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“छत्तीसगढ़ में 1 नया मुख्य सचिव नियुक्त विकास शील का कार्यभार ग्रहण”

विकास शील बने छत्तीसगढ़ के 13वें मुख्य सचिव प्रशासनिक नेतृत्व में नया अध्याय


रायपुर, 29 सितंबर 2025 – छत्तीसगढ़ सरकार ने वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी विकास शील को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। वह राज्य के 13वें मुख्य सचिव होंगे और 30 सितंबर 2025 को कार्यभार ग्रहण करेंगे। विकास शील की नियुक्ति से राज्य प्रशासन में नई दिशा और ऊर्जा की उम्मीद जताई जा रही है।


 विकास शील एक परिचय

विकास शील का जन्म 10 जून 1969 को उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में प्राप्त की और बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा उत्तीर्ण कर 1994 बैच में शामिल हुए। उनका कैडर मध्य प्रदेश था, जो बाद में छत्तीसगढ़ राज्य का हिस्सा बना। विकास शील ने अपने करियर की शुरुआत छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिलासपुर जिलों में कलेक्टर के रूप में की। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में सचिव के रूप में कार्य किया। 2018 से वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे, जहां उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में मिशन निदेशक के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त, वह एशियाई विकास बैंक (ADB) में कार्यकारी निदेशक के रूप में भी कार्यरत रहे।नई मुख्य सचिव नियुक्ति — छत्तीसगढ़ सरकार ने विकास शील नाम के आईएएस अधिकारी को राज्य का 13वां मुख्य सचिव नियुक्त किया है। The Times of India

विकास शील ने सार्वजनिक प्रशासन और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में अमेरिका की सिराक्यूज़ यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की है, जो उनकी बहुआयामी प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है।


 कार्यभार ग्रहण और प्रशासनिक बदलाव

छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक नेतृत्व के नए दौर की शुरुआत हो चुकी है। राज्य सरकार ने हाल ही में अपने 13वें मुख्य सचिव का कार्यभार ग्रहण कराते हुए प्रशासनिक बदलाव और नई नीतियों के कार्यान्वयन का संकेत दिया है। यह परिवर्तन न केवल पदस्थापना का प्रतीक है, बल्कि राज्य प्रशासन के समग्र विकास में नए अध्याय की शुरुआत भी माना जा रहा है।


1. कार्यभार ग्रहण समारोह

मुख्य सचिव [मुख्य सचिव का नाम डालें] ने [दिनांक] को राज्य सचिवालय में औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, मंत्रिगण और विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। उन्होंने कार्यभार ग्रहण करते समय कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रशासनिक तंत्र को अधिक सशक्त, पारदर्शी और विकासोन्मुख बनाना है।


2. प्रशासनिक बदलाव की दिशा

मुख्य सचिव के कार्यभार ग्रहण के साथ ही राज्य प्रशासन में कई महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद की जा रही है। इनमें शामिल हैं:

  • विभागीय पुनर्गठन: विभिन्न विभागों में दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए नई संरचनाएँ।

  • प्रक्रिया सरलिकरण: सरकारी कामकाज में समय और संसाधनों की बचत हेतु प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण।

  • नवाचार और दक्षता: सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में नवीन तकनीक और बेहतर प्रबंधन।


3. विकासोन्मुखी प्रशासन

मुख्य सचिव के दृष्टिकोण से प्रशासन का लक्ष्य केवल नियमों का पालन नहीं, बल्कि सामाजिक कल्याण और आर्थिक विकास पर केंद्रित है। उनके नेतृत्व में

  • ग्रामीण और शहरी विकास योजनाओं में तेजी आएगी।

  • शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सुधार होगा।

  • जनता तक सरकारी योजनाओं की सरल और पारदर्शी पहुंच सुनिश्चित होगी।


4. भविष्य की प्राथमिकताएँ

मुख्य सचिव ने अपने कार्यकाल के लिए कुछ प्रमुख प्राथमिकताएँ निर्धारित की हैं

  1. डिजिटल और पारदर्शी प्रशासन: सरकारी सेवाओं को जनता के लिए और अधिक सुलभ बनाना।

  2. जनभागीदारी: लोगों की राय और सुझाव नीति निर्माण में शामिल करना।

  3. सतत विकास: पर्यावरण और सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन।

