रायगढ़ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आदिवासी समाज का आंदोलन 15 सूत्रीय मांगों का संघर्ष

रायगढ़, छत्तीसगढ़ – 9 अक्टूबर 2025 को रायगढ़ जिले के छाल क्षेत्र के खेदापाली चैक में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतरकर चक्काजाम किया। सुबह 9 बजे से शुरू हुआ यह आंदोलन दोपहर तक जारी रहा, जिससे मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इस आंदोलन के कारण क्षेत्र में यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई और प्रशासन को स्थिति को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।
सड़क पर चक्काजाम गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आदिवासी समाज की 15 मांगें

रायगढ़ जिले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने 15 मांगों को लेकर सड़क पर चक्काजाम किया। इससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से उनकी मांगों पर ध्यान देने की अपील की। Amar Ujala
आंदोलन की पृष्ठभूमि

इस आंदोलन की पृष्ठभूमि 29 सितंबर 2025 को तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में निहित है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने 8 अक्टूबर तक अपनी 15 सूत्रीय मांगों के समाधान की मांग की थी। मांगों के निवारण में विफलता के कारण 9 अक्टूबर को आंदोलन की चेतावनी दी गई थी, जिसे आज सुबह साकार किया गया।
15 सूत्रीय प्रमुख मांगें
आंदोलनकारियों ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें प्रस्तुत की
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हाथी, जंगली सुअर और बंदरों से फसल नुकसान पर मुआवजा और सरकारी नौकरी।
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यूरिया खाद की काला बाजार रोक कर उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना।
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केसीसी कर्ज में फसल नुकसान होने पर कर्ज माफ करना।
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पीढ़ी-दर-पीढ़ी काबिज कास्तकारों को भू-स्वामी हक।
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विकासखंड में अनुसूचित जाति एवं पेशा कानून का पालन।
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गोदावरी एनर्जी कंपनी से अधिग्रहित भूमि वापस करना।
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बिना सहमति के कोल ब्लॉक प्रस्तावों को निरस्त करना।
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जर्जर सड़कों का निर्माण व डिवाइडर लगाना।
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कोयला परिवहन से जाम लगने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई।
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एसईसीएल के सीएसआर और डीएमएफ मद का उचित उपयोग।
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ठेका श्रमिकों को निर्धारित एचपीसी वेज भुगतान।
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8 घंटे से अधिक श्रमिकों पर कार्य न लेना।
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खदान प्रभावित ग्रामीणों को रोजगार में वरीयता।
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अधिग्रहित भूमि के आश्रित परिवारों को रोजगार शिविर।
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बिना तिरपाल ढके कोयला परिवहन रोकना।
आंदोलन का उद्देश्य और संदेश
यह आंदोलन आदिवासी समुदाय की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने यह स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों का समाधान शीघ्र नहीं किया गया, तो वे आगामी दिनों में और भी सख्त कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। हालांकि, आंदोलनकारियों की संख्या और उनकी दृढ़ता के कारण प्रशासन को भी चुनौती का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने आंदोलनकारियों से बातचीत कर उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया, लेकिन आंदोलनकारियों ने जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का इतिहास और संघर्ष
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) की स्थापना 1991 में हीरा सिंह मरकाम द्वारा की गई थी। यह पार्टी मुख्य रूप से गोंड आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनके सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक उत्थान के लिए कार्यरत है। पार्टी ने हमेशा से आदिवासी समुदाय के मुद्दों को प्राथमिकता दी है और उनके लिए न्याय की मांग की है।
रायगढ़ जिले के छाल क्षेत्र में हुए इस आंदोलन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आदिवासी समुदाय अपनी समस्याओं और अधिकारों के प्रति सजग है और उन्हें हल करने के लिए संघर्षरत है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के नेतृत्व में यह आंदोलन एकजुटता और संघर्ष की मिसाल प्रस्तुत करता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन और सरकार इन मांगों पर कब और कैसे कार्रवाई करती है।
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