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रायगढ़ और छत्तीसगढ़ दिवाली की तैयारी, बाजारों में रौनक 2025

 दिवाली की तैयारी बाजारों में रौनक और खरीदारी का उत्सव

दिवाली, जिसे दीपों का त्योहार कहा जाता है, न केवल धार्मिक उत्सव है बल्कि भारतीय समाज में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों का भी प्रमुख हिस्सा बन चुका है। दीपावली के मौसम में पूरे देश के शहर और कस्बे रोशनी, खुशहाली और चहल-पहल से जगमगाते हैं। रायगढ़ समेत छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों में भी इस बार त्योहार के माहौल ने बाजारों में रौनक लौटाई है।

राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस महीने (अक्टूबर) का वेतन 17 और 18 अक्टूबर को अग्रिम रूप से जारी किया जाए, ताकि कर्मचारी त्योहार को बेहतर तरीके से मना सकें। Amar Ujala


 दिवाली की तैयारी  घरों से लेकर बाजारों तक

दिवाली की तैयारियाँ आम तौर पर अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाती हैं। लोग साफ-सफाई, सजावट, दीपक, रंगोली और मिठाई जैसी चीज़ों की खरीदारी में लग जाते हैं।


 बाजारों में रौनक

छत्तीसगढ़ के मुख्य शहरों — रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, कोरबा — के बाजारों में दिवाली शॉपिंग की रौनक देखने को मिल रही है।

प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र

  1. गांधी प्रतिमा चौक (रायगढ़)

    • यहाँ इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान की दुकानों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई।

    • मोबाइल, लैपटॉप, और टेलीविजन जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 25% का उछाल आया।

  2. सुभाष चौक और स्टेशन रोड

    • पारंपरिक और स्थानीय हस्थशिल्प उत्पादों की बिक्री में वृद्धि।

    • विशेषकर कोसा रेशम की साड़ियों और कुटीर उद्योग से जुड़े उत्पादों की मांग बढ़ी।

  3. बाजारों में मिठाई और स्नैक्स की चहल-पहल

    • बाजारों में लड्डू, जलेबी, रसगुल्ला, खीर और बर्फी की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

    • छोटे दुकानदारों का कहना है कि दिवाली से पहले दो सप्ताह का समय उनकी वार्षिक बिक्री का प्रमुख हिस्सा होता है।


 दिवाली पर खरीदारी के रुझान

डिजिटल और ऑनलाइन शॉपिंग का प्रभाव

इस साल ऑनलाइन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स में भी दिवाली की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं।

 ट्रेंडिंग उत्पाद


 सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारी

बाजारों में रौनक के साथ प्रशासन ने भी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की है।


 पर्यावरण और स्वास्थ्य चेतावनी

दिवाली पर प्रदूषण और स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ जाते हैं।


 सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

दिवाली सिर्फ बाजारों और खरीदारी का पर्व नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक मेल-जोल का अवसर भी है।


 आर्थिक दृष्टि

बाजारों में दिवाली की चहल-पहल राज्य और देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।

छत्तीसगढ़ के आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष दिवाली के समय बाजारों में 20-30% अधिक बिक्री का अनुमान है।


 रायगढ़ और आसपास की स्थिति

दिवाली की तैयारी और बाजारों में रौनक न केवल आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करती है बल्कि समाज में खुशी, मेल-जोल और सांस्कृतिक जुड़ाव भी बढ़ाती है।

दिवाली की रौनक और खरीदारी की चहल-पहल ने साबित कर दिया कि यह त्योहार केवल रोशनी और मिठाई का नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक जीवन में उजाला फैलाने वाला अवसर भी है।

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