Site icon City Times Raigarh

रायगढ़ में निर्माणाधीन मकान में चोरी चोरों ने ₹40,000 का सामान उड़ाया, पुलिस जांच शुरू

निर्माणाधीन मकान में चोरी चोरों ने ₹40,000 के सामान पर किया हाथ साफ, पुलिस जांच में जुटी

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में चोरी की वारदातों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
ताज़ा मामला शहर के एक निर्माणाधीन मकान से चोरी का है, जहाँ अज्ञात चोरों ने रात के अंधेरे में घुसकर लगभग ₹40,000 के सामान पर हाथ साफ कर दिया।
इस घटना ने एक बार फिर इलाके की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस गश्त पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

निर्माणाधीन मकान में चोरी — चोरों ने ~₹40,000 के सामान ले लिए। Amar Ujala


घटना कहाँ और कब हुई

यह चोरी की वारदात रायगढ़ शहर के कोतरा रोड थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सिविल लाइन इलाके की बताई जा रही है।
यह इलाका शहर का अपेक्षाकृत शांत और व्यवस्थित क्षेत्र माना जाता है, जहाँ कई नए मकान निर्माणाधीन हैं।

घटना रविवार की रात (27 अक्टूबर 2025) की है।
मकान मालिक सुनील अग्रवाल, जो स्थानीय व्यवसायी हैं, अपने परिवार के साथ किराये के मकान में रह रहे थे, जबकि उनका नया घर निर्माणाधीन अवस्था में था।
अगले दिन सुबह जब वे साइट पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि दरवाजे के ताले टूटे हुए हैं और कई जरूरी सामान गायब हैं।


क्या-क्या चोरी हुआ

सुनील अग्रवाल ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि चोर निर्माण सामग्री और बिजली उपकरण लेकर फरार हो गए।
चोरी गए सामान की लिस्ट में शामिल हैं:

कुल मिलाकर चोरी गए सामान की कीमत लगभग ₹40,000 आंकी गई है।


कैसे हुई चोरी  CCTV में दिखी संदिग्ध गतिविधि

मकान के बगल में स्थित एक किराना दुकान के CCTV कैमरे में कुछ संदिग्ध गतिविधि दर्ज हुई है।
रात करीब 2:45 बजे, दो लोग मुंह पर गमछा बाँधे हुए मकान के पास आते दिखे।
वे लगभग 25 मिनट तक अंदर रहे, और फिर एक छोटे ऑटो वाहन में सामान लादकर जाते दिखे।

फुटेज को देखने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों की पहचान के लिए तकनीकी जांच टीम को लगाया है।
फिलहाल आरोपी फरार हैं।


पुलिस की कार्रवाई

मकान मालिक की शिकायत पर कोतरा रोड थाना पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
धाराएँ:

थाना प्रभारी ने बताया कि —

“CCTV फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान की जा रही है। आसपास के क्षेत्रों में रात के दौरान लगे अन्य कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है।”


स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में आक्रोश और असुरक्षा की भावना है।
पास में रह रहे प्रमोद साहू ने कहा —

“यह इलाका पहले बहुत सुरक्षित था, लेकिन अब चोरी की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। पिछले महीने भी एक निर्माणाधीन घर से पाइप और केबल चोरी हुई थी।”

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की रात्रि गश्त बंद हो गई है, और इससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।


निर्माणाधीन मकानों में बढ़ती चोरी

रायगढ़ शहर और उसके आसपास निर्माणाधीन मकानों में चोरी के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
ऐसे घरों में न तो चौकीदार होता है, न ही सुरक्षा कैमरे लगे होते हैं।
चोर आसानी से अंदर घुस जाते हैं और
कीमती औज़ार, बिजली के सामान, लोहे की छड़ें, पेंट, पाइप और सीमेंट चोरी कर लेते हैं।