  4. विभागीय समन्वय: राज्य के विभिन्न विभागों में बेहतर तालमेल और दक्षता सुनिश्चित करना।

वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन 30 सितंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। विकास शील उसी दिन शाम को औपचारिक रूप से मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करेंगे। परंपरा के अनुसार, नए मुख्य सचिव के पदभार ग्रहण के दिन किसी तरह की मीटिंग नहीं रखी जाती है। वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और अगले दिन मंत्रालय में अफसरों की परिचयात्मक बैठक आयोजित की जाएगी।

विकास शील की नियुक्ति में चार वरिष्ठ IAS अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए यह जिम्मेदारी प्राप्त की है। इनमें रेणु गोनेला पिल्ले, सुब्रत साहू, अमित अग्रवाल और मनोज कुमार पिंगुआ शामिल हैं। यह नियुक्ति राज्य प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है।


 मुख्य सचिव की भूमिका और महत्व

मुख्य सचिव राज्य सरकार का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है और राज्य के प्रशासनिक कार्यों का समन्वय करता है। वह मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्य करता है और राज्य सरकार की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुख्य सचिव का कार्यकाल सख्ती से परिभाषित नहीं है और यह राज्य के मुख्यमंत्री के विवेक पर निर्भर करता है।


1. मुख्य सचिव का परिचय

मुख्य सचिव राज्य सरकार के सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। वे मुख्यमंत्री और राज्य मंत्रिमंडल को सलाह देने के साथ-साथ विभिन्न विभागों के कामकाज का समन्वय भी करते हैं। उनका कार्यकाल प्रशासनिक निर्णयों, नीति निर्माण और राज्य के विकास की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाता है।


2. प्रशासन में भूमिका

मुख्य सचिव की जिम्मेदारियाँ कई स्तरों पर होती हैं

  • नीति निर्माण और क्रियान्वयन: वे राज्य की नीतियों को तैयार करने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन का निरीक्षण करते हैं।

  • विभागीय समन्वय: राज्य के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल बनाए रखना और उनके प्रदर्शन की समीक्षा करना।

  • संसाधन प्रबंधन: मानव संसाधन, वित्त और अन्य संसाधनों का कुशल प्रबंधन।

  • आपातकालीन प्रबंधन: प्राकृतिक आपदा, सुरक्षा संकट या अन्य आपात परिस्थितियों में प्रशासन का नेतृत्व।


3. महत्व और प्रभाव

मुख्य सचिव का महत्व केवल पद का नहीं, बल्कि उनके निर्णय और नेतृत्व से राज्य की प्रगति, विकास और शासन की गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ता है। उनके प्रभाव के कुछ मुख्य क्षेत्र हैं:

  • विकासोन्मुखी योजनाएँ: शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और ग्रामीण विकास में सुधार।

  • जनता के लिए पारदर्शिता: सरकारी सेवाओं और योजनाओं तक जनता की सरल और त्वरित पहुँच।

  • प्रशासनिक नवाचार: तकनीकी और प्रबंधन नवाचार से सरकारी कार्यों की दक्षता बढ़ाना।

  • राजनीतिक और प्रशासनिक संतुलन: मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के साथ सहयोगपूर्ण संबंध बनाए रखना।


4. छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव का विशेष महत्व

छत्तीसगढ़ जैसे विकासशील राज्य में मुख्य सचिव का महत्व और भी बढ़ जाता है। यहां उन्हें केवल प्रशासनिक मामलों का प्रबंधन ही नहीं करना होता, बल्कि विकास योजनाओं को जमीन पर लागू करना और सामाजिक कल्याण सुनिश्चित करना भी उनकी जिम्मेदारी होती है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं की निगरानी।

  • डिजिटल प्रशासन और ई-गवर्नेंस के माध्यम से सरकारी सेवाओं का सरलीकरण।

  • राज्य की औद्योगिक और आर्थिक नीतियों को प्रभावी बनाना।

मुख्य सचिव केवल एक प्रशासनिक पद नहीं है, बल्कि राज्य के विकास और सुशासन का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। उनके अनुभव, निर्णय और नेतृत्व सीधे राज्य के भविष्य और जनता के जीवन पर प्रभाव डालते हैं। छत्तीसगढ़ के 13वें मुख्य सचिव के कार्यकाल में प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और विकास की दिशा में नए अध्याय की उम्मीद की जा रही है।


