छत्तीसगढ़ की चिकित्सा दावों में उत्कृष्टता राष्ट्रीय स्वास्थ्य व्यवस्था में नई उपलब्धि
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर देशभर में अपनी पहचान बनाई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य को “चिकित्सा दावों में उत्कृष्टता” के लिए देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया है।
यह सम्मान राज्य की उस पारदर्शी, तेज़ और तकनीक-आधारित स्वास्थ्य प्रणाली को दिया गया है जिसने आयुष्मान भारत योजना (PM-JAY) के तहत सबसे अधिक और सबसे शीघ्र मेडिकल क्लेम निपटान किया है।
चिकित्सा दावों में उत्कृष्टता — राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य बीमा दावा प्रक्रिया में “सबसे श्रेष्ठ राज्य” का दर्जा दिया। The Times of India
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) की रिपोर्ट क्या कहती है?
NHA ने हाल ही में अपने “Annual Health Claims Performance Index 2025” में देश के सभी राज्यों की तुलना की।
इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ ने कई मापदंडों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिनमें प्रमुख हैं —
| श्रेणी | छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन |
|---|---|
| चिकित्सा दावा स्वीकृति दर | 98.7% |
| औसत क्लेम निपटान समय | 7 दिन |
| अस्वीकृत दावों की संख्या | केवल 1.3% |
| डिजिटल प्रोसेसिंग अनुपात | 99.2% |
| अस्पताल संतुष्टि दर | 96% |
इस रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया।
‘चिकित्सा दावों में उत्कृष्टता’ का अर्थ क्या है?
‘चिकित्सा दावों में उत्कृष्टता’ का मतलब है कि किसी राज्य की स्वास्थ्य बीमा प्रणाली कितनी तेज़, पारदर्शी और प्रभावी है।
यह इस बात पर निर्भर करता है कि —
-
मरीजों को इलाज के बाद दावा मिलने में कितना समय लगता है,
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क्या उन्हें बार-बार दस्तावेज़ जमा करने की ज़रूरत पड़ती है,
-
अस्पतालों को भुगतान कितनी जल्दी मिलता है, और
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भ्रष्टाचार या देरी की घटनाएँ कितनी कम हैं।
छत्तीसगढ़ ने इन सभी मानकों पर लगातार सुधार किया है और आज यह भारत के सबसे भरोसेमंद स्वास्थ्य दावा निपटान राज्यों में से एक बन चुका है।
छत्तीसगढ़ की सफलता के प्रमुख कारण
1. डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) का प्रभावी क्रियान्वयन
राज्य ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) को तेजी से लागू किया।
हर मरीज का डिजिटल हेल्थ आईडी बनाया गया जिससे इलाज से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई।
इससे न सिर्फ समय बचा बल्कि फर्जी दावों और दस्तावेज़ों की समस्या भी खत्म हुई।
2. आयुष्मान भारत योजना का मजबूत नेटवर्क
छत्तीसगढ़ ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 3,000 से अधिक अस्पतालों को जोड़ा।
इनमें सरकारी के साथ-साथ निजी अस्पताल भी शामिल हैं।
राज्य में अब तक 1.2 करोड़ से अधिक लाभार्थियों ने इस योजना का फायदा उठाया है।
3. ई-क्लेम मैनेजमेंट सिस्टम
NHA ने 2023 में “ई-क्लेम” प्रणाली शुरू की थी, जिसे छत्तीसगढ़ ने पूरी तरह डिजिटल रूप से अपनाया।
अब हर मेडिकल दावा ऑनलाइन दर्ज होता है और उसका ट्रैकिंग रीयल-टाइम में संभव है।
इससे पहले जहां दावा प्रक्रिया में 15–20 दिन लगते थे, अब औसतन 7 दिन में क्लेम मंजूर हो जाता है।
4. अस्पतालों के लिए इंसेंटिव नीति
सरकार ने उन अस्पतालों को प्रोत्साहन दिया जो समय पर रिपोर्ट और दावे जमा करते हैं।
इससे निजी अस्पताल भी योजना से जुड़ने को प्रेरित हुए।
राज्य में निजी स्वास्थ्य सेवाओं का योगदान 25% से बढ़कर 43% हो गया है।
5. हेल्थ वॉरियर प्रोजेक्ट
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य बीमा योजना को प्रचारित करने के लिए “हेल्थ वॉरियर प्रोजेक्ट” शुरू किया गया।
आशा और मितानिन कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया ताकि वे गाँव-गाँव जाकर लोगों को स्वास्थ्य बीमा के बारे में बताएं।
इससे लाखों ग्रामीण परिवारों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जा सका।
राज्य सरकार की भूमिका: नीति से लेकर अमल तक
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री दोनों ने स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दी है।
2024 में राज्य ने “स्वस्थ छत्तीसगढ़ मिशन” शुरू किया, जिसमें निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया —
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बीमा दावे की पारदर्शिता
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मरीजों को त्वरित भुगतान
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अस्पतालों के लिए एकीकृत डिजिटल पोर्टल
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भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिए निगरानी तंत्र
इस नीति के चलते अब हर मरीज को इलाज के बाद अधिकतम 10 दिनों के भीतर दावा राशि मिल जाती है, जो पहले 30 दिन तक लगते थे।
अस्पतालों और मरीजों के अनुभव
राज्य के कई सरकारी और निजी अस्पतालों ने बताया कि अब स्वास्थ्य दावा प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है।
रायपुर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने कहा —
“पहले बीमा दावा प्रक्रिया बहुत जटिल थी। अब सबकुछ ऑनलाइन है, और मरीजों को भी भरोसा है कि उनका पैसा समय पर मिलेगा।”
रायगढ़ जिले की रहने वाली एक महिला कविता साहू ने बताया —
“मेरे पति की हृदय शल्य चिकित्सा आयुष्मान भारत योजना से हुई। अस्पताल ने कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया और 6 दिन में क्लेम पास हो गया। यह हमारे लिए राहत भरा अनुभव था।”
सांख्यिकीय आँकड़े (2022–2025)
| वर्ष | कुल दावे | स्वीकृत दावे (%) | औसत निपटान समय (दिन) | धोखाधड़ी मामलों में कमी (%) |
|---|---|---|---|---|
| 2022 | 8.5 लाख | 93.2% | 14 | 8% |
| 2023 | 9.8 लाख | 95.5% | 10 | 5% |
| 2024 | 11.6 लाख | 97.8% | 8 | 2% |
| 2025 | 12.4 लाख | 98.7% | 7 | 1% |
(स्रोत: NHA वार्षिक रिपोर्ट 2025)
चिकित्सा दावों में उत्कृष्टता के लाभ
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मरीजों को आर्थिक राहत
अब लोगों को इलाज के लिए पैसे उधार नहीं लेने पड़ते, क्योंकि दावा जल्दी निपट जाता है। -
अस्पतालों की वित्तीय स्थिरता
तेज़ क्लेम प्रोसेसिंग से अस्पतालों को भुगतान समय पर मिलता है, जिससे उनकी सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ती है। -
भ्रष्टाचार में कमी
डिजिटल प्रक्रिया के कारण बिचौलियों और गलत दस्तावेज़ों का दखल लगभग समाप्त हो गया है। -
राज्य की छवि में सुधार
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ अब एक आदर्श राज्य बन गया है, जिससे अन्य राज्य भी सीख रहे हैं।
भविष्य की योजनाएँ
राज्य सरकार ने 2026 तक के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है, जिनमें शामिल हैं —
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स्मार्ट हेल्थ कार्ड — प्रत्येक नागरिक के लिए एकीकृत स्वास्थ्य पहचान।
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ब्लॉक स्तर हेल्थ डेटा सेंटर — हर जिले में चिकित्सा रिकॉर्ड का केंद्रीकरण।
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एआई-आधारित क्लेम सत्यापन प्रणाली — फर्जीवाड़ा और गलत दावों को रोकने के लिए।
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‘स्वास्थ्य साथी’ मोबाइल ऐप — मरीज स्वयं अपने दावा की स्थिति ट्रैक कर सकेंगे।
इन कदमों से राज्य का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में दावा निपटान समय को 7 दिनों से घटाकर 5 दिन किया जाए।
राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का प्रभाव
NHA ने छत्तीसगढ़ मॉडल की सराहना करते हुए कहा —
“राज्य ने पारदर्शिता, डिजिटल नवाचार और स्वास्थ्य सेवाओं के समन्वय का एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। यह पूरे भारत के लिए अनुकरणीय मॉडल है।”
कई अन्य राज्य, जैसे झारखंड, ओडिशा और मध्यप्रदेश, अब छत्तीसगढ़ के ‘ई-क्लेम सिस्टम’ को अपनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
विश्वास और विकास की मिसाल
“चिकित्सा दावों में उत्कृष्टता” के लिए छत्तीसगढ़ को मिला सम्मान केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि यह जनता के विश्वास की जीत है।
जहाँ पहले गरीब मरीज इलाज के लिए संघर्ष करता था, वहीं अब वही व्यक्ति गर्व से कह सकता है कि —
“सरकार हमारी सेहत का ख्याल रख रही है।”
तेज़, पारदर्शी और डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से राज्य ने दिखाया है कि विकास तब संभव है जब नीति और नीयत दोनों साफ हों।
छत्तीसगढ़ आज न केवल “मेडिकल क्लेम एक्सीलेंस” में अग्रणी है, बल्कि पूरे देश के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की नई प्रेरणा बन गया है।
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