पिछले तीन महीनों में कोतरा रोड, बरमकेला और ढिमरापाल क्षेत्र से ऐसी 9 वारदातें दर्ज की जा चुकी हैं।


निर्माण स्थलों पर सुरक्षा की कमी

विशेषज्ञों के अनुसार, निर्माणाधीन मकानों में सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता।
कई बार मजदूर दिनभर काम करने के बाद रात में साइट खाली छोड़ देते हैं, जिससे चोरों को मौका मिल जाता है।

कुछ सामान्य कमियाँ जो अक्सर देखी जाती हैं:


पुलिस की अपील

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि जो लोग नए घरों या दुकानों का निर्माण करा रहे हैं, वे इन सावधानियों का पालन करें:

  1. रात में किसी चौकीदार या मजदूर को स्थल पर ठहरने दें।

  2. बिजली उपकरण और कीमती औज़ारों को सुरक्षित जगह रखें।

  3. साइट के चारों ओर अस्थायी बाड़ लगाएँ।

  4. मोशन सेंसर या कैमरा लाइट लगवाएँ।

  5. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

थाना प्रभारी ने यह भी कहा कि —

“रायगढ़ में निर्माणस्थलों पर चोरी रोकने के लिए विशेष गश्त दल बनाया जाएगा, जो रात में निगरानी रखेगा।”


शहर में बढ़ते चोरी के आंकड़े

पिछले छह महीनों में रायगढ़ शहर में 90 से अधिक चोरी की वारदातें दर्ज की गई हैं।
इनमें से लगभग 30% मामले निर्माणाधीन या खाली मकानों से जुड़े हैं।
पुलिस का कहना है कि इनमें से 60% मामलों का खुलासा हो चुका है, जबकि बाकी की जांच जारी है।


स्थानीय लोगों की मांग

इलाके के नागरिकों ने नगर प्रशासन और पुलिस से कुछ ठोस कदम उठाने की माँग की है:


विश्लेषण अपराधियों के लिए आसान निशाना क्यों बनते हैं ऐसे मकान?


मकान मालिक की व्यथा

मकान मालिक सुनील अग्रवाल ने कहा —

“यह घर मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी पूंजी है। चोरी से जो नुकसान हुआ, वह तो भरपाई हो जाएगा,
लेकिन अब असुरक्षा की भावना हमेशा रहेगी। अगर समय पर पुलिस गश्त होती, तो शायद यह नहीं होता।”

उन्होंने यह भी कहा कि वे अब अपने घर में CCTV कैमरा और सुरक्षा गार्ड लगाने की योजना बना रहे हैं।


जनता की जागरूकता ही समाधान

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यदि नागरिक थोड़ी सावधानी और सामूहिक जिम्मेदारी निभाएँ, तो ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है।
कई शहरों में “मोहल्ला प्रहरी योजना” चलाकर स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया गया है।

रायगढ़ में भी यदि समाज इस दिशा में कदम उठाए, तो अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है।


कानूनी पहलू

चोरी और घुसपैठ से जुड़े मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) की प्रमुख धाराएँ लागू होती हैं:

यदि चोरी गए सामान की कीमत ₹50,000 से अधिक हो, तो अदालत में मामला विशेष श्रेणी अपराध (Non-bailable) माना जाता है।

रायगढ़ का यह मामला केवल एक छोटी चोरी नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी का आईना है।
शहर के तेजी से बढ़ते विस्तार के बीच निर्माणाधीन मकान अपराधियों के आसान निशाने बन रहे हैं।

सरकार और नागरिक दोनों को मिलकर ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है।
क्योंकि जब तक “चेतावनी से पहले तैयारी” नहीं होगी, तब तक चोरी जैसी वारदातें हर नई ईंट के साथ दोहराई जाएँगी।

Next –

रायगढ़ में GAIL India Ltd. के जीएम की संदिग्ध मौत थ्री-स्टार होटल से मिला शव, जांच में कई नए खुलासे

Exit mobile version