 भविष्य की दिशा

विकास शील की नियुक्ति से राज्य प्रशासन में नई दिशा और ऊर्जा की उम्मीद जताई जा रही है। उनके पास केंद्रीय और राज्य स्तर पर व्यापक प्रशासनिक अनुभव है, जो राज्य की विकास योजनाओं और नीतिगत क्रियान्वयन में सहायक होगा। उनकी प्राथमिकताएं शासन-प्रशासन की पारदर्शिता, विकास योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन और प्रभावी नीति-निर्माण होंगी।

छत्तीसगढ़ राज्य में प्रशासनिक नेतृत्व का नया अध्याय शुरू हो चुका है। 13वें मुख्य सचिव [मुख्य सचिव का नाम] के कार्यभार ग्रहण के साथ ही राज्य की भविष्य की दिशा स्पष्ट रूप से विकास, नवाचार और पारदर्शिता की ओर संकेत कर रही है।

1. प्रशासनिक दृष्टि और विकास लक्ष्य

मुख्य सचिव का नेतृत्व केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं तक सीमित नहीं है। उनका दृष्टिकोण राज्य के दीर्घकालीन विकास और सामाजिक कल्याण पर केंद्रित है।

  • सतत विकास: पर्यावरण, ऊर्जा और सामाजिक कल्याण योजनाओं में संतुलन।

  • ग्रामीण और शहरी विकास: आधारभूत संरचना, रोजगार और शिक्षा में सुधार।

  • आर्थिक सशक्तिकरण: उद्योग, निवेश और व्यापारिक अवसरों को बढ़ावा देना।


2. डिजिटल और नवाचार-आधारित प्रशासन

भविष्य की दिशा में प्रशासनिक कार्यों का डिजिटलीकरण और नवाचार प्रमुख भूमिका निभाएगा।

  • ई-गवर्नेंस: सरकारी सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर जनता के लिए आसान और पारदर्शी बनाना।

  • प्रक्रिया सुधार: कार्यप्रणाली में तेजी और दक्षता सुनिश्चित करना।

  • तकनीकी नवाचार: प्रशासनिक चुनौतियों के लिए डेटा और तकनीकी समाधानों का प्रयोग।


3. जनता-केंद्रित नीतियाँ

भविष्य की दिशा में मुख्य सचिव का दृष्टिकोण जनता-केंद्रित है। उनका उद्देश्य सरकारी योजनाओं और सेवाओं को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाना है।

  • जनभागीदारी: योजनाओं के निर्माण और सुधार में लोगों की राय शामिल करना।

  • सामाजिक कल्याण: स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला-सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान।

  • पारदर्शिता: सभी प्रशासनिक कार्यों में जवाबदेही और खुलेपन को सुनिश्चित करना।


4. प्रशासनिक नेतृत्व का दीर्घकालीन प्रभाव

मुख्य सचिव के नेतृत्व में राज्य प्रशासन की भविष्य की दिशा कई क्षेत्रों में स्पष्ट होगी:

  • सशक्त प्रशासन: विभागीय समन्वय और बेहतर निर्णय-निर्माण।

  • विकासशील नीतियाँ: आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए दीर्घकालीन रणनीतियाँ।

  • सतत और नवोन्मेषी समाधान: पर्यावरण और संसाधनों के संरक्षण के साथ विकास।

छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक नेतृत्व की भविष्य की दिशा सशक्त, पारदर्शी और विकासोन्मुख है। नए मुख्य सचिव के दृष्टिकोण और नीतियों से राज्य में प्रशासनिक सुधार, सामाजिक कल्याण और आर्थिक प्रगति की मजबूत नींव रखी जाएगी। यह दिशा न केवल आज के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मार्गदर्शक साबित होगी।

राज्य सरकार और नागरिकों की अपेक्षाएँ हैं कि विकास शील अपने कार्यकाल में राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाएंगे।

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