Site icon City Times Raigarh

रायगढ़ में यूनिटी मार्च घरघोड़ा से तमनार तक पदयात्रा, सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता का संदेश

रायगढ़ में “यूनिटी मार्च” सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता और समरसता का संदेश

आयोजन तिथि: 12 नवंबर 2025

 मार्ग: घरघोड़ा से तमनार तक

 उद्देश्य: राष्ट्रीय एकता और जनजागरण का प्रसार


🇮🇳 परिचय — एकता के प्रतीक सरदार पटेल की जयंती पर विशेष आयोजन

रायगढ़ जिला प्रशासन ने इस वर्ष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया है।
12 नवंबर 2025 को “यूनिटी मार्च” (Unity March) नाम से यह पदयात्रा घरघोड़ा से तमनार तक निकाली जाएगी।
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में राष्ट्रीय एकता, भाईचारा और सामाजिक समरसता का संदेश फैलाना है।

सरदार पटेल को भारत की “लौह पुरुष” (Iron Man) के रूप में जाना जाता है — जिन्होंने रियासतों का विलय कर देश को एक सूत्र में पिरोया।
उनकी स्मृति में यह पदयात्रा “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को मजबूत करने के लिए आयोजित की जा रही है।

Raigarh Top News


 पदयात्रा का मार्ग और विशेषताएँ

रूट प्लान (Route Map)

यूनिटी मार्च की शुरुआत घरघोड़ा बस स्टैंड से होगी और यह लगभग 26 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए तमनार ब्लॉक मुख्यालय पर समाप्त होगी।

मुख्य पड़ाव:

  1. घरघोड़ा बस स्टैंड (प्रारंभिक सभा)

  2. बरमकेला चौक

  3. चांदपुर पंचायत भवन

  4. रेंगापाली विद्यालय परिसर

  5. तमनार ब्लॉक कार्यालय (समापन समारोह)


समय-सारणी (Schedule)


 प्रतिभागी — हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी

इस “यूनिटी मार्च” में प्रशासनिक अधिकारी, स्कूली छात्र, NSS एवं NCC कैडेट्स, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, किसान व महिला स्व-सहायता समूहों की बड़ी भागीदारी रहेगी।


 प्रशासनिक तैयारी — सुरक्षा और व्यवस्था पुख्ता

रायगढ़ जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने यात्रा की सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए विस्तृत योजना तैयार की है।

 पुलिस व्यवस्था

 स्वास्थ्य व्यवस्था


 सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रेरक भाषण

समापन स्थल तमनार ब्लॉक में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल छात्रों द्वारा देशभक्ति नृत्य, नाटक और कविताओं का मंचन किया जाएगा।
स्थानीय कलाकार “एकता में शक्ति है” विषय पर जनजागरूकता गीत प्रस्तुत करेंगे।

मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर रायगढ़ श्रीमती सुषमा साहू एवं एसपी श्री विवेक कुमार त्रिपाठी शामिल होंगे।
दोनों अधिकारियों का संदेश रहेगा कि –

“भारत की असली ताकत उसकी विविधता में छिपी एकता है। इस भावना को पीढ़ी दर पीढ़ी जीवित रखना ही सच्ची देशभक्ति है।”


 यात्रा के दौरान झलकियाँ


 पर्यावरण संदेश भी शामिल

इस यात्रा को केवल एकता से नहीं बल्कि पर्यावरण जागरूकता से भी जोड़ा गया है।


ऐतिहासिक संदर्भ — क्यों खास है 150वीं जयंती?

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था।
उन्होंने स्वतंत्र भारत के 562 रियासतों का एकीकरण कर देश की भौगोलिक और राजनीतिक एकता को सुदृढ़ किया।
उनकी प्रेरणा से ही आज भारत एक संघीय गणराज्य के रूप में खड़ा है।

इस जयंती वर्ष में पूरे देश में “रन फॉर यूनिटी”, “यूनिटी मार्च”, और “एकता प्रतिज्ञा” जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
रायगढ़ की यह पदयात्रा भी उसी श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

भारत के “लौह पुरुष” — Iron Man of India

स्वतंत्रता के बाद भारत में लगभग 565 रियासतें थीं — हर एक अपने-अपने शासक और प्रशासनिक ढांचे के साथ।
सरदार पटेल ने राजनयिक कुशलता, दृढ़ इच्छाशक्ति और समझदारी से इन्हें भारत संघ में मिलाया।
यह कार्य इतना कठिन था कि कई इतिहासकार इसे “भारत के पुनर्जन्म” जैसा मानते हैं।

उनके इसी योगदान के कारण उन्हें “भारत का लौह पुरुष” (Iron Man of India) कहा जाता है।

राष्ट्रीय एकता के प्रतीक

सरदार पटेल ने जो कार्य किया, वह केवल राजनीतिक नहीं था —
यह सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक एकता का भी प्रतीक था।
उन्होंने यह दिखाया कि भारत की विविधता ही उसकी ताकत है, और सबको साथ लेकर चलने में ही देश की असली शक्ति है।


150वीं जयंती का महत्व

150वीं जयंती केवल एक जन्मदिन नहीं है —
यह उनके विचारों, नेतृत्व और योगदान का स्मरण है।
इस अवसर पर देशभर में विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं:

इस जयंती का उद्देश्य युवाओं को यह याद दिलाना है कि —

“एकता ही राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है।”


 नागरिकों की प्रतिक्रिया

रायगढ़ निवासी माधव चौहान (शिक्षक) ने कहा —

“आज के युवाओं को सरदार पटेल के आदर्शों को अपनाना चाहिए। यह मार्च केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की एकता का प्रतीक है।”

महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य रेणु तिवारी ने कहा —

“हम गांव-गांव जाकर महिलाओं को बताएँगे कि एकता से ही समाज मजबूत बनता है।”


एकता के रंग में रंगा रायगढ़

12 नवंबर का दिन रायगढ़ के इतिहास में एक यादगार सामाजिक समरसता का प्रतीक बनकर दर्ज होगा।
इस यात्रा ने यह साबित किया है कि जब समाज, प्रशासन और नागरिक एक साथ चलते हैं, तो
एकता केवल शब्द नहीं, बल्कि आंदोलन बन जाती है।

Next-

रायगढ़ की बेटी सुलक्षणा 5 साल की उम्र में शुरू हुई संगीत की तालीम, बचपन से ही सुरों की दुनिया में चमकी

Exit mobile version