पटाखा दुकानों को एडवाइजरी 2025 रायगढ़ प्रशासन ने जारी किए नए निर्देश,

त्योहारों से पहले सुरक्षा का संदेश

दीपावली नज़दीक आते ही हर साल की तरह इस बार भी रायगढ़ जिला प्रशासन ने पटाखा दुकानों को एडवाइजरी जारी की है।
इसका उद्देश्य है — जन सुरक्षा, आग से बचाव, और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करना।
हर साल पटाखों की बिक्री के दौरान आगजनी, प्रदूषण और दुर्घटनाओं की घटनाएँ सामने आती हैं।
इन्हीं को रोकने के लिए प्रशासन ने इस बार सख्त और स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं, ताकि व्यापारी और आम जनता दोनों सुरक्षित रहें।
पटाखा दुकानों को एडवाइजरी — बांस-कपड़े की दुकानों की जगह टिन शेड उपयोग करने की सलाह, बिजली लाइन आदि खतरों को देखते हुए निर्देश जारी Dainik Bhaskar+1
एडवाइजरी जारी करने का कारण
रायगढ़ सहित छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पिछले कुछ वर्षों में दीपावली सीजन में आग लगने की घटनाएँ बढ़ी हैं।
विशेषकर बिना अनुमति के पटाखे बेचना और खुले में स्टोर करना बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनता है।
इन्हीं घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने 8 अक्टूबर 2025 को सभी पटाखा विक्रेताओं, थोक और फुटकर दुकानदारों के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है।

