जानकारी मिलेगी।
15 अक्टूबर 2025 को रायगढ़ जिले में हुई यह बिजली बंदी एक नियोजित कदम था, जिसका उद्देश्य शहर की बिजली व्यवस्था को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है।
हालांकि कुछ समय के लिए नागरिकों को परेशानी हुई, लेकिन इस सुधार कार्य से आने वाले समय में बिजली कटौती की समस्या में निश्चित रूप से कमी आएगी।
इस तरह के नियमित मेंटेनेंस कार्य किसी भी शहर की ऊर्जा संरचना के लिए आवश्यक होते हैं, ताकि बिजली आपूर्ति सतत, स्थिर और सुरक्षित रह सके।
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