एंबुलेंस में ले जाए जा रहे शवों के साथ व्यक्ति की गुमशुदगी और मृत्यु – रायगढ़ की रहस्यमयी घटना
1. घटना का सारांश
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया।
4 अक्टूबर 2025 की देर रात एक व्यक्ति, जो एंबुलेंस में दो शवों को अस्पताल ले जा रहा था, अचानक गायब हो गया। सुबह ग्रामीणों ने उसकी तलाश शुरू की और कुछ घंटों बाद वह गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला।
अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एम्बुलेंस में शव ले जा रहे व्यक्ति की गुमशुदगी और बाद में मृत्यु
एक व्यक्ति, जो दो मृतकों को अस्पताल ले जा रहे थे, रास्ते में गायब हो गया और बाद में घायल अवस्था में मिला। अस्पताल में उसकी मौत हो गई, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश उत्पन्न हुआ। India Today
यह घटना जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र के पास की बताई जा रही है। रहस्यमय परिस्थितियों में हुई इस मौत ने पुलिस प्रशासन, ग्रामीणों और परिजनों — सभी को असमंजस में डाल दिया है।
2. घटना की पृष्ठभूमि
मृतक व्यक्ति का नाम रमेश पटेल (परिवर्तित नाम) बताया गया है।
जानकारी के अनुसार, कुछ घंटे पहले ही उसके गांव में दो लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी। प्रशासन की ओर से दोनों शवों को जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा था, और रमेश को एंबुलेंस चालक की मदद के लिए साथ भेजा गया था।
रात करीब 11 बजे एंबुलेंस अस्पताल के लिए निकली। लेकिन रास्ते में अचानक रमेश लापता हो गया।
चालक का कहना था कि उसने रमेश को बीच रास्ते में उतरते नहीं देखा — वह “अचानक गायब” हो गया।
इस बयान ने ही पूरे मामले को रहस्यमय मोड़ दे दिया।
3. गुमशुदगी से लेकर मौत तक की पूरी कहानी
सुबह तक जब रमेश घर नहीं पहुंचा, तो ग्रामीणों ने उसकी खोजबीन शुरू की।
कुछ घंटे बाद, एंबुलेंस के रास्ते से लगभग दो किलोमीटर दूर खेतों के पास उसकी चप्पल और मोबाइल फोन मिले।
थोड़ी दूरी पर ही रमेश का शव अचेत अवस्था में पड़ा मिला, शरीर पर चोट के कई निशान थे।
उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों का कहना था कि उसकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, और मामला केवल “दुर्घटना” नहीं लग रहा।
4. ग्रामीणों का आक्रोश
घटना के बाद गांव में भारी आक्रोश फैल गया।
सैकड़ों ग्रामीण पुलिस थाने के बाहर जमा हो गए और कार्रवाई की मांग करने लगे।
लोगों का कहना था कि अगर रमेश एंबुलेंस में था, तो उसके गायब होने पर चालक या स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत सूचना क्यों नहीं दी?
ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए कहा –
“हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक सच सामने नहीं आता।”
कई लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि एंबुलेंस में “तीसरा व्यक्ति” भी मौजूद था, जिसे अब तक प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किया है।
5. पुलिस और प्रशासन की प्रारंभिक कार्रवाई
रायगढ़ पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है।
मामले को “संदिग्ध मृत्यु” के रूप में दर्ज किया गया है।
एंबुलेंस चालक से लंबी पूछताछ की गई और वाहन को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि —
“घटनास्थल से कई सबूत मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट होगा।”
साथ ही, जिले के एसपी ने विशेष जांच दल (SIT) गठित करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी लापरवाही को नजरअंदाज न किया जाए।
6. परिजनों के बयान
रमेश के परिवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि —
“वह पूरी तरह स्वस्थ था, कोई झगड़ा या परेशानी नहीं थी।
उसे किसी साजिश के तहत मारा गया है।”
परिवार ने आशंका जताई कि यह मामला अवैध शराब या आपराधिक गिरोह से जुड़ा हो सकता है, क्योंकि हाल ही में रमेश ने गांव में अवैध शराब की शिकायत की थी।
हालांकि इस दावे की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
7. सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना ने स्थानीय राजनीति और प्रशासनिक सिस्टम दोनों को झकझोर दिया है।
कई सामाजिक संगठनों ने इसे “सिस्टम की विफलता” बताया और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि अगर सरकारी वाहन में किसी की मृत्यु रहस्यमय ढंग से होती है, तो यह राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
सोशल मीडिया पर भी यह मामला #RaigarhMysteryDeath के नाम से ट्रेंड करने लगा।
8. मीडिया कवरेज और जांच की दिशा
राष्ट्रीय मीडिया ने इस मामले को उठाया और इसे “रायगढ़ का रहस्यमयी एंबुलेंस केस” कहा।
पुलिस के अनुसार, अब तक की जांच में तीन बिंदुओं पर काम किया जा रहा है:
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चालक की भूमिका – क्या उसने कुछ छुपाया?
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रमेश के गायब होने की जगह – वहां कोई संघर्ष या धक्का-मुक्की के निशान?
