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छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला दिवाली से पहले एडवांस वेतन 2025


छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले एडवांस वेतन  सरकार की सौगात से खुशियाँ दोगुनी

त्योहारों का मौसम आते ही हर घर में उत्साह का माहौल बन जाता है। दीपों का पर्व दिवाली अपने साथ रोशनी, समृद्धि और नई शुरुआत की उम्मीद लेकर आता है। इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले एडवांस वेतन देने की घोषणा की है। इस कदम ने लाखों कर्मचारियों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है।

सरकारी कर्मचारियों को दिवाली से पहले एडवांस वेतन
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस महीने (अक्टूबर) का वेतन 17 और 18 अक्टूबर को अग्रिम रूप से जारी किया जाए, ताकि कर्मचारी त्योहार को बेहतर तरीके से मना सकें। Amar Ujala


 सरकार का फैसला त्योहार से पहले खुशियों की सौगात

छत्तीसगढ़ शासन ने वित्त विभाग के प्रस्ताव पर सहमति देते हुए आदेश जारी किया कि अक्टूबर 2025 का वेतन 17 और 18 अक्टूबर तक अग्रिम रूप से कर्मचारियों के खातों में जमा कर दिया जाए
आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों का वेतन महीने के अंत में यानी 30 या 31 तारीख को जारी होता है, लेकिन दिवाली जैसे बड़े त्योहार को देखते हुए सरकार ने इस बार विशेष पहल की है।

आदेश का उद्देश्य

इस आदेश के पीछे दो मुख्य उद्देश्य बताए गए हैं

  1. त्योहारों में आर्थिक सहजता देना, ताकि कर्मचारी अपने परिवार के साथ बिना आर्थिक दबाव के त्योहार मना सकें।

  2. राज्य की अर्थव्यवस्था में उपभोग बढ़ाना, जिससे स्थानीय बाजारों में रौनक लौटे और व्यापार को बढ़ावा मिले।


 कितने कर्मचारियों को होगा लाभ

छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर लगभग 3.8 लाख सरकारी कर्मचारी और लगभग 2.5 लाख पेंशनभोगी हैं। इस घोषणा का सीधा लाभ लगभग 6 लाख से अधिक परिवारों को मिलेगा।
राज्य सरकार के अनुसार, वेतन अग्रिम रूप से देने से लगभग ₹1,800 करोड़ का भुगतान पहले ही किया जाएगा, जिससे राज्य के आंतरिक उपभोग में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।


 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा —

“हमारे सरकारी कर्मचारी राज्य की रीढ़ हैं। उनकी मेहनत से ही विकास के कार्य धरातल पर उतरते हैं। दिवाली खुशियों का त्योहार है, इसलिए हमने यह निर्णय लिया कि हमारे साथी त्योहार को आर्थिक चिंता से मुक्त होकर मना सकें।”

उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला राज्य के हर स्तर के कर्मचारी पर लागू होगा — चाहे वह सचिवालय में कार्यरत हो, किसी पंचायत में, या शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस विभाग में।


 कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

सरकार के इस कदम का स्वागत राज्यभर के कर्मचारी संगठनों ने किया है।


 बाजारों में लौटी रौनक

एडवांस वेतन की घोषणा के बाद रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, कोरबा, और जगदलपुर जैसे प्रमुख शहरों के बाजारों में अचानक खरीदारी बढ़ गई है।

रायगढ़ बाजार में स्थिति

रायगढ़ के गांधी प्रतिमा चौक, सुभाष चौक और स्टेशन रोड क्षेत्र में भी दिवाली की चहल-पहल बढ़ गई है। दुकानदारों का कहना है कि कर्मचारियों को एडवांस वेतन मिलने के बाद खरीदारी का माहौल बना है — विशेषकर मिठाई, कपड़े, सजावट सामग्री और लाइटिंग की बिक्री में उछाल देखने को मिला है।


 आर्थिक दृष्टिकोण से फायदा

वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की घोषणाएँ केवल कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभदायक होती हैं।

छत्तीसगढ़ जैसे विकासशील राज्य में यह नीति अल्पकालिक रूप से “मांग-वृद्धि” (Demand Boost) पैदा करेगी।


 पिछली सरकारों की तुलना

इससे पहले भी कुछ राज्यों ने त्योहारों से पहले एडवांस वेतन देने की परंपरा अपनाई थी, जैसे कि:

यह नीति अब भविष्य में वार्षिक परंपरा के रूप में भी जारी रह सकती है, क्योंकि इससे कर्मचारियों में सकारात्मक ऊर्जा और प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ता है।


 सामाजिक प्रभाव

दिवाली भारत में केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से एकता और आनंद का पर्व भी है।
जब कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलता है, तो वे:

इस तरह सरकार का यह कदम सामाजिक सामंजस्य बढ़ाने में भी भूमिका निभाता है।


 विपक्ष और आलोचना

कुछ विपक्षी दलों ने इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह “त्योहार-पूर्व लोकलुभावन कदम” है।
हालांकि, आर्थिक विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि वेतन अग्रिम देने से कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता, क्योंकि यह उसी माह का भुगतान है, केवल समयपूर्व जारी किया गया है।

वित्त विभाग के अनुसार, इससे राज्य की नकदी स्थिति (cash flow) पर सीमित प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि नवंबर माह में राजस्व संग्रह सामान्य रहेगा।


 जनता की नज़र में सरकार की छवि मजबूत

त्योहारों के इस मौसम में सरकार का यह निर्णय जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश लेकर आया है।


 आगे की संभावनाएँ

भविष्य में यदि यह नीति हर बड़े त्योहार पर लागू की जाती है — जैसे होली, दशहरा या ईद, तो यह कर्मचारियों के लिए एक स्थायी प्रोत्साहन बन सकता है।
राज्य की वित्तीय योजना को ध्यान में रखते हुए अगर सरकार इसे संस्थागत रूप देती है, तो यह “फेस्टिव पेमेंट मॉडल” के रूप में पूरे देश में उदाहरण बन सकता है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिवाली से पहले एडवांस वेतन देने का निर्णय न केवल एक प्रशासनिक कदम है, बल्कि यह भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ निर्णय भी है।
इससे लाखों परिवारों में खुशियाँ, राहत और उत्साह का माहौल बना है।

त्योहार की रौनक, बाजारों की चहल-पहल, और कर्मचारियों की संतुष्टि — सभी इस बात का सबूत हैं कि जब सरकार संवेदनशील होकर निर्णय लेती है, तो उसका असर सीधा जनता के दिल तक पहुँचता है।

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