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छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिनों तक शीतलहर प्रभावित जिले, मौसम अपडेट और बचाव उपाय (2025)

छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिनों तक शीतलहर प्रभावित जिले, मौसम अपडेट और बचाव उपाय (2025)

ठंड की दस्तक और शीतलहर की चेतावनी

छत्तीसगढ़ में सर्दियों ने इस बार समय से पहले दस्तक दे दी है। नवंबर का महीना अभी पूरा भी नहीं हुआ है कि मौसम अचानक करवट ले चुका है। हल्की हवा, रात के समय बढ़ती ठंड और सुबह पड़ने वाली कोहरे की चादर पहले ही सर्द मौसम का संकेत दे चुकी थी। ऐसे में मौसम विभाग (IMD) ने जो ताज़ा चेतावनी जारी की है, उसने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।

मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक राज्य के कई जिलों में शीतलहर चलने की प्रबल संभावना है। खासकर उत्तरी छत्तीसगढ़ के वे इलाके जो हर साल ठंड का केंद्र बन जाते हैं—इस बार भी वे सबसे ज्यादा प्रभावित रहने वाले हैं।Kelo Pravah+1


किन क्षेत्रों में चलेगी शीतलहर?

IMD ने जिन जिलों के लिए शीतलहर की चेतावनी जारी की है, उनमें मुख्य रूप से शामिल हैं—

इन इलाकों में तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरने की संभावना जताई गई है। रात के तापमान में तेज गिरावट और दिन में ठंडी हवाओं के चलते लोगों को तीखी ठंड का सामना करना पड़ेगा।


शीतलहर क्यों चलती है? मौसम बदलने के पीछे वैज्ञानिक कारण

शीतलहर को समझने के लिए हमें हवा, तापमान और भौगोलिक स्थितियों को जानना जरूरी है। छत्तीसगढ़ में शीतलहर के चलने के पीछे ये प्रमुख कारण हैं—

1. उत्तरी भारत से आने वाली ठंडी हवाएं

उत्तर भारत में हिमालय के आसपास हिमपात बढ़ने के बाद ठंडी और शुष्क हवाएं मैदानों की ओर बढ़ती हैं, जो मध्य और पूर्वी भारत तक पहुंच जाती हैं। छत्तीसगढ़ भी इन हवाओं की चपेट में आता है।

2. बादल न होना (क्लियर स्काई इफेक्ट)

आसमान बिल्कुल साफ रहने से रात के समय धरती की सतह तेजी से ठंडी हो जाती है। इससे न्यूनतम तापमान अचानक नीचे गिर जाता है।

3. कम नमी (लो ह्यूमिडिटी)

हवा में नमी कम होती है, जिससे ठंड और अधिक महसूस होती है। मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में नमी और कम हो सकती है।

4. तेज हवाएं

दिन और रात दोनों समय चलने वाली तेज हवा शरीर से गर्मी को तेजी से बाहर कर देती है, जिससे शीतलहर और अधिक प्रभावी हो जाती है।


शीतलहर का आम लोगों पर प्रभाव

छत्तीसगढ़ में दिसंबर-जनवरी के मुकाबले नवंबर में इतनी तेज ठंड कम ही देखने को मिलती है। इससे आम लोगों की दैनिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है—

1. बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा असर

2. किसानों के लिए चुनौती

3. स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव

4. यातायात पर असर


अगले तीन दिनों का संभावित तापमान

हालांकि सटीक तापमान हर घंटे बदल सकता है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार—

उत्तरी छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर तापमान 7°C या उससे भी नीचे जा सकता है, जो नवंबर के हिसाब से बेहद कम माना जाता है।

सर्दी का असर बढ़ा, लोग हुए सतर्क

नवंबर का आधा महीना भी पूरा नहीं हुआ है और छत्तीसगढ़ में ठंड का असर तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार आने वाले तीन दिनों में तापमान सामान्य से कम रहेगा। विशेष रूप से उत्तरी छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लोगों को कड़ाके की ठंड महसूस होगी।
यह बदलाव न सिर्फ जीवनशैली को प्रभावित करेगा बल्कि किसानों, विद्यार्थियों और मजदूरों के लिए भी महत्वपूर्ण है।