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मौत का वास्तविक कारण – पोस्टमार्टम में चोटें दुर्घटनात्मक हैं या हमला दर्शाती हैं?
सूत्रों के अनुसार, CCTV फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा भी जुटाया जा रहा है ताकि घटनाक्रम का क्रम पता चल सके।
9. संभावित कारण और विशेषज्ञों की राय
घटना पर कई तरह के अनुमानों की चर्चा चल रही है:
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कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह संभव है कि रमेश किसी कारण से एंबुलेंस से उतर गया और जंगली जानवर या असामाजिक तत्वों का शिकार हुआ हो।
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वहीं, कुछ का कहना है कि यह जानबूझकर की गई हत्या भी हो सकती है, ताकि किसी पुराने विवाद या शिकायत को दबाया जा सके।
फॉरेंसिक विशेषज्ञों का कहना है कि घायलियों की दिशा और गहराई से पता चल सकता है कि चोटें “गिरने” से आईं या “हमले” से।
10. ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन
अगले दिन सुबह से ही गांव में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
लोगों ने शव को सड़क पर रखकर घंटों तक चक्का जाम किया और पुलिस से पारदर्शी जांच की मांग की।
प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को मुआवजा और नौकरी देने का आश्वासन दिया।
इसके बाद ही प्रदर्शन समाप्त हुआ।
11. प्रशासन की प्रतिक्रिया
रायगढ़ के कलेक्टर और एसपी दोनों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा –
“यह मामला बेहद संवेदनशील है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
जांच के लिए पुलिस की एक टीम को धरमजयगढ़ क्षेत्र में ड्रोन सर्वे और क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्शन का आदेश दिया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
12. आम जनता की भावना
रायगढ़ की इस रहस्यमयी घटना ने न केवल एक व्यक्ति की जान ली, बल्कि पूरे समाज के विश्वास और सुरक्षा की भावना को भी झकझोर दिया है।
गांव में आज भी लोग उस रात की चर्चा करते हैं — कैसे एक व्यक्ति जो दो शवों के साथ एंबुलेंस में बैठा था, अचानक गायब हो गया और अगली सुबह मृत मिला।
गांव की बुज़ुर्ग महिलाएं आज भी कहती हैं —
“रमेश तो हमेशा मदद करने वाला लड़का था, वो किसी का बुरा नहीं सोच सकता था। उसे क्यों मारा गया?”
इस घटना के बाद लोगों में गहरा भय और अविश्वास फैल गया है।
अब जब भी किसी को रात में अस्पताल या पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाना होता है, ग्रामीण कई लोग साथ जाने पर जोर देते हैं।
कई परिवारों ने तो कहा कि अब वे अकेले किसी वाहन में नहीं बैठेंगे, खासकर जब मामला सरकारी वाहन या शव वाहन से जुड़ा हो।
गांव और आसपास के इलाके में लोग आज भी चर्चा कर रहे हैं कि एक व्यक्ति एंबुलेंस में बैठा था, और बिना किसी सूचना के कैसे गायब हो गया?
कई लोगों ने कहा कि अब एंबुलेंस सेवाओं में भी पारदर्शिता और GPS मॉनिटरिंग जरूरी होनी चाहिए ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
स्थानीय लोग रमेश को ईमानदार और मिलनसार व्यक्ति बताते हैं, जिसने गांव में हमेशा सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया।
13. वर्तमान स्थिति
इस घटना की जांच फिलहाल जारी है।
पुलिस को कुछ डीएनए और फिंगरप्रिंट साक्ष्य मिले हैं जिन्हें रायपुर की लैब भेजा गया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मौत का कारण सिर पर गंभीर चोट बताया गया है, लेकिन यह चोट कैसे लगी — यह अभी स्पष्ट नहीं है।
प्रशासन ने कहा है कि 72 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट जारी की जाएगी।
14. भविष्य की संभावनाएँ और सबक
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की मौत का मामला है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को भी उजागर करती है।
सरकारी एंबुलेंस सेवाओं में पारदर्शिता की कमी, निगरानी की अनुपस्थिति और जवाबदेही की कमी ने इस हादसे को और गंभीर बना दिया।
भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को चाहिए कि:
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हर एंबुलेंस में GPS ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य किया जाए।
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चालक और सहायक कर्मियों की पुलिस सत्यापन रिपोर्ट हो।
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शव ले जाने के दौरान एक प्रमाणित रिकॉर्ड या वीडियो दस्तावेज़ तैयार किया जाए।
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ग्रामीण क्षेत्रों में रात के समय पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।
रायगढ़ की यह घटना केवल एक व्यक्ति की मौत की कहानी नहीं, बल्कि प्रणालीगत लापरवाही और जवाबदेही के अभाव की चेतावनी है।
जब किसी व्यक्ति की मौत सरकारी वाहन में रहस्यमय ढंग से होती है, तो यह समाज की सुरक्षा और विश्वास दोनों पर सवाल खड़े करता है।
रमेश की मौत का सच चाहे जो भी निकले, लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि जनता के भरोसे और प्रशासन की पारदर्शिता के बीच अभी भी लंबा फासला बाकी है।
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