इस एडवाइजरी पर जिला कलेक्टर श्रीमती दीप्ति मिश्रा और एसडीएम (रायगढ़) के हस्ताक्षर हैं।
एडवाइजरी के मुख्य बिंदु
1️⃣ अनिवार्य लाइसेंस और अनुमति
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सभी पटाखा विक्रेताओं को विस्फोटक अधिनियम 1884 और Explosives Rules 2008 के तहत अनुमति लेना जरूरी है।
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बिना लाइसेंस दुकान चलाने वालों पर ₹25,000 तक का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
2️⃣ दुकान का स्थान और दूरी नियम
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पटाखा दुकान स्कूल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, धार्मिक स्थल और भीड़भाड़ वाले स्थानों से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर होनी चाहिए।
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किसी भी आवासीय परिसर में पटाखों का भंडारण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
3️⃣ अस्थायी दुकानों की संरचना
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अस्थायी दुकानें केवल फाइबर, लोहे या टीन की शीट से बनाई जाएँगी।
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किसी भी दुकान में लकड़ी, बांस या प्लास्टिक का उपयोग नहीं होगा।
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दुकान के आगे और पीछे 4 फीट का खाली एरिया रखना अनिवार्य है।
4️⃣ अग्नि सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्यता
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हर दुकान में रेत की बाल्टी, पानी की बाल्टी और अग्निशामक यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) रखना अनिवार्य है।
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दुकानदारों को यह भी सिखाया गया कि आग लगने पर प्राथमिक कार्रवाई कैसे की जाए।
5️⃣ स्टॉक सीमा
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थोक विक्रेता केवल निर्धारित मात्रा में ही पटाखे स्टोर कर सकते हैं।
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फुटकर दुकानों में 50 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक सामग्री नहीं रखी जा सकेगी।
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इससे अधिक मात्रा रखने वालों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
6️⃣ इलेक्ट्रॉनिक और ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण
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हाई-डेसिबल साउंड वाले पटाखों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है।
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केवल पर्यावरण-अनुकूल ग्रीन पटाखों (Green Crackers) की ही बिक्री की अनुमति होगी।
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दुकानदारों को QR कोड आधारित लेबल वाले ही पटाखे बेचने होंगे।
7️⃣ बिक्री समय सीमा
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दीपावली से 10 दिन पहले से लेकर दीपावली के अगले दिन तक ही बिक्री की अनुमति है।
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रात 10 बजे के बाद पटाखों की बिक्री या फोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
8️⃣ फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम की निगरानी
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नगर निगम और पुलिस प्रशासन द्वारा विशेष गश्त दल बनाए गए हैं।
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ये दल प्रतिदिन बाजार क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगे।
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नियम तोड़ने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
9️⃣ बाल श्रम पर सख्त रोक
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किसी भी दुकान में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे काम नहीं कर सकेंगे।
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ऐसा पाए जाने पर दुकान सील कर दी जाएगी और दुकानदार पर मुकदमा चलेगा।
🔟 प्रशिक्षण और जागरूकता
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जिला प्रशासन ने पटाखा व्यापारियों के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है।
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इसमें उन्हें आग से निपटने और प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी।
रायगढ़ में सुरक्षा तैयारी
रायगढ़ नगर निगम और पुलिस विभाग ने दीपावली सीजन में सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की है।
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फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियाँ लगातार पेट्रोलिंग पर रहेंगी।
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मुख्य पटाखा बाजारों में सीसीटीवी कैमरे और फायर अलार्म सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
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मेडिकल इमरजेंसी के लिए जिला अस्पताल में विशेष वार्ड तैयार रखा गया है।
इसके अलावा, कलेक्टर और एसपी की संयुक्त टीम दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण भी करेगी।
पर्यावरण-अनुकूल ‘ग्रीन पटाखे’ पर जोर
इस वर्ष प्रशासन ने ग्रीन पटाखों के प्रयोग को प्राथमिकता दी है।
ग्रीन पटाखों से निकलने वाला धुआँ और शोर पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30% कम होता है।
इन्हें CSIR-NEERI (नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट) द्वारा प्रमाणित किया जाता है।
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि –
“दीपावली खुशियों की हो, प्रदूषण की नहीं। अपने बच्चों को ग्रीन पटाखों से ही खेलने की प्रेरणा दें।”
दुकानदारों और जनता की प्रतिक्रिया
रायगढ़ के प्रमुख पटाखा विक्रेता श्री राकेश अग्रवाल ने कहा —
“हम प्रशासन के नियमों का पालन करेंगे। ग्रीन पटाखों की मांग भी बढ़ी है। जनता अब अधिक जिम्मेदार बन रही है।”
वहीं नागरिकों ने कहा कि यह कदम स्वागत योग्य है, क्योंकि इससे दुर्घटनाओं और प्रदूषण दोनों पर रोक लगेगी।
शहर की ग्रीन वॉरियर्स संस्था ने भी “No Noise Diwali” अभियान शुरू किया है, जिसमें बच्चे बैनर लेकर जागरूकता फैला रहे हैं।
नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई
एडवाइजरी में साफ कहा गया है कि यदि कोई दुकान बिना लाइसेंस चलती पाई गई या
अवैध पटाखों का भंडारण किया गया, तो उसके खिलाफ Explosives Act, 1884 की धारा 9B के तहत कड़ी सज़ा होगी।
इसके तहत —
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दुकान सील की जाएगी
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₹50,000 तक जुर्माना लगाया जाएगा
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3 साल तक की जेल भी हो सकती है
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि ऐसे दुकानदारों की जानकारी तुरंत टोल-फ्री नंबर 112 या थाना प्रभारी कार्यालय में दें।
आम जनता के लिए निर्देश
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बच्चों को पटाखे अकेले न फोड़ने दें।
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खुले मैदान या छत पर पटाखे न जलाएँ।
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पास में हमेशा पानी या रेत रखें।
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पुराने या नमी लगे पटाखों का इस्तेमाल न करें।
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प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों से दूरी बनाए रखें।
एडवाइजरी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस एडवाइजरी का असर केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं रहेगा —
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छोटे व्यापारियों में सुरक्षा जागरूकता बढ़ेगी।
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ग्रीन पटाखों की बिक्री से पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी।
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और सबसे अहम — दीपावली जैसे त्योहारों की सुरक्षित और स्वच्छ छवि बनेगी।
भविष्य की दिशा
प्रशासन ने संकेत दिया है कि आने वाले वर्षों में
ऑनलाइन लाइसेंस सिस्टम, डिजिटल स्टॉक मॉनिटरिंग, और AI-आधारित फायर अलर्ट सिस्टम लागू किए जाएंगे।
इससे दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आएगी और व्यापार पारदर्शी होगा।
सुरक्षा और सजगता से ही खुशियों का त्योहार
पटाखा दुकानों को जारी एडवाइजरी 2025 केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं,
बल्कि जनता की सुरक्षा, बच्चों के भविष्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए एक सामूहिक जिम्मेदारी है।
दीपावली का असली मतलब रोशनी फैलाना है —
धुएँ और हादसों से नहीं, बल्कि समझदारी और सजगता से।
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