“रायगढ़ में आज 11 इलाकों में बिजली कटौती: जानिए कारण, समय और बचाव के उपाय”
रायगढ़ शहर के निवासियों के लिये आज एक महत्वपूर्ण सूचना है: शहर के कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 11 इलाकों में आज लगभग 4 घंटे तक बिजली आपूर्ति बंद रहेगी। Patrika News+2gurturgoth.com+2 इस प्रकार की कटौती अस्थायी है, लेकिन इसके पीछे का कारण समझना और इससे बचाव योजना बनाना बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या कहा गया है विभाग ने?
बिजली विभाग ने सार्वजनिक सूचना जारी की है कि यह कटौती पुरानी खुले तारों, बड़े टॉवर या 11 केवी/33 केवी लाइन की मरम्मत के कारण है। उदाहरण के लिये, एक समाचार में कहा गया है:
-
कारण: “शहर के कई हिस्सों में अब भी पुराने तार और खुले कनेक्शन मौजूद हैं।”
-
विभाग ने बताया कि “आज इन खुले तारों को कवर्ड किया जाएगा और जहाँ आवश्यक होगा वहाँ पुराने तारों की मरम्मत व कनेक्शन दुरुस्ती की जाएगी।”
-
कटौती की अवधि: करीब 4 घंटे के लिए।
-
प्रभावित क्षेत्र: कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत आने वाले व्यस्त बाजार, घनी आबादी वाले मोहल्ले।
इस प्रकार, यह एक पूर्व‑संधानात्मक रखरखाव कार्य है जिसे विभाग ने सुरक्षा, बेहतर आपूर्ति और भविष्य में अचानक कटौती की समस्याओं को कम करने के लिए किया जाना बताया है।
पुरानी खुले तारों
-
शहर के कई इलाकों में अब भी पुराने खुले बिजली के तार इस्तेमाल हो रहे हैं।
-
समय के साथ ये तार झुलसने, टूटने या ढीले होने के कारण सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
-
ऐसे तार बारिश, धूप, हवा या किसी शॉर्ट‑सर्किट के कारण अचानक फॉल कर सकते हैं।
-
इसलिए विभाग ने कवर किए हुए तार लगाने का निर्णय लिया है, जो सुरक्षित और लंबी अवधि तक टिकाऊ हों।
बड़े टॉवर
शहर के आसपास और मुख्य फीडर मार्गों में बड़े टॉवर होते हैं जो 11 केवी या 33 केवी की लाइनें सपोर्ट करते हैं।
-
ये टॉवर समय के साथ जंग लगने, ढीले हो जाने या इन्सुलेशन खराब होने से लाइन की सप्लाई को अस्थिर कर सकते हैं।
-
मरम्मत या रिपेयर के दौरान टॉवर की सुरक्षा जाँची जाती है, जिससे बड़े हादसों की संभावना कम होती है।
11 केवी / 33 केवी लाइन की मरम्मत
-
11 केवी और 33 केवी लाइनें शहर और आसपास के इलाकों में मध्यम और उच्च वोल्टेज सप्लाई के लिए जिम्मेदार होती हैं।
-
इन लाइनों में समय-समय पर मेन्टेनेन्स जरूरी है:
-
तारों का बदलना या जोड़ना
-
इंसुलेशन की जाँच
-
फीडर स्विच और सब-स्टेशन की मरम्मत
-
-
मरम्मत के समय बिजली कटौती अनिवार्य होती है, ताकि कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
किन इलाकों पर असर होगा?
विभाग ने बताया है कि प्रभावित इलाकों में मुख्य रूप से कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 11 स्थान शामिल हैं। उदाहरण स्वरूप निम्नलिखित प्रकार के इलाके:
-
व्यस्त बाजार क्षेत्र (जहाँ व्यापारिक गतिविधि अधिक है)
-
घनी आबादी वाले मोहल्ले
-
पुराने वार्ड / कॉलोनियाँ जहाँ बिजली तार एवं कनेक्शन पुरानी अवस्था में हैं
हालाँकि समाचार में सभी 11 इलाकों का नाम नहीं दिया गया है, लेकिन एक स्रोत में ये इलाके दिए गए हैं: “सेवाकुंज रोड, हंडी चौक, गायत्री मंदिर क्षेत्र, महिला समृद्धि बाजार, अनाथालय…” इन जैसे इलाकों में कटौती होने की सूचना मिली है।
उपभोक्ताओं को सलाह है कि यदि आप इन इलाकों में रहते हैं तो बिजली बंदी का शेड्यूल ध्यान में रखें और आवश्यक तैयारी करें।
क्यों यह काम जरूरी माना गया?
