बेमेतरा सड़क हादसा 2025 एक दर्दनाक रविवार की सुबह

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में रविवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। एक तेज़ रफ़्तार कार ने नियंत्रण खो दिया और सड़कों पर चलते कई लोगों एवं वाहनों को टक्कर मार दी।
हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह घटना बेमेतरा शहर के मुख्य बस स्टैंड के पास हुई, जहाँ सुबह का बाजार लगा हुआ था।

दुर्घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जबकि चालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
बेमेतरा जिले में एक तेज़ रफ़्तार कार ने कई वाहन तथा लोगों को टक्कर मारी, 1 की मौत और कई घायल। Public Tv English
घटना का पूरा विवरण
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा सुबह लगभग 9:30 बजे हुआ जब एक सफेद रंग की SUV (कार) बेमेतरा-राजनांदगांव मुख्य मार्ग पर तेज़ रफ़्तार से आ रही थी।
अचानक उसने संतुलन खो दिया और पहले सड़क किनारे खड़ी एक बाइक को टक्कर मारी। इसके बाद कार ने एक ठेला, दो ऑटो और चार राहगीरों को रौंद डाला।
घटनास्थल पर मौजूद एक दुकानदार ने बताया —
“कार की स्पीड बहुत ज़्यादा थी, शायद 100 के पार। पहले उसने बाइक को टक्कर मारी, फिर सीधे फुटपाथ पर चढ़ गई। लोग भागने लगे, लेकिन तब तक कई लोग घायल हो चुके थे।”
मृतक और घायलों की जानकारी
हादसे में मरने वाले की पहचान शंकर साहू (उम्र 38 वर्ष) के रूप में हुई है, जो बेमेतरा के ही निवासी थे।
वे सब्ज़ी खरीदने बाज़ार आए थे। टक्कर लगने से वे कई मीटर दूर जा गिरे और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
घायलों में शामिल हैं –
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रमेश निषाद (45) – ठेला चालक, पैर में गंभीर चोटें।
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सोनू वर्मा (28) – बाइक सवार, सिर और हाथ में फ्रैक्चर।
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सीमा यादव (32) – राहगीर, मामूली चोटें।
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राजेश कुमार (40) – ऑटो चालक, कमर में चोट।
सभी घायलों को बेमेतरा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ दो की स्थिति अभी भी गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही बेमेतरा पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस ने कार और चालक को कब्जे में लिया। चालक की पहचान अमित तिवारी (उम्र 26 वर्ष, निवासी रायपुर) के रूप में हुई है।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि चालक ने शराब पी रखी थी, जिससे उसने गाड़ी पर नियंत्रण खो दिया।
बेमेतरा थाना प्रभारी ने बताया –
“कार चालक के खिलाफ धारा 304-A (लापरवाही से मृत्यु), 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। रक्त जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
घटनास्थल पर मचा हाहाकार
हादसे के बाद सड़क पर अफरा-तफरी मच गई।
लोग गुस्से में कार चालक को पीटने लगे, लेकिन पुलिस ने भीड़ को काबू में किया।
घटना के बाद सड़क पर लगभग दो घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही।
कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी और बाइक व ठेले के परखच्चे उड़ गए।
मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस टीम ने घायलों को स्ट्रेचर पर रखकर अस्पताल पहुंचाया।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
स्थानीय नागरिकों में इस हादसे को लेकर गहरा आक्रोश है।
लोगों का कहना है कि शहर में लगातार बढ़ती तेज़ रफ़्तार गाड़ियाँ और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही ऐसे हादसों की वजह बन रही है।
व्यापार मंडल अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने कहा –
“यह सड़क बहुत व्यस्त है, लेकिन यहाँ कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है। पुलिस हर दिन वाहनों से चालान वसूलती है लेकिन नशे में ड्राइविंग पर रोक नहीं लगती। आज एक निर्दोष की जान चली गई।”
लोगों ने कड़ी कार्रवाई और ट्रैफिक सुधार की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया।
अस्पताल में इलाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घायलों को बेमेतरा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने बताया कि दो घायलों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें रायपुर रेफर किया गया है।
अस्पताल प्रशासन ने ब्लड बैंक को अलर्ट कर दिया है और घायलों के परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है।
जिला कलेक्टर ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा –
“यह बेहद दुखद घटना है। दोषी को सख्त सजा दी जाएगी। शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नए उपाय किए जा रहे हैं।”
कानूनी कार्रवाई और जांच
पुलिस ने वाहन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है ताकि यह पता चल सके कि दुर्घटना के वक्त वाहन की गति कितनी थी।
शराब सेवन की पुष्टि होने पर चालक के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या (Section 304 Part-II IPC) का मामला दर्ज किया जा सकता है।
साथ ही, जांच के आदेश दिए गए हैं कि
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क्या चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस था?
