रायगढ़ में वन विभाग की छापेमारी अवैध लकड़ी जब्ती की पूरी जानकारी

रायगढ़ जिले में वन विभाग ने हाल ही में एक बड़ी छापेमारी की, जिसमें भारी मात्रा में अवैध लकड़ी जब्त की गई। यह कार्रवाई वन्यजीवों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
घटना का विवरण

रायगढ़ जिले के एक गांव में वन विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की। इस दौरान एक गोदाम से लगभग 500 क्विंटल अवैध लकड़ी जब्त की गई। लकड़ी की कीमत लगभग ₹5 लाख आंकी गई है। गोदाम के मालिक, रामलाल यादव, को गिरफ्तार कर लिया गया है।
रायगढ़ जिले के पुसौर क्षेत्र में वन विभाग ने अवैध लकड़ी तस्करी के खिलाफ छापेमारी की। इस दौरान बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी जब्त की गई, जबकि तस्कर फरार हो गए। वन विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। Public
पुलिस की कार्रवाई

वन विभाग की टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापेमारी की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 33(1)(ड़) और 52 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी से पूछताछ जारी है, और अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है।
रायगढ़ जिले में वन विभाग की छापेमारी के दौरान पुलिस ने सक्रिय भूमिका निभाई। यह कार्रवाई अवैध लकड़ी तस्करी के खिलाफ कानून के कड़ाई से पालन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण थी।
प्रमुख कार्रवाई
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छापेमारी में सहयोग
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वन विभाग की टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से अवैध लकड़ी के गोदाम की पहचान की और वहां छापेमारी की।
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पुलिस की उपस्थिति ने छापेमारी को सुरक्षित और प्रभावी बनाने में मदद की।
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अवैध लकड़ी जब्ती
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पुलिस ने वन विभाग के साथ मिलकर लगभग 500 क्विंटल अवैध लकड़ी जब्त की।
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लकड़ी के मूल्यांकन के बाद उसका सुरक्षा निरीक्षण और रिकॉर्ड बनाया गया।
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आरोपी की गिरफ्तारी
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गोदाम मालिक रामलाल यादव को गिरफ्तार किया गया।
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उससे पूछताछ की जा रही है ताकि अवैध तस्करी का पूरा नेटवर्क उजागर किया जा सके।
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कानूनी कार्रवाई
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आरोपी के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 33(1)(ड़) और 52 के तहत मामला दर्ज किया गया।
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पुलिस ने सभी आवश्यक सबूत और दस्तावेज़ों को अपने कब्जे में लिया।
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जाँच और निगरानी
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पुलिस और वन विभाग मिलकर आगे की जांच और अन्य संदिग्धों की तलाश कर रहे हैं।
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यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने वन विभाग की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अवैध लकड़ी तस्करी से जंगलों और पर्यावरण को नुकसान होता है। ग्रामीणों ने विभाग से ऐसे अभियानों को नियमित रूप से चलाने की अपील की है।
रायगढ़ जिले में वन विभाग की अवैध लकड़ी तस्करी के खिलाफ छापेमारी के बाद स्थानीय लोग घटना से न केवल संतुष्ट बल्कि उत्साहित भी दिखाई दिए। ग्रामीणों और वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने इस कार्रवाई को जंगल और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।
प्रमुख प्रतिक्रियाएँ
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कार्रवाई का स्वागत
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ग्रामीणों ने वन विभाग और पुलिस की इस कार्रवाई का उच्च स्तर पर स्वागत किया।
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उनका कहना था कि यह कार्रवाई जंगलों और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक थी।
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वन्य संसाधनों के संरक्षण पर जोर
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स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि अवैध लकड़ी तस्करी के कारण जंगलों की क्षति और वन्य जीवों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है।
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उन्होंने वन विभाग से अनुरोध किया कि इस तरह की छापेमारी नियमित रूप से जारी रखी जाए।
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सुरक्षा और जागरूकता
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ग्रामीणों का कहना है कि इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि अवैध गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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इससे स्थानीय समुदाय में जागरूकता और समर्थन बढ़ा है।
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भविष्य की अपेक्षाएँ
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ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन और वन विभाग मिलकर सख्त निगरानी और चेकपोस्ट लगाए।
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उनका मानना है कि इससे भविष्य में अवैध लकड़ी तस्करी और अन्य पर्यावरणीय अपराधों को रोका जा सकता है।
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रायगढ़ में वन विभाग की यह छापेमारी अवैध लकड़ी तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विभाग पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति गंभीर है। आगे भी ऐसी कार्रवाइयाँ जारी रहनी चाहिए ताकि जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा की जा सके।
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