इस तरह की कटौती केवल असुविधा नहीं बल्कि एक जरूरी रख‑रखाव कार्य का हिस्सा है। इसके पीछे कई कारण हैं:
-
सुरक्षा चिंताएँ
पुराने खुले तार, टूटे/ढीले कनेक्शन, खुले सेमी‑एवेनू तार — ये सभी विद्युत हादसों का खतरा बढ़ाते हैं। विभाग ने यह स्वीकार किया है कि “अब भी पुराने तार और खुले कनेक्शन मौजूद हैं।” -
भविष्य में बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित करना
समय‑समय पर मेंटनेंस न करने पर अचानक बड़े फीडर ठप हो सकते हैं और आम उपयोगकर्ताओं को लंबी कटौती का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पूर्व‑नियोजित कटौती‑कार्य छोटे समय के लिए बेहतर विकल्प है। उदाहरण स्वरूप, एक अन्य लेख में बताया गया है कि त्योहारी सीजन से पहले 11 केवी खुले तारों को कवर्ड तार में बदलने का कार्य चल रहा है। -
विभागीय दबाव एवं योजनाएं
छत्तीसगढ़ के शहरी विद्युतीकरण योजनाएँ और अन्य योजनाएँ नियमित मेंटनेंस एवं अपग्रेडेशन पर ध्यान दे रही हैं। इससे शहर‑प्रशासन को आपूर्ति‑विभाग के साथ समन्वय करना पड़ता है। उदाहरण: एक लेख में उल्लेख था कि सुबह 10 से 2 बजे तक 33/11 KV सब‑स्टेशन से निकलने वाले फीडर पर काम चलने के कारण 14 इलाकों में बिजली सप्लाई प्रभावित रहेगी।
इस तरह, असुविधा व परेशानियाँ अस्थायी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में लाभदायी कार्य है।
कटौती का असर – दैनिक जीवन पर
बिजली कटौती का असर सिर्फ जब बिजली नहीं आएगी तब नहीं बल्कि उससे पहले‑बाद में भी महसूस किया जाता है। निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार किया जा सकता है:
घरों पर असर
-
अप्लायंसेस (फ्रिज, फ्रीजर, इन्वर्टर, पंखे, एयर कंडीशनर) इस्तेमाल करने में बाधा।
-
बच्चों को पढ़ाई या ऑनलाइन कक्षाओं में समस्या।
-
रेफ्रिजरेशन में पर्ने खा पीने की वस्तुओं की स्थिति।
-
इन्वर्टर बैटरी या जनरेटर आदि का आवश्यकता‑बोध।
व्यापार / छोटे व्यवसायों पर असर
-
बाज़ार क्षेत्र में कारोबार 4 घंटे के लिए ठप हो सकता है। पटवारी, दुकानदार आदि को घाटा हो सकता है। (सूचना में यह संकेत भी था कि व्यापारियों में नाराजगी दिखी)
-
खाद्य‑पदार्थ, रेस्तरां, किराना दुकानें आदि प्रभावित हो सकती हैं।
-
दुकानदारों को पहले‑से तैयारी करनी होगी कि कटौती के दौरान कब काम करना है कब नहीं।
जन‑सुविधाओं पर असर
-
सार्वजनिक हिस्से जैसे स्ट्रीट लाइट, स्वास्थ्य केंद्र, पानी‑पंप आदि आपूर्ति समय पर न हो सकें।
-
विशेषकर गरम मौसम, बारिश या ठंड के समय आपूर्ति बंदी अधिक समस्या खड़ी कर सकती है।
-
बैकअप व्यवस्था को चुनने व चलने‑की तैयारी करने की आवश्यकता बढ़ जाती है।
उपभोक्ता‑सुझाव: कैसे रहें तैयार
यदि आप इनमें शामिल इलाके या आसपास रहते हैं, तो नीचे दिए सुझावों का पालन कर सकते हैं:
-
समय से पहले जागरूक रहें: विभाग ने घोषणा की है => आज लगभग 4 घंटे के लिए कटौती होगी। इस बात को ध्यान में रखें।
-
जरूरी काम पहले निपटाएँ: सुबह या कटौती से पहले जितना हो सके उतना काम (फ्रिज खोलना, पंखा बंद करना, लाइट डिस्कनेक्ट करना) निपटाएँ।
-
बैकअप व्यवस्था तैयार रखें: यदि आपके पास इन्वर्टर, बैटरी, यूपीएस या छोटा जनरेटर है तो उसकी जाँच करें। विद्युत कट के समय तुरंत काम आने वाला हो।
