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रायगढ़ में अवैध डीज़ल जब्त — प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, कई आरोपी गिरफ्तार

रायगढ़ में अवैध डीज़ल जब्त — 2025 की बड़ी कार्रवाई, प्रशासन ने कसा शिकंजा


प्रशासन की सख्त कार्रवाई से हड़कंप

रायगढ़ जिले में अवैध डीज़ल के कारोबार पर जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर एक बड़ी सफलता हासिल की है।
8 अक्टूबर 2025 की रात, पुलिस ने छापेमारी करते हुए कई टैंकरों से लगभग 12,000 लीटर अवैध डीज़ल जब्त किया।

यह कार्रवाई लंबे समय से चल रही शिकायतों और खुफिया जानकारी के आधार पर की गई।
मामला सामने आते ही जिलेभर में हड़कंप मच गया है क्योंकि यह अवैध कारोबार न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँचा रहा था, बल्कि लोगों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका था।

अवैध डीजल जब्त — कोतवाली पुलिस एवं साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में लाखों लीटर अवैध डीजल जब्त किया गया Public


घटना की पूरी जानकारी

घटना रायगढ़ जिले के खरसिया क्षेत्र की है, जहाँ एक गोदाम में डीज़ल की बड़ी खेप छिपाकर रखी गई थी।
पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग बिना लाइसेंस के डीज़ल की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं और ट्रकों में मिलावट वाला डीज़ल भरकर ऊँचे दामों पर बेच रहे हैं।

सूचना मिलते ही एसडीएम खरसिया श्री मनोज वर्मा, डीएसपी श्रीमती सुनीता ठाकुर, और फ्यूल इंस्पेक्शन टीम ने संयुक्त छापा मारा।
जाँच के दौरान वहाँ से —


अवैध कारोबार कैसे चलता था

पुलिस जांच में पता चला कि यह गैंग औद्योगिक इकाइयों और ट्रक ड्राइवरों को सस्ते दामों पर डीज़ल बेचता था।
वे इसे अन्य जिलों से चोरी या मिलावट कर लाते थे।

कारोबार की प्रक्रिया इस प्रकार थी

  1. बड़े डिपो से चोरी या गलत बिलिंग के जरिए डीज़ल निकाला जाता था।

  2. उसे खाली टैंकरों में भरकर निजी गोदामों में रखा जाता था।

  3. फिर मिलावट कर (कच्चे तेल या केरोसिन से) सस्ते दामों पर ट्रक और फैक्ट्रियों को बेचा जाता था।

  4. इस प्रक्रिया से सरकार को टैक्स का बड़ा नुकसान होता था।


पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई

डीजल जब्ती की इस कार्रवाई में फायर ब्रिगेड, माइनिंग डिपार्टमेंट और जिला आपूर्ति विभाग की टीम भी शामिल थी।
टीम ने सुरक्षा कारणों से पूरे इलाके को घेर लिया और टैंकरों से सैंपल लिए।

जांच टीम के प्रमुख बिंदु

कलेक्टर श्रीमती दीप्ति मिश्रा ने कहा —

“डीजल जैसे ज्वलनशील पदार्थों का अवैध व्यापार किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”


कानूनी धाराएँ और कार्रवाई

मामला Essential Commodities Act, 1955,
और Petroleum Act, 1934 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।

इन धाराओं के तहत —

साथ ही, पुलिस ने आरोपी के बैंक खातों और सम्पत्ति की जाँच शुरू कर दी है।


अवैध डीज़ल व्यापार से होने वाले नुकसान

1️⃣ राजस्व की हानि

सरकार को टैक्स और एक्साइज ड्यूटी के रूप में करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।

2️⃣ वाहनों को नुकसान

मिलावट वाला डीज़ल इंजन को खराब करता है, जिससे ट्रक और बस ऑपरेटरों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

3️⃣ आग और विस्फोट का खतरा

बिना सुरक्षा मानकों के गोदामों में डीज़ल रखना, किसी भी समय बड़ा हादसा करा सकता है।