अगले तीन दिनों का तापमान—मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिनों तक तापमान में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होगा, लेकिन ठंडी हवाओं और कम नमी के कारण सर्दी का असर बढ़ता जाएगा।

नीचे अगले तीन दिनों का अनुमानित तापमान दिया गया है—


दिन 1: शनिवार (15 नवंबर 2025)

इस दिन शाम से ठंडी हवाएं और अधिक तेज़ हो सकती हैं, जिससे उत्तर छत्तीसगढ़ में तापमान तेजी से गिर सकता है।


दिन 2: रविवार (16 नवंबर 2025)

यह दिन पूरे तीन दिनों में सबसे ठंडा माना जा रहा है।


दिन 3: सोमवार (17 नवंबर 2025)

सोमवार को शीतलहर थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन न्यूनतम तापमान फिर भी सामान्य से कम ही रहेगा।


कौन से जिलों में तापमान सबसे कम रह सकता है?

उत्तरी छत्तीसगढ़ के निम्न जिलों में तापमान सबसे कम रहने की संभावना है—

यहां न्यूनतम तापमान 8–10°C तक भी जा सकता है।


तापमान में गिरावट के पीछे मुख्य कारण

  1. उत्तर भारत से आने वाली बर्फीली हवाएं

  2. साफ आसमान (Clear Sky Effect)

  3. हवा में नमी की कमी

  4. रात में धरती का तेजी से ठंडा होना

इन कारणों से रात के तापमान में गिरावट सामान्य है।


ठंड बढ़ने से लोगों पर प्रभाव

स्वास्थ्य पर असर

किसानों पर असर

यातायात पर असर


लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (सुरक्षा उपाय)

शीतलहर से बचने के लिए मौसम विभाग ने कुछ जरूरी सलाह दी हैं—

1. गर्म कपड़े पहनें

2. घर में गर्माहट बनाए रखें

3. खान-पान पर ध्यान दें

4. बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें

5. वाहन चलाते समय सावधानी


स्थानीय प्रशासन सतर्क – शीतलहर के लिए तैयारियां

जिलों के स्वास्थ्य और प्रशासनिक विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। कुछ प्रमुख कदम—

कई जिलों में जरूरत पड़ने पर स्कूल timings में बदलाव भी किया जा सकता है।


युवा, किसान और मजदूर – किन्हें सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत?

1. युवा वर्ग

हालांकि युवा ठंड को सह जाते हैं, लेकिन मोटरसाइकिल चलाते समय ठंडी हवा का सीधा असर पड़ता है। हेलमेट, जुराबें और जैकेट बेहद जरूरी हैं।

2. किसान

सुबह-सुबह खेत जाने से पहले पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें। फसलों पर ओस जमने से बचाने के लिए हल्की सिंचाई भी फायदेमंद हो सकती है।

3. दिहाड़ी मजदूर

सर्द हवाओं में लंबे समय तक खुले में काम करना मुश्किल हो सकता है। प्रशासन और खुद मजदूरों को सावधानी बरतनी चाहिए।


पर्यावरणीय दृष्टि से शीतलहर क्यों महत्वपूर्ण है?

बहुत से लोग शीतलहर को केवल परेशान करने वाला मौसम मानते हैं, लेकिन इसका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव भी है—

हालांकि अत्यधिक ठंड फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए संतुलन जरूरी है।


आगे मौसम में क्या बदलाव संभव?

मौसम विभाग का अनुमान है कि—


छत्तीसगढ़ में इस बार ठंड ने शुरुआती दिनों में ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग की शीतलहर चेतावनी सभी नागरिकों के लिए सतर्क रहने का संकेत है।
उत्तरी छत्तीसगढ़ के जिलों में तापमान में भारी गिरावट देखी जा रही है, जो आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।
ऐसे में जरूरी है कि लोग अपने स्वास्थ्य, दैनिक दिनचर्या और यात्रा के दौरान सावधानी बरतें।
सर्दी चाहे जितनी भी तीखी हो—थोड़ी-सी सतर्कता और सही जीवनशैली इसे आसान बना सकती है।

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