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छत्तीसगढ़ सरकार ने 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए ₹78.15 करोड़ की मंजूरी दी |

छत्तीसगढ़ सरकार ने 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए ₹78.15 करोड़ की मंजूरी दी  स्वास्थ्य शिक्षा में बड़ा कदम


छत्तीसगढ़ राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। हाल ही में सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए ₹78.15 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। यह कदम प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा के विस्तार और स्वास्थ्य क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इस घोषणा के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों, विद्यार्थियों और सामाजिक संगठनों ने इसे एक “स्वास्थ्य-शिक्षा क्रांति की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय” बताया है।

राज्य सरकार ने नौ नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन बनाने के लिए ₹78.15 करोड़ की मंजूरी दी। The Times of India


निर्माण की मंजूरी  कहाँ बनेंगे ये नर्सिंग कॉलेज

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिन 9 जिलों में नर्सिंग कॉलेजों के भवन बनाए जाएंगे, वे हैं —

  1. रायपुर

  2. बिलासपुर

  3. दुर्ग

  4. राजनांदगांव

  5. बस्तर

  6. कांकेर

  7. कोरबा

  8. जांजगीर-चांपा

  9. सरगुजा

इन जिलों में पहले से नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं, लेकिन कई स्थानों पर कॉलेज अस्थायी भवनों में चल रहे थे। नए भवनों के निर्माण के बाद विद्यार्थियों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त शिक्षा परिसर उपलब्ध कराया जाएगा।


₹78.15 करोड़ की स्वीकृति  निवेश का ब्योरा

सरकार ने कुल ₹78.15 करोड़ की राशि मंजूर की है। प्रत्येक कॉलेज के लिए औसतन ₹8–9 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस राशि का उपयोग निम्न कार्यों में किया जाएगा —

विभागीय सूत्रों के अनुसार, निर्माण कार्य की निगरानी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन (CGMSC) द्वारा की जाएगी, ताकि पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।


नर्सिंग शिक्षा को नई दिशा

नए नर्सिंग कॉलेजों के निर्माण से राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग शिक्षा अपने ही जिले में प्राप्त होगी। पहले कई छात्रों को नर्सिंग की पढ़ाई के लिए बड़े शहरों या दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ जाता था।

राज्य सरकार का यह कदम ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होगा।
अब स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण मिलने से स्वास्थ्य सेवाओं में स्थानीय प्रतिभाओं की भागीदारी बढ़ेगी।


स्वास्थ्य मंत्री का बयान

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा —

“हमारा उद्देश्य है कि राज्य के हर कोने में योग्य नर्स और स्वास्थ्यकर्मी तैयार हों। इन 9 नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण से न केवल शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार आने वाले वर्षों में हर जिले में नर्सिंग या पैरामेडिकल संस्थान स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है।


स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव

राज्य के विभिन्न अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नर्सों की कमी लंबे समय से एक चुनौती रही है।
नए कॉलेजों से प्रशिक्षित नर्सें राज्य के अस्पतालों में कार्यरत होंगी, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ सुदृढ़ होंगी।


ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों को विशेष लाभ

छत्तीसगढ़ का एक बड़ा हिस्सा आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में फैला है, जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएँ सीमित हैं।
नए नर्सिंग कॉलेजों से निकलने वाले विद्यार्थी इन इलाकों में कार्य करेंगे, जिससे वहां की स्वास्थ्य स्थिति में बड़ा सुधार होगा।

इसके अलावा, बस्तर, कांकेर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा का विस्तार होगा, जिससे आदिवासी समुदाय को गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सकेगा।


भवन निर्माण की रूपरेखा और डिज़ाइन

स्वीकृत योजना के अनुसार, प्रत्येक नर्सिंग कॉलेज का भवन लगभग 20,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में बनाया जाएगा।
भवन में शामिल होंगे —

भवनों के डिज़ाइन में ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट अपनाया जाएगा, ताकि ऊर्जा की बचत और पर्यावरण-संरक्षण सुनिश्चित हो।


छात्रों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया

राज्यभर के छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया है। रायपुर की नर्सिंग छात्रा रश्मि ठाकुर ने कहा —

“अब हम अपने ही जिले में आधुनिक सुविधाओं के साथ पढ़ाई कर पाएंगे। यह निर्णय हमारी पीढ़ी के लिए बहुत बड़ा अवसर है।”

वहीं, नर्सिंग टीचर सावित्री तिर्की ने कहा —

“सरकार का यह कदम न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी सकारात्मक है। इससे नर्सिंग प्रोफेशन का सम्मान और बढ़ेगा।”


मीडिया और विशेषज्ञों की राय

मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से राज्य की स्वास्थ्य-शिक्षा प्रणाली में लंबी अवधि के सुधार होंगे।
स्वास्थ्य अर्थशास्त्री डॉ. अरुण मिश्रा ने कहा —

“छत्तीसगढ़ की आबादी का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है। नर्सिंग कॉलेजों की वृद्धि वहां स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाएगी।”

मीडिया रिपोर्ट्स में इस निर्णय को “नया स्वास्थ्य विजन 2025” कहा जा रहा है, क्योंकि यह आने वाले वर्षों में चिकित्सा शिक्षा के परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकता है।


रोजगार और महिला सशक्तिकरण

नर्सिंग प्रोफेशन में अधिकतर महिलाएँ कार्यरत होती हैं।
इस निर्णय से महिलाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
हर कॉलेज से लगभग 100-150 छात्राएँ हर साल प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी, जिससे राज्य में नर्सों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

इससे छत्तीसगढ़ न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण का उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा।


भविष्य की योजनाएँ और दृष्टिकोण

राज्य सरकार की योजना है कि अगले दो वर्षों में इन कॉलेजों का निर्माण पूरा किया जाए और सत्र 2027 से इनका संचालन शुरू हो सके।
साथ ही सरकार ने संकेत दिया है कि आगे चलकर नर्सिंग और पैरामेडिकल विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा —

“हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य शिक्षा का केंद्र बनाया जाए। आने वाले समय में हर जिले में स्वास्थ्य संस्थान विकसित किए जाएंगे।”


 स्वास्थ्य शिक्षा में नई उम्मीद

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 9 नए नर्सिंग कॉलेजों के भवन निर्माण हेतु ₹78.15 करोड़ की मंजूरी देना सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम है।

यह पहल राज्य के युवाओं को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देगी, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में भी मील का पत्थर साबित होगी।
आने वाले वर्षों में जब इन कॉलेजों से प्रशिक्षित नर्सें अस्पतालों में सेवा देंगी, तब यह निवेश अपने असली अर्थों में जनसेवा में परिवर्तित होगा।

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