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क्या वाहन मालिक ने वाहन किसी कार्यक्रम या यात्रा के लिए किराए पर दिया था?
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क्या सड़क सुरक्षा संकेत पर्याप्त थे या नहीं?
सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
यह हादसा फिर एक बार सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।
बेमेतरा, दुर्ग और रायपुर मार्गों पर हाल के दिनों में कई तेज़ रफ़्तार दुर्घटनाएँ सामने आई हैं।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार –
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शहर के व्यस्त इलाकों में स्पीड लिमिट 40 किमी/घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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हर 500 मीटर पर स्पीड ब्रेकर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।
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स्कूल, बाजार और बस स्टैंड के आसपास नशे में ड्राइविंग की जांच नियमित होनी चाहिए।
शोक और श्रद्धांजलि
स्थानीय लोगों ने शाम को मोमबत्ती जलाकर मृतक शंकर साहू को श्रद्धांजलि दी।
बाजार क्षेत्र की दुकानों को एक घंटे के लिए बंद रखा गया।
लोगों ने मांग की कि सरकार मृतक के परिवार को मुआवजा दे और सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता बनाए।
प्रत्यक्षदर्शियों की आँखों देखी
एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया –
“हम सब सड़क किनारे सब्जी खरीद रहे थे। अचानक आवाज आई और लोग उड़ते हुए दिखे। मैंने कभी इतना भयावह दृश्य नहीं देखा था।”
एक और युवक ने कहा –
“अगर कुछ मिनट पहले पुलिस पेट्रोलिंग गाड़ी गुजरती तो शायद हादसा रुक सकता था। यहाँ रोज़ ही गाड़ियाँ तेज़ चलती हैं।”
प्रशासनिक सुधार की ज़रूरत
इस घटना के बाद प्रशासन ने कुछ अहम निर्णय लिए हैं:
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शहर में नए स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे।
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शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया जाएगा।
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बस स्टैंड और मुख्य बाजार क्षेत्र में पैदल यात्रियों के लिए अलग लेन बनाई जाएगी।
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ट्रैफिक पुलिस को अतिरिक्त CCTV निगरानी उपकरण दिए जाएंगे।
सामाजिक प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस हादसे पर गहरा दुख और आक्रोश जताया है।
#BemetaraAccident और #JusticeForShankar ट्रेंड कर रहे हैं।
कई लोगों ने लिखा —
“एक पल की लापरवाही ने एक परिवार को उजाड़ दिया।”
“तेज़ रफ़्तार सिर्फ वाहन नहीं, इंसानियत भी खत्म कर रही है।”
आंकड़ों में सड़क हादसे
छत्तीसगढ़ में सड़क हादसों की स्थिति चिंताजनक है।
राज्य परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार:
| वर्ष | सड़क दुर्घटनाएँ | मृतक | घायल |
|---|---|---|---|
| 2023 | 11,800 | 4,512 | 8,760 |
| 2024 | 12,400 | 4,875 | 9,100 |
| 2025 (जनवरी–सितंबर) | 9,600 | 3,900 | 7,200 |
इनमें से लगभग 20% हादसे नशे में ड्राइविंग और तेज़ रफ़्तार के कारण होते हैं।
विशेषज्ञों की राय
रायपुर के यातायात विशेषज्ञ डॉ. अजय मिश्रा का कहना है —
“सड़क सुरक्षा के लिए सिर्फ कानून काफी नहीं है। लोगों में ट्रैफिक अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना जरूरी है। हेलमेट, सीट बेल्ट और स्पीड लिमिट का पालन जीवन बचा सकता है।”
बेमेतरा की यह दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही और समाज की असावधानी का परिणाम है।
एक निर्दोष व्यक्ति की जान चली गई और कई परिवारों पर संकट टूट पड़ा।
अब वक्त है कि —
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प्रशासन सुरक्षा पर सख्त कदम उठाए,
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लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करें,
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और नशे में ड्राइविंग को अपराध समझा जाए, न कि गलती।
क्योंकि हर सड़क हादसा सिर्फ खबर नहीं किसी का जीवन, किसी का परिवार और किसी की दुनिया उजाड़ देता है।
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