4️⃣ पर्यावरण प्रदूषण

मिलावट वाले डीज़ल से निकलने वाला धुआँ वातावरण में कार्बन और सल्फर की मात्रा बढ़ा देता है।


औद्योगिक क्षेत्र में भी बढ़ा संदेह

प्रशासन अब औद्योगिक क्षेत्र में डीज़ल सप्लाई चेन की भी जाँच कर रहा है।
शक है कि कुछ फैक्ट्रियाँ अवैध सप्लायरों से डीज़ल खरीद रही थीं ताकि लागत कम हो।

जिला उद्योग विभाग ने सभी फैक्ट्री मालिकों से कहा है कि वे अपने डीज़ल खरीद के बिल और GST रसीदें प्रस्तुत करें।
जो भी बिना वैध दस्तावेज़ के डीज़ल खरीदता पाया जाएगा, उसकी यूनिट सील की जा सकती है।


रायगढ़ में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएँ

यह पहली बार नहीं है जब रायगढ़ में अवैध डीज़ल जब्त हुआ है।
पिछले साल भी 2024 में, सारंगढ़ क्षेत्र में 8,500 लीटर डीज़ल पकड़ा गया था।
तब भी पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया था।

यह लगातार बढ़ती घटनाएँ बताती हैं कि इस तरह का अवैध व्यापार जड़ें जमा चुका है, जिसे उखाड़ फेंकना प्रशासन के लिए चुनौती है।


प्रशासन की नई रणनीति

डीजल माफिया पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने अब नई रणनीति बनाई है —

  1. ड्रोन सर्विलांस: औद्योगिक और ट्रांसपोर्ट क्षेत्रों की निगरानी ड्रोन से की जाएगी।

  2. ई-ट्रैकिंग सिस्टम: डीज़ल टैंकरों की GPS ट्रैकिंग की जाएगी ताकि रूट बदलने पर तुरंत अलर्ट मिले।

  3. हॉटलाइन नंबर: नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की जाएगी जहाँ वे गुमनाम रूप से शिकायत कर सकेंगे।

  4. मीडिया जागरूकता अभियान: लोगों को बताया जाएगा कि अवैध डीज़ल खरीदना भी अपराध है।


स्थानीय नागरिकों और ट्रक ड्राइवरों की प्रतिक्रिया

जनता में राहत की भावना है कि आखिरकार प्रशासन ने इस खतरनाक कारोबार पर नकेल कस दी है।


जांच के बाद की स्थिति

वर्तमान में जब्त डीज़ल को सुरक्षित स्थान पर सील कर दिया गया है।
पेट्रोलियम विभाग इसकी गुणवत्ता की जांच कर रहा है।
रिपोर्ट आने के बाद इसे नष्ट किया जाएगा ताकि इसका पुनः उपयोग न हो सके।

साथ ही पुलिस ने 8 संदिग्ध ट्रकों की भी जांच शुरू की है जो पिछले 15 दिनों में इस इलाके से गुजरे थे।


राज्य स्तर पर प्रभाव

इस कार्रवाई के बाद अब राज्य के अन्य जिलों — कोरबा, बिलासपुर, और जांजगीर में भी इसी तरह की जांच शुरू कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को आदेश दिया है कि अवैध ईंधन कारोबार पर विशेष अभियान चलाएँ।

राज्य सरकार का मानना है कि —

“ईंधन में पारदर्शिता लाने से न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी।”


प्रशासन की अपील

कलेक्टर और एसपी ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को भी अवैध डीज़ल या पेट्रोल भंडारण की जानकारी हो,
तो तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करें।

उन्होंने कहा —

“सुरक्षित रायगढ़ बनाने में जनता की भूमिका सबसे अहम है।”


 अवैध डीज़ल कारोबार पर करारी चोट

रायगढ़ प्रशासन की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि
अब अवैध कारोबारियों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।

डीजल जैसे खतरनाक और महत्त्वपूर्ण ईंधन का अवैध व्यापार न केवल अपराध है,
बल्कि यह आम लोगों की सुरक्षा, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था तीनों के लिए खतरा है।

इस अभियान ने न केवल एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त किया है,
बल्कि यह भी संदेश दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं।

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