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“नवरात्रि और दशहरा 2025 7 बड़ी झटपट खबरें और पूरी जानकारी”

नवरात्रि और दशहरे से जुड़ी झटपट खबरें – पूरी जानकारी

भारत में जब त्योहारों की बात आती है, तो नवरात्रि और दशहरा का नाम सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। नवरात्रि माता दुर्गा की आराधना का पर्व है, जबकि दशहरा अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक। यह त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। हर साल शारदीय नवरात्रि से लेकर विजयादशमी तक पूरा देश उत्साह और भक्ति से सराबोर रहता है।

इस बार (2025) भी पूरे भारत में नवरात्रि और दशहरा को लेकर तरह-तरह की झटपट खबरें सामने आई हैं। आइए विस्तार से जानें।

नवरात्रि / दशहरे से जुड़ी झटपट खबरें — जैसे जवारा विसर्जन, शस्त्र पूजा की परंपरा, रावण दहन आदि गतिविधियाँ। Public


नवरात्रि का महत्व और धार्मिक पहलू

नवरात्रि का अर्थ है “नौ रातें”। इस दौरान भक्तगण माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं।

नवरात्रि उपवास, व्रत, जागरण और भक्ति गीतों का पर्व है, जिसमें आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।


दशहरे का महत्व

नवरात्रि के बाद दशमी तिथि को विजयादशमी या दशहरा मनाया जाता है।


झटपट खबरें – 2025 की खास झलकियाँ

1. रायगढ़ में जवारा विसर्जन और शस्त्र पूजा

रायगढ़ जिले में नवरात्रि के अवसर पर जवारा विसर्जन और शस्त्र पूजा की परंपरा धूमधाम से निभाई गई। सैकड़ों श्रद्धालु माता की झांकी और कलश यात्रा के साथ शामिल हुए।

2. भव्य दुर्गा पंडाल और थीम आधारित सजावट

देश के कई बड़े शहरों जैसे कोलकाता, दिल्ली और रायपुर में इस बार पंडालों को विशेष थीम पर सजाया गया है।

3. गरबा और डांडिया नाइट्स की धूम

गुजरात और महाराष्ट्र में गरबा और डांडिया नाइट्स की धूम रही। रायगढ़ और आसपास के इलाकों में भी युवाओं ने पारंपरिक परिधानों में डांडिया खेला।

4. रावण दहन की तैयारी

देशभर में दशहरा मैदानों पर रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के विशाल पुतले बनाए जा रहे हैं। रायगढ़ में इस बार 60 फीट ऊंचे रावण का पुतला तैयार किया गया है।

5. सुरक्षा और प्रशासन की सतर्कता

त्योहारों को देखते हुए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है। ट्रैफिक व्यवस्था पर भी खास ध्यान दिया गया है।


धार्मिक आस्था और आधुनिकता का संगम

नवरात्रि और दशहरा जैसे पर्व सदियों से धार्मिक आस्था और परंपरा से जुड़े हुए हैं। भक्तजन माता दुर्गा की उपासना, व्रत, कन्या पूजन और रावण दहन के जरिए अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं।

लेकिन बदलते समय में इन पर्वों ने आधुनिकता का भी रंग अपना लिया है —

इस तरह नवरात्रि और दशहरा न केवल धार्मिक आस्था के प्रतीक बने हुए हैं, बल्कि आधुनिक तकनीक, पर्यावरण जागरूकता और सामाजिक बदलावों का भी संगम प्रस्तुत कर रहे हैं।

आजकल नवरात्रि और दशहरे के आयोजन में धार्मिक आस्था के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल हो रहा है।


सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

1. सामाजिक प्रभाव

2. आर्थिक प्रभाव

त्योहारों का असर केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी देखने को मिलता है।


पर्यावरणीय पहलू

हालांकि त्योहार खुशी का प्रतीक हैं, लेकिन इससे पर्यावरण पर भी असर पड़ता है।

इन चुनौतियों को देखते हुए इस बार कई जगहों पर इको-फ्रेंडली मूर्तियाँ और ग्रीन क्रैकर्स का प्रयोग किया गया है।


विशेषज्ञों की राय

नवरात्रि और दशहरा भारतीय संस्कृति की पहचान हैं। ये केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक गतिविधियों का प्रतीक भी हैं। इस बार भी पूरे देश में इन त्योहारों ने लोगों को भक्ति, आनंद और उल्लास से भर दिया।

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