Site icon City Times Raigarh

छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम 34 नए ‘नालंदा परिसर’ निर्माण की घोषणा 

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के शिक्षा ढांचे को 1 नई दिशा  रायगढ़ में बनेगा 700-सीटर आधुनिक सेंट्रल लाइब्रेरी

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के शिक्षा ढांचे को नई दिशा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है। राज्यभर में 34 नए ‘नालंदा परिसर (Nalanda Parisar)’ यानी सेंट्रल लाइब्रेरी और अध्ययन केंद्र बनाए जा रहे हैं। इन परिसरों का उद्देश्य छात्रों, प्रतियोगी परीक्षार्थियों और शोधकर्ताओं को एक ऐसा माहौल प्रदान करना है जहाँ वे शांत, आधुनिक और डिजिटल सुविधाओं से लैस वातावरण में अध्ययन कर सकें।

सबसे खास बात यह है कि इन 34 परिसरों में से एक 700-सीटर विशाल लाइब्रेरी रायगढ़ जिले में भी बनाई जाएगी, जिससे पूरे जिले के विद्यार्थियों को उच्च स्तर की शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध होगी।

राज्य सरकार 34 नए ‘Nalanda Parisar’ (सेंट्रल लाइब्रेरी-पढ़ाई ज़ोन) बना रही है, जिनमें से एक 700-सीटर लाइब्रेरी Raigarh में भी शामिल है। ETEducation.com+1


नालंदा परिसर योजना क्या है?

‘नालंदा परिसर’ नाम प्रेरित है भारत की प्राचीन और विश्वविख्यात नालंदा विश्वविद्यालय से, जिसने शिक्षा, ज्ञान और शोध के क्षेत्र में विश्वभर में अपनी पहचान बनाई थी।
इसी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राज्य के हर संभाग और प्रमुख जिलों में ऐसे आधुनिक अध्ययन परिसर स्थापित किए जाएँ जहाँ:


रायगढ़ में बनने वाला नालंदा परिसर

रायगढ़ जिले के लिए यह योजना एक ऐतिहासिक अवसर लेकर आई है। यहाँ बनने वाला नालंदा परिसर 700 छात्रों की क्षमता वाला होगा — यानी एक साथ 700 विद्यार्थी यहाँ बैठकर अध्ययन कर सकेंगे।

 मुख्य विशेषताएँ

  1. डिजिटल लाइब्रेरी सेक्शन
    सभी प्रकार की किताबें, ई-बुक्स, जर्नल्स और करंट अफेयर्स का डिजिटल डेटाबेस।

  2. स्मार्ट रीडिंग ज़ोन
    शांत और आरामदायक बैठने की व्यवस्था, एर्गोनॉमिक फर्नीचर और एसी व्यवस्था के साथ।

  3. ऑनलाइन टेस्टिंग लैब
    प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC, CGPSC, SSC, रेलवे, बैंकिंग आदि के लिए मॉक टेस्ट देने की सुविधा।

  4. काउंसलिंग और मेंटॉरशिप रूम
    शिक्षकों, विशेषज्ञों और करियर गाइड्स से परामर्श की व्यवस्था।

  5. Wi-Fi और पावर सपोर्ट
    हर सीट पर लैपटॉप चार्जिंग और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी।


शिक्षा विभाग की दृष्टि

छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि इन नालंदा परिसरों का उद्देश्य सिर्फ पढ़ाई की सुविधा देना नहीं, बल्कि एक “ज्ञान-संस्कृति केंद्र” तैयार करना है, जो युवाओं को आत्मनिर्भर और शोधोन्मुख बनाए।

राज्य सरकार का विज़न है कि आने वाले 3 वर्षों में हर जिला मुख्यालय में एक सेंट्रल नालंदा परिसर स्थापित किया जाए।

शिक्षा मंत्री ने बयान में कहा —

“छात्रों को बेहतर अध्ययन माहौल देने के लिए यह पहल देश में एक मिसाल बनेगी। छत्तीसगढ़ का हर युवा अब अपने जिले में ही दिल्ली-मुंबई जैसी आधुनिक लाइब्रेरी सुविधा पाएगा।”


