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“छत्तीसगढ़ में 1️⃣ पहला डिजिटल पंचायत जिला रायगढ़ की सफलता”

रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत जिला बना

डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में छत्तीसगढ़ राज्य ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। रायगढ़ जिला अब प्रदेश का पहला डिजिटल पंचायत जिला बन गया है। यह उपलब्धि न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण प्रशासन में पारदर्शिता, सुशासन और जनभागीदारी का नया अध्याय भी खोलती है।

राज्य सरकार के “स्मार्ट पंचायत – डिजिटल छत्तीसगढ़” अभियान के अंतर्गत रायगढ़ को यह सम्मान दिया गया है। यहाँ अब ग्राम पंचायतों में टैक्स वसूली, प्रमाणपत्र जारी करना, जनसुविधा प्रबंधन और शिकायत निवारण जैसी सभी सेवाएँ डिजिटल प्लेटफॉर्म और यूपीआई भुगतान प्रणाली के माध्यम से संचालित की जा रही हैं।


डिजिटल पंचायत की अवधारणा क्या है?

डिजिटल पंचायत का अर्थ है — ग्राम प्रशासन को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना ताकि गाँवों में सभी सरकारी सेवाएँ ऑनलाइन या मोबाइल आधारित माध्यमों से उपलब्ध हो सकें। इसमें शामिल हैं:

छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे “गाँव-गाँव में डिजिटल सशक्तिकरण” का नाम दिया है।


रायगढ़ क्यों चुना गया पहला डिजिटल पंचायत जिला

रायगढ़ को इस उपलब्धि के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि यहाँ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पिछले दो वर्षों में कई तकनीकी नवाचार अपनाए।

मुख्य कारण

  1. 100% ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध

  2. पंचायत सचिवों और सरपंचों को डिजिटल प्रशिक्षण प्रदान किया गया

  3. सभी ग्राम पंचायतों में UPI आधारित टैक्स वसूली शुरू की गई

  4. ऑनलाइन जनपद पोर्टल के माध्यम से विकास कार्यों की निगरानी

  5. नागरिकों के लिए “ई-पंचायत मोबाइल ऐप” का शुभारंभ

इस पहल से गाँव के लोगों को अब कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।


UPI और QR कोड से टैक्स वसूली – एक नई दिशा

प्रमुख पहलू

रायगढ़ जिले की यह पहल अब पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी है और डिजिटल इंडिया की सोच को सफलता पूर्वक अमल में लाते हुए रायगढ़ जिला आज डिजिटल पंचायत शासन का प्रतीक बन गया है।

रायगढ़ जिले की सभी 710 पंचायतों में घर कर, पानी कर, बाजार शुल्क, संपत्ति कर और लाइसेंस शुल्क अब QR कोड और UPI भुगतान से लिया जा रहा है।

इससे न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है, बल्कि राजस्व संग्रह में 35% की वृद्धि भी दर्ज की गई है।


पारदर्शी प्रशासन की दिशा में बड़ा कदम

डिजिटल पंचायत प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ पारदर्शिता है। पहले जहाँ ग्राम निधियों के उपयोग और योजनाओं के खर्च में अनियमितताएँ होती थीं, अब हर भुगतान और लेन-देन का रिकॉर्ड ऑनलाइन देखा जा सकता है।

मुख्य सुधार

इससे गाँव के लोगों को शासन में प्रत्यक्ष भागीदारी का अवसर मिला है।


महिलाओं और युवाओं के लिए अवसर

डिजिटल पंचायत योजना ने ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को नए रोजगार के अवसर दिए हैं।

महिलाओं की भूमिका

युवाओं के लिए लाभ


प्रमुख डिजिटल सेवाएँ जो अब उपलब्ध हैं

  1. जन्म, मृत्यु, निवास और आय प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी

  2. ऑनलाइन टैक्स भुगतान और रसीद डाउनलोड

  3. शिकायत निवारण प्रणाली (Grievance Portal)

  4. पंचायत विकास योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट

  5. श्रमिक पंजीकरण और कल्याण योजना का ई-डेटा अपडेट

इन सभी सेवाओं को एकीकृत करने के लिए “Raigarh Digital Panchayat Portal” विकसित किया गया है।


डिजिटल साक्षरता अभियान

रायगढ़ प्रशासन ने “हर घर डिजिटल ज्ञान” अभियान शुरू किया है जिसके तहत गाँवों में लोगों को मोबाइल और डिजिटल भुगतान के उपयोग की ट्रेनिंग दी जा रही है।

इससे ग्रामीण जनता तकनीकी रूप से सशक्त हो रही है।


राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका

राज्य सरकार ने डिजिटल पंचायत के लिए ₹12 करोड़ का विशेष बजट स्वीकृत किया है।
केंद्र सरकार की “ई-ग्राम स्वराज” योजना के साथ इसे एकीकृत किया गया है ताकि पंचायत डेटा राष्ट्रीय पोर्टल से जुड़ा रहे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा —

“रायगढ़ ने दिखाया है कि जब तकनीक गाँवों तक पहुँचती है, तो पारदर्शिता और विकास दोनों साथ चलते हैं।”


भविष्य की योजनाएँ

  1. ब्लॉक-स्तरीय डिजिटल कंट्रोल रूम की स्थापना

  2. AI आधारित डेटा एनालिटिक्स से पंचायत कार्यों की समीक्षा

  3. ड्रोन सर्वेक्षण प्रणाली से भूमि रिकॉर्ड और विकास कार्यों का आकलन

  4. 5G कनेक्टिविटी विस्तार ताकि हर गाँव में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध हो

इन योजनाओं से रायगढ़ आने वाले समय में देश का आदर्श डिजिटल जिला बन सकता है।


ग्रामीण जनता की प्रतिक्रिया

ग्रामवासियों का कहना है कि डिजिटल व्यवस्था से उनका समय और पैसा दोनों बच रहा है।

कुछ प्रतिक्रियाएँ

रायगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत जिला बनना छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है। यह पहल सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि ग्राम प्रशासन की नई परिभाषा है जहाँ पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक सशक्तिकरण एक साथ संभव हुए हैं।

भविष्य में यदि अन्य जिलों ने भी इसी मॉडल को अपनाया, तो पूरा छत्तीसगढ़ “स्मार्ट पंचायत राज्य” बनने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा।

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