रेल हादसे से ठप हुआ परिचालन रायगढ़ समेत छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित

4 नवंबर 2025 की शाम छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में लालखदान स्टेशन के पास एक भीषण रेल हादसा हुआ जिसने पूरे राज्य के रेल परिचालन को प्रभावित कर दिया। इस हादसे में कोरबा पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी की आमने-सामने टक्कर हो गई, जिससे कई डिब्बे पटरी से उतर गए और हावड़ा–मुंबई मुख्य रेलमार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया।
रेल परिचालन प्रभावित पड़ोसी क्षेत्र में हुए रेल हादसे के कारण रायगढ़ से होकर जाने वाली कई ट्रेनें रोकी गईं। Kelo Pravah+1
यह दुर्घटना न केवल बिलासपुर बल्कि रायगढ़, चंपा और दुर्ग तक रेल सेवाओं पर गंभीर असर डाल रही है।
हादसे की विस्तृत जानकारी

घटना के तुरंत बाद रेलवे अधिकारी, रेस्क्यू टीम और तकनीकी विभाग मौके पर पहुँच गए। प्राथमिक जांच में सामने आया कि एक सिग्नलिंग त्रुटि के चलते दोनों ट्रेनें आमने-सामने आ गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि महिला आरक्षित बोगी को भारी नुकसान पहुंचा।
घायलों को तुरंत सिविल अस्पताल, बिलासपुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। अब तक 30 से अधिक यात्रियों के घायल होने की पुष्टि हुई है, जबकि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
रेल परिचालन पर असर

हादसे के बाद रेलवे ने कई ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया।
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हावड़ा की ओर जाने वाली 7 ट्रेनें दुर्ग से बिलासपुर के बीच रोकी गई हैं।
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मुंबई की ओर जाने वाली 6 ट्रेनें रायगढ़ से चंपा के बीच रोक दी गई हैं।
रेलवे ने कहा है कि ट्रैक की मरम्मत और ओवरहेड वायरिंग के दुरुस्तीकरण तक ट्रेनों का संचालन सीमित रहेगा।
राहत एवं बचाव कार्य
राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं —
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रेस्क्यू टीम ने रातभर ऑपरेशन चलाया।
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क्रेन, गैस कटर और मेडिकल टीम मौके पर जुटी हुई हैं।
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रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की विशेष टीम जांच के लिए रवाना की गई है।
रेलवे प्रशासन ने कहा है कि डिब्बों को हटाने और ट्रैक दुरुस्ती में 24 घंटे तक का समय लग सकता है।
यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था
हादसे के बाद रेलवे ने यात्रियों को राहत देने के लिए
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विशेष सहायता केंद्र बनाए हैं।
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हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि यात्री अपने परिजनों की जानकारी ले सकें।
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खाना, पानी और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था स्टेशन स्तर पर की जा रही है।
स्थानीय प्रभाव रायगढ़ पर असर
रायगढ़ जिले से होकर गुजरने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनें जैसे —
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कोरबा–हावड़ा एक्सप्रेस,
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गोदावरी एक्सप्रेस,
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दुर्ग–नागपुर पैसेंजर,
को या तो रद्द कर दिया गया है या मार्ग परिवर्तित किया गया है।
इससे रोज़ाना यात्रा करने वाले हज़ारों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। बसों और टैक्सियों में भी भीड़ बढ़ गई है।
अधिकारियों के बयान
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया
“हम प्राथमिकता के आधार पर घायलों की मदद और ट्रैक बहाली पर काम कर रहे हैं। जब तक सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, ट्रेनें चालू नहीं की जाएंगी।”
मुख्यमंत्री ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजा और मुफ्त इलाज की घोषणा की है।
ट्रैक बहाली का कार्य
रेलवे इंजीनियरों की टीम लगातार मरम्मत कार्य में लगी हुई है।
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डिब्बों को हटाने के लिए दो बड़ी रेल क्रेनें मंगाई गई हैं।
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ओवरहेड वायरिंग को दुरुस्त किया जा रहा है।
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शाम तक एक ट्रैक बहाल होने की संभावना जताई गई है।
स्थानीय जन-प्रतिक्रिया
रायगढ़ और बिलासपुर के स्थानीय नागरिकों में रेलवे प्रशासन की लापरवाही को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतने हाईटेक सिग्नल सिस्टम के बावजूद ऐसी दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं।
संभावित कारण
विशेषज्ञों के अनुसार हादसे के पीछे संभावित कारण —
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सिग्नलिंग फॉल्ट या मानव त्रुटि,
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ट्रैक पर रखरखाव कार्य के दौरान संचार में कमी,
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मालगाड़ी की गति सीमा का उल्लंघन।
रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की रिपोर्ट से वास्तविक कारणों की पुष्टि होगी।
यह रेल हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। छत्तीसगढ़ का रेलवे नेटवर्क देश के पूर्व–पश्चिम कॉरिडोर का अहम हिस्सा है, और यहां किसी भी अव्यवस्था का असर सीधे यात्रियों के जीवन पर पड़ता है।
रायगढ़ जैसे औद्योगिक जिले के लिए रेलवे जीवनरेखा के समान है — ऐसे में जल्द से जल्द परिचालन बहाल करने की जरूरत है, ताकि सामान्य जनजीवन और औद्योगिक गतिविधियाँ फिर पटरी पर लौट सकें।
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