परियोजना की अनुमानित लागत और फंडिंग

राज्य सरकार ने पहले चरण में 34 परिसरों के निर्माण के लिए लगभग ₹350 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है।
रायगढ़ का परिसर लगभग ₹10 करोड़ की लागत से तैयार होगा।

इसमें शामिल होंगे

इन परिसरों का संचालन राज्य उच्च शिक्षा निदेशालय और जिला शिक्षा अधिकारी के संयुक्त नियंत्रण में होगा।


स्थानीय छात्रों की प्रतिक्रिया

रायगढ़ के विद्यार्थियों में इस खबर से जबरदस्त उत्साह है। शहर और आस-पास के कस्बों जैसे खरसिया, धरमजयगढ़, पुसौर और घरघोड़ा से भी छात्र यहाँ अध्ययन करने की योजना बना रहे हैं।

स्थानीय छात्रा नेहा पटेल कहती हैं —

“अब हमें रायपुर या बिलासपुर नहीं जाना पड़ेगा। रायगढ़ में ही इतनी बड़ी लाइब्रेरी बन रही है, यह हमारे लिए बहुत बड़ी सुविधा होगी।”

वहीं एक अभ्यर्थी राहुल अग्रवाल कहते हैं —

“सरकारी स्तर पर इस तरह का स्टडी सेंटर होना मतलब शिक्षा को सही दिशा देना। इससे ग्रामीण इलाकों के छात्र भी समान अवसर पाएंगे।”


आधुनिक तकनीक और डिज़ाइन

नालंदा परिसरों को आधुनिक वास्तुकला के अनुसार डिजाइन किया जा रहा है।

इससे न केवल पढ़ाई का माहौल सुरक्षित रहेगा, बल्कि पर्यावरण संतुलन भी कायम रहेगा।


ग्रामीण छात्रों के लिए वरदान

रायगढ़ जिला अपने ग्रामीण और अर्धशहरी चरित्र के लिए जाना जाता है। यहाँ के कई प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक कारणों से बड़े शहरों की कोचिंग और लाइब्रेरी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।

नालंदा परिसर उनके लिए उम्मीद की किरण है —


रायगढ़ का शैक्षणिक परिदृश्य और लाभ

रायगढ़ पहले से ही शैक्षणिक दृष्टि से उभरता हुआ जिला है — यहाँ गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, महिला महाविद्यालय, आईटीआई, और कई निजी कॉलेज हैं।

नालंदा परिसर के खुलने से इन संस्थानों के विद्यार्थियों को मिलेगा:

यह रायगढ़ को “शैक्षणिक हब” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम होगा।


सरकार की दीर्घकालिक योजना

राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि आने वाले वर्षों में इन परिसरों को ‘Nalanda Digital Network’ से जोड़ा जाएगा।
इसके माध्यम से

यह नेटवर्किंग सिस्टम छत्तीसगढ़ को “डिजिटल नॉलेज स्टेट” बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।


शैक्षणिक जगत की प्रतिक्रिया

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि नालंदा परिसर न केवल विद्यार्थियों को सहायता देंगे, बल्कि राज्य में एक “रिसर्च-ओरिएंटेड कल्चर” को भी जन्म देंगे।
डॉ. एस.के. मिश्रा (प्रोफेसर, रायगढ़ कॉलेज) कहते हैं —

“यह पहल शिक्षा को केवल परीक्षा तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि ज्ञान की खोज, नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करेगी।”

छत्तीसगढ़ सरकार का ‘नालंदा परिसर’ प्रोजेक्ट केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर योजना नहीं, बल्कि एक शैक्षणिक क्रांति है।
यह पहल न केवल रायगढ़ बल्कि पूरे राज्य के छात्रों को समान अवसर, गुणवत्तापूर्ण संसाधन और आत्मविश्वास प्रदान करेगी।

700-सीटर रायगढ़ नालंदा परिसर आने वाले समय में युवा प्रतिभाओं का केंद्र बनेगा — जहाँ से शिक्षा, विचार और नवाचार की नई कहानियाँ लिखी जाएँगी।
यह सचमुच छत्तीसगढ़ के लिए “नए नालंदा युग” की शुरुआत है।

Next –

छत्तीसगढ़ में दवाओं की गुणवत्ता पर स्वास्थ्य विभाग की सख्ती जांच से हड़कंप

 

Exit mobile version