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“रायगढ़ जिलाधिकारी द्वारा भूमि अधिग्रहण नोटिस – पूरी जानकारी और 1 प्रक्रिया”

रायगढ़ जिलाधिकारी / राजस्व विभाग द्वारा अधिग्रहण का नोटिस – पूरी जानकारी

छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला औद्योगिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध क्षेत्र है। यहां कोयला, स्टील, पावर और अन्य उद्योगों की वजह से लगातार विकास कार्य और अधोसंरचना परियोजनाएँ चल रही हैं। लेकिन विकास की इन योजनाओं में अक्सर भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आता है। हाल ही में रायगढ़ जिलाधिकारी और राजस्व विभाग द्वारा अधिग्रहण का एक नया नोटिस जारी किया गया, जिसने स्थानीय लोगों और किसानों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।


नोटिस की पृष्ठभूमि

रायगढ़ जिला प्रशासन ने हाल ही में अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि पंजिपथरा सहित आसपास के कुछ गांवों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह अधिग्रहण मुख्य रूप से उद्योगों, सड़क निर्माण और सार्वजनिक हित की परियोजनाओं के लिए किया जाना प्रस्तावित है।


अधिग्रहण की कानूनी प्रक्रिया

भूमि अधिग्रहण का पूरा प्रावधान भारत सरकार के कानूनों में है।

  1. प्रारंभिक अधिसूचना (Preliminary Notification) – जमीन किस उद्देश्य से ली जाएगी, यह घोषित किया जाता है।

  2. आपत्ति दर्ज करने का अधिकार – भूमिधारक 60 दिन के भीतर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।

  3. सामाजिक प्रभाव आकलन (SIA) – अधिग्रहण से समाज और पर्यावरण पर क्या असर होगा, इसका अध्ययन होता है।

  4. अंतिम अधिसूचना और मुआवजा निर्धारण – प्रभावित किसानों को जमीन की मार्केट वैल्यू + सॉलैटियम + पुनर्वास पैकेज दिया जाता है।

  5. कब्ज़ा और पुनर्वास – अधिग्रहण के बाद विस्थापित परिवारों का पुनर्वास किया जाता है।

प्रभावित क्षेत्र

अधिग्रहण के तहत आने वाला क्षेत्र आम तौर पर वह भूमि होती है जिसे सार्वजनिक उपयोग या विकास परियोजना के लिए चिन्हित किया गया है।


प्रभावित लोग

भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोग आम तौर पर भूमि मालिक और उनके परिवार होते हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. स्थानीय किसान और भूमिपालक – जिनकी खेती या कृषि पर निर्भर आमदनी प्रभावित होती है।

  2. आवासीय भूखंड के मालिक – जिनका घर या बस्ती अधिग्रहण के तहत आती है।

  3. व्यवसायी और दुकानदार – जिनका व्यापार भूमि या आस-पास के क्षेत्र में आधारित होता है।

  4. स्थानीय समुदाय और मजदूर – जिन्हें परियोजना निर्माण के कारण अस्थायी या स्थायी रूप से स्थानांतरित होना पड़ सकता है।

प्रभाव के प्रकार

नुकसान की भरपाई

नोटिस के अनुसार, अधिग्रहण की प्रक्रिया मुख्य रूप से उन गांवों में होगी जहां:

सबसे ज्यादा प्रभावित वे किसान होंगे जिनकी कृषि भूमि इस प्रक्रिया में आएगी। कई परिवार अपनी पैतृक जमीन और आजीविका खोने की आशंका से चिंतित हैं।


किसानों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया


प्रशासन की भूमिका

जिलाधिकारी और राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि


सामाजिक और आर्थिक असर

  1. सकारात्मक असर

    • अधोसंरचना और उद्योग बढ़ने से क्षेत्र का विकास होगा।

    • स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।

    • सड़क, रेल और बिजली जैसी सुविधाएँ बेहतर होंगी।

  2. नकारात्मक असर

    • किसानों की जमीन और आजीविका पर संकट।

    • विस्थापन से सामाजिक ताना-बाना प्रभावित होगा।

    • यदि पुनर्वास सही ढंग से न हुआ तो लोग गरीबी और बेरोजगारी की चपेट में आ सकते हैं।


विशेषज्ञों की राय


भविष्य की चुनौतियाँ

इन सवालों के जवाब आने वाला समय ही देगा।

रायगढ़ जिलाधिकारी और राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिग्रहण का यह नोटिस विकास और जनहित की योजनाओं की दिशा में एक बड़ा कदम है। लेकिन यह तभी सफल माना जाएगा जब प्रभावित लोगों के हितों की पूरी तरह रक्षा की जाएगी।

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