-
घरेलू उपकरण धीरे चालू करें जब बिजली आए: लंबे समय बंद रहने के बाद अचानक सब उपकरण चालू करने से सर्ज लगने का खतरा होता है।
-
सुरक्षा‑चेतना रखें: बिजली पुनः आने पर पुराने माल पर कोई दोष हो चुका हो सकता है। जांच करें कि तार एवं उपकरण ठीक हैं।
-
विभाग के अपडेट देखें: यदि विभाग ने आगे और कटौती या बदलाव की सूचना दी हो, तो अपडेट रखें।
-
सहयोग करें: जब विभाग कह रहा हो कि यह कार्य सुरक्षा व बेहतर आपूर्ति के लिए है — तो सहनशीलता दिखाना भी जरूरी है।
विभाग व प्रशासन की भूमिका
जहाँ उपभोक्ताओं को तैयारी करनी है, वहीं विभाग एवं स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही भी बढ़ जाती है:
-
सफाई, मेंटनेंस का नियमित कार्य होना चाहिए ताकि अचानक कटौती‑कार्य जमाओं में न हो।
-
उपभोक्ताओं को न्यूनतम ंसूचना देना चाहिए ताकि उनके दिन‑चर्या में व्यवधान कम हो।
-
मरम्मत कार्यों में समय‑सीमा का पालन आवश्यक है; जैसे कि समाचार में बताया गया है कि आज 4 घंटे का कार्य है।
-
पुरानी तारों, खुले लिंक्स व कमजोर कनेक्शनों की स्थायी सुधारीकरण करना चाहिए ताकि भविष्य में किसी बड़े फाल्ट की संभावना कम हो सके।
-
क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी व गुणवत्ता‑निरीक्षण होना चाहिए: उदाहरण के लिए “खुले तारों को कवर्ड तार में बदलना” जैसा कार्य चल रहा है।
संभावित चुनौतियाँ व सुझाव
बेशक इस तरह का मेंटनेंस कार्य आवश्यक है, लेकिन चुनौतियाँ भी हैं जिनसे पार पाना होगा:
-
असुविधा‑प्रबंधन: चार घंटे यानी कुछ लोगों के लिए कार्य में बाधा, व्यापार में घाटा। इसका प्रबंधन करना होगा।
-
सूचना‑वितरण: यदि किसी उपभोक्ता तक सूचना नहीं पहुंचे तो अचानक कटौती के दौरान आफत हो सकती है। इसमें विभाग को स्मार्ट अलर्ट, SMS या स्थानीय पीए‑सिस्टम उपयोग करना होगा।
-
कार्य के बाद की आपूर्ति‑गुणवत्ता: सिर्फ तार बदलना पर्याप्त नहीं, बाद में निगरानी जरूरी है कि सप्लाई स्थिर हो गई है या नहीं।
-
आपातकालीन सेवाओं पर असर: स्वास्थ्य‑केंद्र, पंप‑हाउस, अस्पताल आदि प्रभावित हो सकते हैं — इनके लिए विशेष बैकअप होना अनिवार्य है।
-
जागरूकता फैलाना: उपभोक्ताओं को यह समझाना होगा कि ये कार्य उनके हित में हैं; विरोध की बजाय सहयोग जरूरी है।
आज रायगढ़ के कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 11 इलाकों में लगभग 4 घंटे बिजली कटौती होगी। यह असुविधा स्वयं में छोटा लगता है लेकिन इसके पीछे का उद्देश्य है — पुराने खुले तारों, कमजोर कनेक्शन, खराब फीडरलाइन आदि को सुधारना। यदि यह कार्य सफल रहा तो भविष्य में अचानक व अनियोजित बिजली कटौती की समस्या कम होगी।
उपभोक्ताओं के लिए आज की स्थिति एक मौके जैसा है कि वह अपने जरूरी काम समय से पूरे करें, बैकअप व्यवस्था देख लें, एवं कटौती के समय को समझकर अनुकूल व्यवहार करें। वहीं विभाग की जिम्मेदारी है कि वह इस कार्य को प्रभावशाली रूप से संपन्न करे, पूर्व सूचना जारी करे, और कार्य के बाद सप्लाई को सुचारु बनाए।
यदि आप चाहें, तो मैं विभाग के शेड्यूल, कहीं‑कहीं हुए पिछले कटौती के रिकॉर्ड, या बैकअप उपकरणों के सुझाव भी तैयार कर सकता हूँ — क्या चाहेंगे?
Next-
